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This Article is From Mar 29, 2018

बॉल टैंपरिंग मामले में हो सकती है और सख्त सजा, जानिए क्रिकेट में लाल-पीले कार्ड पर क्या है ICC की राय

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकरी डेविड रिचर्डसन ने कहा कि वह मैदान पर खिलाड़ियों के बुरे बर्ताव पर रोक लगाने के लिए फुटबॉल की तर्ज पर क्रिकेट में लाल और पीला कार्ड इस्तेमाल करने के पक्ष में नहीं हैं.

बॉल टैंपरिंग मामले में हो सकती है और सख्त सजा, जानिए क्रिकेट में लाल-पीले कार्ड पर क्या है ICC की राय
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकरी डेविड रिचर्डसन ने कहा कि वह मैदान पर खिलाड़ियों के बुरे बर्ताव पर रोक लगाने के लिए फुटबॉल की तर्ज पर क्रिकेट में लाल और पीला कार्ड इस्तेमाल करने के पक्ष में नहीं हैं. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ, उपकप्तान डेविड वार्नर को गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण में दोषी पाए जाने के बाद एक साल का प्रतिबंध लगा है. इस घटना के बाद आईसीसी ने खिलाड़ियों की आचार संहिता में फिर से बदलाव करने का फैसला किया है. साथ ही रिचर्डसन ने इस बात के संकेत दिए हैं कि खिलाड़ियों की आचार संहिता और सख्त हो सकती है.

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खेल की संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने अंपायर को पीला और लाल कार्ड देने की वकालत की थी, ताकि वे मैदान पर खिलाड़ियों के खराब बर्ताव पर रोक लगा सके. रिचर्डसन से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कई जगहों से सुझाव मिले हैं. उसमें लाल और पीले कार्ड का इस्तेमाल शामिल है. आईसीसी में भी इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई है. मैं इससे आश्वस्त नहीं हूं. मुझे नहीं लगता इससे मदद मिलेगी.' 

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इससे पहले रिचर्डसन ने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ और छींटाकशी संबंधित सजा में जल्द ही संशोधन हो सकता है. रिचर्डसन ने कहा, 'हां, मुझे पूरा भरोसा है कि काफी कम समय में हम अपनी आचार संहिता में संशोधन कर सकते हैं, जिसे लागू करना आसान होगा और विशेष उल्ल्घंन में प्रतिबंध का स्तर निर्धारित करना आसान होगा. हम इसे काफी जल्दी कर सकते हैं.' दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व विकेटकीपर को हालांकि लगता है कि संशोधन थोड़े समय में किये जा सकते हैं, लेकिन खिलाड़ियों के बीच 'सम्मान की संस्कृति' को लागू करने की जरूरत है और इसमें समय लगेगा.

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उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सम्मान की संस्कृति लागू करने में लंबा समय लगेगा. यह एक रात में नहीं हो सकता. इसलिये इसमें थोड़ा ज्यादा समय लगेगा. निश्चित रूप से इस संहिता में आमूल चूल बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसमें स्पष्ट हो जायेगा कि जब हम गेंद से छेड़छाड़ की बात कर रहे हैं तो इसका क्या मतलब है और जब हम कह रहे हैं कि आप अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते तो इसका क्या मतलब है.' 

(इनपुट : एजेंसी)

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