Adani Group helps Amir Hussain lone in setting academy: कुछ साल पहले पूरे विश्व में चर्चाओं में आए जम्मू-कश्मीर के दिव्यांग क्रिकेट आमिर हुसैन लोन (Amir Hussain Lone) ने अपनी अकादमी के लिए मिली मदद के लिए अदाणी ग्रुप का शुक्रिया अदा किया है. कश्मीर से आने वाले आमिर हुसैन लोन (Amir Husssain Lone) बचपन में एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवा बैठे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी स्थिति को जुनून की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया. और जब कुछ साल पहले उनका पैरों से बॉलिंग करने और बिना हाथ के गर्दन में बैट फंसाकर बैटिंग करने का विडियो सामने आया, तो यह सोशल मीडिया पर तूफान सा वायरल हो गया. सचिन तेंदुलकर सहित तमाम क्षेत्र की हस्तियों ने आमिर और उनके हौसले की खुले दिल से हौसलाअफाजाई की. वही, अदाणी ग्रुप के डायरेक्टर गौतम अदाणी ने भी नियमित रूप से आमिर की आर्थिक मदद की. और अब अदाणी समहू ने आमिर की कश्मीर में उनके गांव में इनडोर क्रिकेट अकादमी स्थापित करने लिए करीब सत्तर लाख रुपये की मदद की है.
सभी को मुफ्त कोचिंग मिलेगी
आमिर ने जल्द ही अनंतनाग जिले में अपने गांव बिजबेहरा में बनने जा रही अपनी इस इनडोर अकादमी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह क्रिकेट अकादमी दो कनाल जमीन पर बनेगी. इस अकादमी में करीब सौ बच्चों को कोचिंग दी जाएगी. और यह पूरी तरह से निशुल्क होगी. अकादमी अगले साल मार्च के महीने तक पूरी तरह से अस्तित्व में आ जाएगी और इसके लिए मैं अदाणी सर और अदाणी फाउंडेशन का शुक्रिया अदा करता हूं". उन्होंने कहा, "इस समय विंटर में काफी बर्फबारी हो रही है और हमें काफी दिक्कत आ रही है.आप पूछें मत. हम खिलाड़ी लोग से समझ सकते हैं. इसी के बाद हमने फैसला लिया कि हम इनडोर अकादमी बनाएंगे और इसमें दो टर्फ पिच रहेंगी.इसके बाद हमें सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम में परेशानी नहीं.इसका पूरा श्रेय गौतम अदाणी सर को जाता है."
"आस-पास के जिलों का भी फायदा होगा"
अकादमी के बारे में और विस्तार से बताते हुए आमिर ने कहा, "टर्फ पिच बिल्डिंग के अंदर रहेगी. सामान्य रूप से यहां बाहर भी खेल सकते हैं, लेकिन हम यहां सौ बच्चे तैयार कर सकते हैं. इससे हमारे गांव के आस-पास ही नहीं, बल्कि नजदीकी जिलों के बच्चों को भी फायदा होगा. बर्फबारी के कारण हम जानते हैं कि कितनी मुश्किल होती है. अब सपना सच हो रहा है. इसके लिए मैं अदाणी सर का शुक्रिया अदा करता हूं.
दुर्घटना से कम नहीं हुआ जुनून
साल 2013 से अपनी क्रिकेट यात्रा के बारे में आमिर ने कहा, "मेरा बचपन से ही सपना था शीर्ष स्तर पर खेलने का था, लेकिन आठ साल की उम्र में ही एक्सीटेंड होने के कारण यह सपना अधूरा रह गया. बहरहाल इसके बावजूद मैंने हौसला नहीं छोड़ा और मैंने दिव्यांग कैटेगिरी में जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया. मेरे क्रिकेट के जुनून के लिए मेरी पत्नी ने अपने गहने तक बेच दिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं