विदेशों में भारत की लगातार हार के लिए महेंद्र सिंह धोनी को जिम्मेदार ठहराते हुए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा कि अगर टीम इंडिया पूर्ण चुनौती पेश करने में नाकाम रही तो फिर ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धी टीम के खिलाफ एक बार फिर उसकी हार तय है।
चैपल ने विदेशी सरजमीं पर भारत के लचर प्रदर्शन के संदर्भ में कहा, 'हार में कोई शर्म की बात नहीं है। यह क्रिकेट जीवन का हिस्सा है। हालांकि अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के मुताबिक प्रतिस्पर्धा पेश करने में नाकाम रहना शर्म की बात है। भारत ने ब्रिटेन के अपने पिछले दो दौरों और आस्ट्रेलिया के दौरे पर अधिकांश समय यही किया।'
चैपल ने कहा कि हाल में टेस्ट शृंखला में इंग्लैंड के दौरान 1-3 की शिकस्त पिछली हारों से भी बुरी है क्योंकि भारत ने लार्ड्स में मनोबल बढ़ाने वाली जीत दर्ज की थी।
चैपल ने कहा, 'इसका इस्तेमाल श्रृंखला में बढ़त को आगे बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए था लेकिन यह गर्त में गिरने की ओर उठाया गया कदम साबित हुआ।'
चैपल ने कहा, 'अगर भारत खराब बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण जारी रखता है तथा धोनी की लचर कप्तानी में पूर्ण प्रतिस्पर्धा पेश करने में नाकाम रहता है जो ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धी टीम के खिलाफ एक और आत्मसमर्पण तय है।'
उन्होंने कहा, 'भारत की इन हारों में धोनी ने लगातार गलतियां की। तीनों मामलों में.. पहले दो शृंखलाओं में पूरे समय और हाल की शृंखला के अंतिम दो मैचों में उनकी कप्तानी टीम को प्रेरित करने में नाकाम रही।'
चैपल ने धोनी की कप्तानी ही नहीं बल्कि उनकी विकेटकीपिंग की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, 'पहली स्लिप काफी मुश्किल जगह बन गई है क्योंकि धोनी ने बल्लेबाज की आफ साइड में सीधे कैच के अलावा अन्य मौकों पर प्रयास करना छोड़ दिया है। उनकी कमजोरी ने ना सिर्फ स्लिप खिलाड़ियों की पहुंच कम कर दी है बल्कि इससे पहली स्लिप में खड़े खिलाड़ी के दिमाग में भ्रम भी पैदा होता है।'
धोनी की चयन नीति की आलोचना करते हुए चैपल ने कहा, 'मैं कभी चयन में कप्तान का वोट होने के पक्ष में नहीं रहा। उसे बात सुनी जानी चाहिए लेकिन उसे वोट का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। इस शृंखला में धोनी ने काफी उदाहरण पेश किए कि ऐसा क्यों होना चाहिए। ऑलराउंडर के रूप में उसका स्टुअर्ट बिन्नी का चयन करना बेतुका था। इसके अलावा खिलाड़ी के प्रति उसका बर्ताव हैरानी भरा था। बिन्नी के आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के बावजूद उसने गेंदबाज के रूप में उसका बेहद कम इस्तेमाल किया।'
उन्होंने कहा, 'रविंद्र जडेजा को शीर्ष स्पिनर के रूप में चुनना गंभीर गलती थी। धोनी ने इसके बाद साउथम्पटन में उसका इस्तेमाल कामचलाऊ के रूप में किया जो यह साबित करने का प्रयास दिखा कि वह शीर्ष स्पिन गेंदबाज नहीं है।'
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