भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रविवार को कहा कि उन्हें पिछले महीने ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान अपने गुस्से पर कोई अफसोस नहीं है. अंपायर के आउट देने के फैसले पर स्टंप तोड़ने के बाद हरमनप्रीत पर दो मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था. बाद में मैच के बाद की प्रेंज़ेटेशन में, उन्होंने श्रृंखला के दौरान अंपायरिंग को "अनफेयर" भी कहा था. प्रतिबंध के बाद, हरमनप्रीत सितंबर-अक्टूबर में हांग्जोउ एशियाई खेलों में भारत के पहले दो टी20 मैचों में नहीं खेल पाएंगी.
उन्होंने कहा, "मैं ये नहीं कहूंगी कि मुझे किसी बात का पछतावा है क्योंकि दिन के अंत में एक खिलाड़ी के रूप में आप यह देखना चाहते हैं कि निष्पक्ष चीज़ें हो रही हैं. एक खिलाड़ी के रूप में, आपको हमेशा खुद को और आप जो महसूस कर रहे हैं उसे व्यक्त करने का अधिकार है." विमेंस 'द हंड्रेड' के दौरान उन्होंने ये बातें कही. हरमनप्रीत टूर्नामेंट में ट्रेंट रॉकेट्स के लिए खेल रही हैं.
उन्होंने दोहराया, "मुझे नहीं लगता कि मैंने किसी खिलाड़ी या किसी व्यक्ति के लिए कुछ भी गलत कहा है. मैंने सिर्फ वही कहा जो मैदान पर हुआ था. मुझे किसी बात का अफसोस नहीं है." प्रतिबंध के अलावा, हरमनप्रीत पर "अंपायरिंग निर्णय पर असहमति दिखाने" के लिए तीन डिमैरिट प्वाइंट और मैच अधिकारियों की "सार्वजनिक आलोचना" के लिए एक और डिमैरिट प्वाइंट लगाया गया था.
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