अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड द्वारा लाए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में तूती बोलेगी।
आईसीसी की कमाई का ज्यादा हिस्सा अब इन तीनों बोर्डों को मिलेगा, साथ ही एफटीपी यानी फ्यूटर टूर एंड प्रोग्राम के तहत अब दो देश खुद तय करेंगे कि उन्हें कब और कहां कितनी क्रिकेट खेलनी है। साथ ही टेस्ट चैंपियंनशिप की योजना को बंद कर दिया गया है।
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हर चार साल में एक बार होता रहेगा। जुलाई, 2014 से क्रिकेट को चलाने का तौर-तरीका बदल जाएगा। जुलाई, 2014 से एन श्रीनिवासन आईसीसी के नए चेयरमैन होंगे। गौरतलब है कि श्रीलंका, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका ने पहले इस प्रस्ताव का विरोध किया था और इसे वर्ल्ड क्रिकेट के लिए खतरनाक बताया था।
पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के कड़े विरोध के बावजूद आईसीसी के ढांचे में बदलाव के विवादित प्रस्ताव को कार्यकारी बोर्ड की बैठक में मंजूरी दे दी गई। इसे आईसीसी के 10 पूर्णकालिक सदस्यों में से आठ का समर्थन मिला, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका ने बैठक में भाग नहीं लिया।
इस प्रस्ताव के प्रमुख बिंदुओं में कार्यकारी समिति और वित्त तथा वाणिज्यिक मामलों की समिति का गठन शामिल है, जिसमें बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तथा वेल्स क्रिकेट बोर्ड समेत पांच सदस्य होंगे। बैठक में पारित प्रस्ताव के मुताबिक बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष एन श्रीनिवासन 2014 के मध्य से आईसीसी बोर्ड के अध्यक्ष होंगे जो निर्णय लेने वाली शीर्ष ईकाई होगी।
आईसीसी ने एक बयान में कहा कि नई कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा, जो बोर्ड को रिपोर्ट करेगी। कार्यकारी समिति के पहले अध्यक्ष क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के वेली एडवर्ड्स होंगे, जबकि वित्त और वाणिज्यिक मामलों की समिति के अध्यक्ष ईसीबी के जाइल्स क्लार्क ही बने रहेंगे। ये दोनों पहले दो साल तक अध्यक्ष रहेंगे। बदलाव का यह दौर पूरा होने के बाद आईसीसी बोर्ड के अध्यक्ष का चयन आईसीसी बोर्ड में से होगा और सभी पूर्णकालिक सदस्य निदेशकों को चुनाव में खड़े होने का अधिकार होगा।
(इनपुट भाषा से भी)
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