मेलबर्न (Melbourne ODI) में ऑस्ट्रेलिया (#INDvAUS, #INDvsAUS) के खिलाफ तीसरे वनडे (3rd ODI) मेजबानों को सात विकेट से पटखनी देने और ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पहली बार द्विपक्षीय सीरीज 2-1 से जीतने के बाद क्रिकेट पंडितों, मीडिया और फैंस के बीच सिर्फ और सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की ही चर्चा है. और आखिर हो भी क्यों न. तीन मैचों में 193.00 के औसत से 193 रन बटोरने और दो मैचों में नॉटआउट लौटने का कारनामा माही ने तब किया है, जब अपने 38वें साल में चल रहे हैं. इसी प्रदर्शन ने माही को मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड भी दिला दिया. और इसी के साथ ही उन्होंने युवा खिलाड़ियों को एक बड़ा चैलेंज भी दे दिया है.
India win in Melbourne to take the series 2-1!
— ICC (@ICC) January 18, 2019
MS Dhoni's 87*, his third consecutive half-century, and 61* from Kedar Jadhav lead the way as Australia's 230 is chased down for a seven wicket victory.#AUSvIND scorecard https://t.co/TnQ5ZSZFxQ pic.twitter.com/NuMvUtbsMK
धोनी और मेजबान के शॉन मार्श के बीच मैन ऑफ द सीरीज के लिए होड़ थी. सभी यह मानकर चल रहे थे कि दो सौ से ज्यादा रन बनाने वाले शॉन मार्श को ही मैन ऑफ द सीरीज चुना जाएगा. लेकिन आखिर में धोनी को इस अवार्ज के लिए चुना गया, तो माही ने आलोचकों को जवाब देते हुए अपने चाहने वालों को बाग-बाग कर दिया. वहीं, इस मैच में धोनी ने दो कारनामे ऐसे किए कि युवा भी शर्मा जाएं.
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Eat.
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) January 18, 2019
Sleep.
Finish games.
Repeat.
Life as @msdhoni. pic.twitter.com/5GXrzH0dtR
कुछ लोग पहले वनडे तक धोनी को चूका और वेटरन करार दे रहे थे. लेकिन ऐसे लोगों को माही ने मेलबर्न में चुप कर दिया. 38वें साल में चल रहे धोनी ने बताया कि रनों का पीछा कैसे किया जाता है. धोनी ने मेलबर्न में नाबाद 87 रन की पारी खेली, लेकिन इसके 72 % प्रतिशत रन धोनी ने दौड़कर बनाए. धोनी ने 114 गेंदों का सामना किया. और रनों का पीछा करते हुए उनका यह दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा. एक और बड़ा कारनामा धोनी का सुनील गावस्कर को पीछे छोड़ देना रहा.
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बता दें कि धोनी 37 साल 195 दिन की उम्र में प्लेयर ऑफ द सीरीज जीतने वाले भारत के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं. उनसे पहले यह रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम था. गावस्कर ने 1987 में श्रीलंका के खिलाफ 37 साल 191 दिन की उम्र में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीता था. यह बात बताती है कि उम्र भले ही हो चली हो माही की, लेकिन वह अभी भी युवाओं और बड़ों-बड़ों को पानी पिलाने के लिए काफी हैं. देखते हैं कि कौन सा युवा खिलाड़ी माही को अपने उम्र के आखिरी दौर में धोनी का यह रिकॉर्ड तोड़ पाता है.
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