Sarfaraz Khan: इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट शुरू होने के साथ ही अपने करियर का आगाज करने वाले सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने करियर की पहली पारी में करोड़ों फैंस को यह अच्छी तरह बता दिया कि वह टेस्ट क्रिकेट भी ठीक उसी अंदाज में खेलेंगे, जिस तरह उनके बल्ले से घरेलू क्रिकेट में रन बरसाए हैं. आप यह इस बात से और भी अच्छी तरह समझ सकते हैं कि सरफराज (Sarfaraz's debut) ने अपना अर्द्धशतक पूरा करने के लिए सिर्फ 48 गेंद खेलीं. हालांकि, इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने सरफराज के खिलाफ खास रणनीति अपनाई थी.
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नहीं चली स्टोक्स की बाउंसर रणनीति
भारत ए के खिलाफ खेलने वाई इंग्लैंड लॉयन्स के कोच की सलाह पर बेन स्टोक्स ने सरफराज के खिलाफ बहुत ही स्पेशल रणनीति अपनाई. और इसके तहत इंग्लिश पेसर ने क्रीज के कोने से और राउंड-द-विकेट आकर सरफराज के खिलाफ बाउंसरी झड़ी लगा दी. यह देख दूसरे छोर पर जडेजा ने उनसे धैर्य बरतने को कहा. और कुछ मुश्किल ओवर गुजरने के बाद सरफराज अपने चिर-परिचित अंदाज में खेले. और सरफराज ने कारनामा कर दिखाया.
बन गए भारतीय इतिहास के दूसरे बल्लेबाज
सरफराज ने जहां जरुरत पर सिंगल्स-डबल्स लिए, तो बाउंड्री के लिए कदमों का इस्तेमाल किया, तो घुटना टेककर गेंद को डीप स्कवॉयर लेग या मिडविकेट से भी भेजा. और यही वजह रही कि रन आते रहे और 48 गेंदों पर जड़े अर्द्धशतक के साथ ही जडेजा भारतीय टेस्ट इतिहास में अपने पहले ही टेस्ट में सबसे तेज अर्द्धशतक जड़ने वाले संयुक्त रूप से दूसरे बल्लेबाज बन गए. उनसे पहले यह कारनामा हार्दिक पांड्या के नाम पर था. हार्दिक ने साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ यह कारनामा किया था.
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