गुरकीरत सिंह (बाएं), शारदुल ठाकुर और श्रेयस अय्यर (दाएं)- फोटो सौजन्य : PTI & Twitter
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के लिए साल 2015 वनडे और टी-20 में कुछ खास नहीं रहा है। वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल में पहुंचने की उपलब्धि को छोड़ दिया जाए, तो बताने के लिए कुछ नहीं बचता। कुछ प्लेयर्स का प्रदर्शन तो काफी निराशाजनक रहा है। ऐसे में टी-20 वर्ल्ड कप से पहले होने जा रहे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम चयन पर सबकी नजर है। देखने वाली बात होगी कि क्या चयनकर्ता कुछ नए प्लेयर्स पर दांव लगाएंगे। हम आपको कुछ ऐसे ही प्लेयर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने प्रदर्शन से टीम में एंट्री का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
बैटिंग में नई एंट्री हो सकते हैं श्रेयस अय्यर
मुंबई के इस 21 वर्षीय युवा बल्लेबाज का चयन चौंकाने वाला हो सकता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट के साथ ही आईपीएल में भी एक्सपर्ट्स को काफी प्राभवित किया है। श्रेयस ने इस साल 8 रणजी मैचों में 930 रन बनाए हैं, जिनमें उनका औसत 71.53 रहा। इसके साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) के अब तक के 6 मैचों में 222 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 101.36 रहा। वैसे भी लंबे समय से टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में किसी नए खिलाड़ी को जगह नहीं मिली है।
मध्यक्रम की बैटिंग
टीम इंडिया की वनडे क्रिकेट में असफलता का प्रमुख कारण मध्यक्रम की बैटिंग का नहीं चलना रहा है। वनडे कैप्टन एमएस धोनी के भी फॉर्म में नहीं होने या यूं कहें कि उनकी कम होती मारक क्षमता के कारण हम मैचों को 'फिनिश' नहीं कर पा रहे। ऐसे में हमें इस क्रम पर एक या दो प्लेयर्स की सख्त जरूरत है, जो ऐसा कर सकें। इसके लिए इन प्लेयर्स पर नजर है:
मुरली विजय : टेस्ट मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे मुरली विजय को उनकी अच्छी तकनीक को देखते हुए टीम में जगह मिल सकती है। वैसे भी ऑस्ट्रेलिया के तेज विकेट पर विजय जैसे सधी हुई तकनीक वाले बल्लेबाज की जरूरत रहेगी, जो एक छोर थामे रहे और अच्छी शुरुआत दे।
तेज गेंदबाजी में नई एंट्री हो सकते हैं शारदुल ठाकुर
टीम इंडिया को नए तेज गेंदबाज की भी तलाश है, जो लिमिटेड ओवर के क्रिकेट में कम रन देने के साथ ही विकेट निकाल सके। मौजूदा दौर में भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा हैं, लेकिन वे खरे नहीं उतर रहे। इस बीच मध्यम गति के एक अन्य गेंदबाज ने सबका ध्यान खींचा है, जो बॉलिंग में नई एंट्री हो सकते हैं। ये हैं शारदुल ठाकुर।
शारदुल ने इस साल 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में 29 विकेट लिए हैं, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में 6 विकेट लिए हैं। उनकी गति मोहित और भुवी से अधिक है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई पिचों को देखते हुए उन्हें मौका मिल सकता है।
पुराना पेयर- शमी और उमेश यादव
वर्ल्ड के दौरान मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने शानदार प्रदर्शन किया था। शमी ने जहां 17 विकेट लिए थे, वहीं यादव ने 18 विकेट अपने नाम किए थे। शमी चोट के कारण टीम से बाहर थे। शमी ने सर्जरी के बाद विजय हजारे ट्रॉफी के दो मैचों में अच्छी गेंदबाज़ी की है। अब फिट होने पर उन्हें टीम में रखा जा सकता है, वहीं यादव ने दिल्ली टेस्ट में शानदार गेंदबाजी करते हुए फॉर्म में वापसी के संकेत दिए हैं।
स्पिन अटैक में जडेजा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैचों में 23 विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा भी वनडे में वापसी के प्रबल दावेदार हो गए हैं। गौरतलब है कि जडेजा को बांग्लादेश के दौरे के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। अक्षर पटेल के लगातार कुछ खास नहीं कर पाने पर उन्हें मौका मिल सकता है।
अब देखना यह होगा कि शनिवार शाम होने वाली चयन समिति की बैठक में सीनियर टीम के चयनकर्ताओं को ये कितना प्रभावित कर पाते हैं। या यू कहें कि चयनकर्ता कुछ नया करने के बारे में सोच रहे हैं या फिर हमेशा की तरह पुराने खिलाड़ियों पर ही भरोसा करेंगे।
बैटिंग में नई एंट्री हो सकते हैं श्रेयस अय्यर
मुंबई के इस 21 वर्षीय युवा बल्लेबाज का चयन चौंकाने वाला हो सकता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट के साथ ही आईपीएल में भी एक्सपर्ट्स को काफी प्राभवित किया है। श्रेयस ने इस साल 8 रणजी मैचों में 930 रन बनाए हैं, जिनमें उनका औसत 71.53 रहा। इसके साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) के अब तक के 6 मैचों में 222 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 101.36 रहा। वैसे भी लंबे समय से टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में किसी नए खिलाड़ी को जगह नहीं मिली है।
राहुल द्रविड़ के साथ श्रेयस अय्यर (फोटो : @ImNeil_03 ट्विटर पेज साभार)
मध्यक्रम की बैटिंग
टीम इंडिया की वनडे क्रिकेट में असफलता का प्रमुख कारण मध्यक्रम की बैटिंग का नहीं चलना रहा है। वनडे कैप्टन एमएस धोनी के भी फॉर्म में नहीं होने या यूं कहें कि उनकी कम होती मारक क्षमता के कारण हम मैचों को 'फिनिश' नहीं कर पा रहे। ऐसे में हमें इस क्रम पर एक या दो प्लेयर्स की सख्त जरूरत है, जो ऐसा कर सकें। इसके लिए इन प्लेयर्स पर नजर है:
- गुरकीरत सिंह मान : इस युवा ऑलराउंडर को दक्षिण अफ्रीका के साथ हुई वनडे सीरीज के शुरुआती तीन मैचों के लिए टीम में रखा गया था, लेकिन एक भी मैच में नहीं खिलाया गया। 25 साल के मान को मोहाली में पहले टेस्ट मैच के लिए रिजर्व प्लेयर के तौर पर भी टीम में रखा गया था। गुरकीरत इसके बाद रणजी के लिए वापस भेज दिए गए थे, जिसमें उन्होंने पंजाब की ओर से खेलते हुए तीन मैचों में 251 रन बनाए थे। इसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफब्रेक बॉलर मान ने 11 भी विकेट लिए थे। इन दिनों खेली जा रही विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 6 नंबर पर बैटिंग करते हुए 6 मैचों में 172 रन बनाए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 91.97 रहा। वे मध्यक्रम के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
- युवराज सिंह : धोनी की जगह 'फिनिशर' के रोल के लिए युवी से बेहतर कोई नहीं हो सकता, क्योंकि वर्तमान दौर में इस रोल में न तो सुरेश रैना चल पा रहे हैं और न ही अंबाती रायडू मध्यक्रम में प्रभाव छोड़ पा रहे हैं। वैसे भी युवी ने इस रणजी सीजन में एक शतक बनाया है, वहीं विजय हजारे के पहले 4 मैचों में 243 रन जोड़कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि युवी बॉलिंग में भी कमतर नहीं हैं।
- रॉबिन उथप्पा : इस रणजी सीजन में रॉबिन उथप्पा ने 8 मैचों में अब तक 759 रन बनाए हैं। हालांकि वे चोट के कारण विजय हजारे ट्रॉफी में नहीं खेल पा रहे हैं, लेकिन घरेलू मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करके वे चयनकर्ताओं को आकर्षित करते रहे हैं। फिट होने की स्थिति में टीम में लिए जा सकते हैं।
मुरली विजय : टेस्ट मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे मुरली विजय को उनकी अच्छी तकनीक को देखते हुए टीम में जगह मिल सकती है। वैसे भी ऑस्ट्रेलिया के तेज विकेट पर विजय जैसे सधी हुई तकनीक वाले बल्लेबाज की जरूरत रहेगी, जो एक छोर थामे रहे और अच्छी शुरुआत दे।
तेज गेंदबाजी में नई एंट्री हो सकते हैं शारदुल ठाकुर
टीम इंडिया को नए तेज गेंदबाज की भी तलाश है, जो लिमिटेड ओवर के क्रिकेट में कम रन देने के साथ ही विकेट निकाल सके। मौजूदा दौर में भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा हैं, लेकिन वे खरे नहीं उतर रहे। इस बीच मध्यम गति के एक अन्य गेंदबाज ने सबका ध्यान खींचा है, जो बॉलिंग में नई एंट्री हो सकते हैं। ये हैं शारदुल ठाकुर।
क्रिकेटर रोहित शर्मा के साथ शारदुल ठाकुर (फोटो : शारदुल के ट्विटर पेज से साभार)
शारदुल ने इस साल 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में 29 विकेट लिए हैं, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में 6 विकेट लिए हैं। उनकी गति मोहित और भुवी से अधिक है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई पिचों को देखते हुए उन्हें मौका मिल सकता है।
पुराना पेयर- शमी और उमेश यादव
वर्ल्ड के दौरान मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने शानदार प्रदर्शन किया था। शमी ने जहां 17 विकेट लिए थे, वहीं यादव ने 18 विकेट अपने नाम किए थे। शमी चोट के कारण टीम से बाहर थे। शमी ने सर्जरी के बाद विजय हजारे ट्रॉफी के दो मैचों में अच्छी गेंदबाज़ी की है। अब फिट होने पर उन्हें टीम में रखा जा सकता है, वहीं यादव ने दिल्ली टेस्ट में शानदार गेंदबाजी करते हुए फॉर्म में वापसी के संकेत दिए हैं।
स्पिन अटैक में जडेजा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैचों में 23 विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा भी वनडे में वापसी के प्रबल दावेदार हो गए हैं। गौरतलब है कि जडेजा को बांग्लादेश के दौरे के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। अक्षर पटेल के लगातार कुछ खास नहीं कर पाने पर उन्हें मौका मिल सकता है।
अब देखना यह होगा कि शनिवार शाम होने वाली चयन समिति की बैठक में सीनियर टीम के चयनकर्ताओं को ये कितना प्रभावित कर पाते हैं। या यू कहें कि चयनकर्ता कुछ नया करने के बारे में सोच रहे हैं या फिर हमेशा की तरह पुराने खिलाड़ियों पर ही भरोसा करेंगे।
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