रवि शास्त्री और विराट कोहली (फाइल फोटो : PTI)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री ने कहा कि तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को सीखना होगा कि आक्रामक क्रिकेट खेलते हुए सीमा कैसे बनाए रखनी है। हालांकि शास्त्री चाहते हैं कि एक सीमा के साथ ईशांत आक्रामक रहें और वे उन्हें इसके लिए प्रेरित करने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
शास्त्री ने 'बीसीसीआई.टीवी' से कहा, 'मुझे पता है कि आक्रामकता के कारण उसे काफी फटकार का सामना करना पड़ा है और वह सीख जाएगा कि कहां सीमा बनानी है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि उसे पूरी टीम का समर्थन हासिल है। मैं चाहता हूं कि वह आक्रामक रहे और मैं उसे उस दिशा में ले जाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा, लेकिन मैं सीमा भी बनाऊंगा।'
खलेगी ईशांत की कमी
शास्त्री ने स्वीकार किया कि श्रीलंका के खिलाफ आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए एक मैच के प्रतिबंध के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम को उनकी कमी खलेगी।
शास्त्री ने कहा, 'हमें पहले टेस्ट में उसकी कमी खलेगी। वह हमारा सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज है। उसने श्रीलंका में शानदार गेंदबाजी की और वह अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है। कुछ और भाग्य के साथ वह उस सीरीज में 10 और विकेट हासिल कर सकता था।'
नहीं छोड़ेंगे आक्रामकता
शास्त्री ने यह भी कहा है कि अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज में भारतीय टीम 'आक्रामक क्रिकेट' की रणनीति से पीछे नहीं हटेगी। उनका मानना है कि इस सीरीज के दौरान प्रदर्शन में निरंतरता और धैर्य टीम इंडिया की सफलता की कुंजी होंगे।
22 साल बाद श्रीलंका में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद टीम डाइरेक्टर के पद पर बरकरार रखे गए शास्त्री ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका दुनिया की नंबर एक टीम है। उन्हें दबाव में डालने के लिए हमें लंबे समय तक लगातार अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। यही हमारी कोशिश होगी। हमारे खेलने की शैली में बदलाव नहीं आएगा।'
रखना होगा धैर्य
उन्होंने कहा, अगर आप ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में हमारे प्रदर्शन पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि जीत और हार के बीच का अंतर प्रदर्शन में निरंतरता था। यह पूछे जाने पर कि क्या निरंतरता का मतलब विरोधी को दबाव में लाने के बाद उसे बनाए रखते हुए उस पर विजय हासिल करना है, तो उन्होंने कहा, 'हां, मैं बिल्कुल यही कह रहा हूं और विरोधी को दबाव में डालने के बाद इससे बाहर नहीं निकलने देना। इसके लिए काफी धैर्य की जरूरत होती है।'
शास्त्री ने 'बीसीसीआई.टीवी' से कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में और श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में हमने पर्याप्त धैर्य नहीं दिखाया। अगले दो टेस्ट में धैर्य और अनुशासन आने के साथ हम नतीजे देख सकते हैं।'
भारत और दक्षिण अफ्रीका पहली बार चार टेस्ट की सीरीज में आमने-सामने होंगे। इस दौरे में पांच वनडे और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जाएंगे। दौरे की शुरुआत दो अक्टूबर को धर्मशाला में टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के साथ होगी।
शास्त्री ने 'बीसीसीआई.टीवी' से कहा, 'मुझे पता है कि आक्रामकता के कारण उसे काफी फटकार का सामना करना पड़ा है और वह सीख जाएगा कि कहां सीमा बनानी है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि उसे पूरी टीम का समर्थन हासिल है। मैं चाहता हूं कि वह आक्रामक रहे और मैं उसे उस दिशा में ले जाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा, लेकिन मैं सीमा भी बनाऊंगा।'
खलेगी ईशांत की कमी
शास्त्री ने स्वीकार किया कि श्रीलंका के खिलाफ आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए एक मैच के प्रतिबंध के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम को उनकी कमी खलेगी।
शास्त्री ने कहा, 'हमें पहले टेस्ट में उसकी कमी खलेगी। वह हमारा सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज है। उसने श्रीलंका में शानदार गेंदबाजी की और वह अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है। कुछ और भाग्य के साथ वह उस सीरीज में 10 और विकेट हासिल कर सकता था।'
नहीं छोड़ेंगे आक्रामकता
शास्त्री ने यह भी कहा है कि अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली सीरीज में भारतीय टीम 'आक्रामक क्रिकेट' की रणनीति से पीछे नहीं हटेगी। उनका मानना है कि इस सीरीज के दौरान प्रदर्शन में निरंतरता और धैर्य टीम इंडिया की सफलता की कुंजी होंगे।
22 साल बाद श्रीलंका में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद टीम डाइरेक्टर के पद पर बरकरार रखे गए शास्त्री ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका दुनिया की नंबर एक टीम है। उन्हें दबाव में डालने के लिए हमें लंबे समय तक लगातार अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। यही हमारी कोशिश होगी। हमारे खेलने की शैली में बदलाव नहीं आएगा।'
रखना होगा धैर्य
उन्होंने कहा, अगर आप ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में हमारे प्रदर्शन पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि जीत और हार के बीच का अंतर प्रदर्शन में निरंतरता था। यह पूछे जाने पर कि क्या निरंतरता का मतलब विरोधी को दबाव में लाने के बाद उसे बनाए रखते हुए उस पर विजय हासिल करना है, तो उन्होंने कहा, 'हां, मैं बिल्कुल यही कह रहा हूं और विरोधी को दबाव में डालने के बाद इससे बाहर नहीं निकलने देना। इसके लिए काफी धैर्य की जरूरत होती है।'
शास्त्री ने 'बीसीसीआई.टीवी' से कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में और श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में हमने पर्याप्त धैर्य नहीं दिखाया। अगले दो टेस्ट में धैर्य और अनुशासन आने के साथ हम नतीजे देख सकते हैं।'
भारत और दक्षिण अफ्रीका पहली बार चार टेस्ट की सीरीज में आमने-सामने होंगे। इस दौरे में पांच वनडे और तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जाएंगे। दौरे की शुरुआत दो अक्टूबर को धर्मशाला में टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के साथ होगी।
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