
कुलदीप यादव को सीरीज के पहले तीन वनडे में खेलने का मौका नहीं मिला था (फाइल फोटो)
Quick Take
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कहा, मैं रन रोकने के बजाय विकेट लेने की कोशिश करता हूं
आखिरकार टीम को विकेट लेने से ही मिलती है मदद
धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना सपना सच होने जैसा
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भारतीय टीम ने पांच मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त ले ली है. टीम में इस समय अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल स्पिन आक्रमण की जिम्मेदारी संभाल रखी है, जबकि देश को दो शीर्ष स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को इस सीरीज के लिए आराम दिया गया है. कुलदीप से जब टेस्ट से वनडे में आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "लाल गेंद से सफेद गेंद में काफी कुछ बदल जाता है. बल्लेबाज वनडे में ज्यादा आक्रामक होते हैं. टेस्ट में आपको विकेट के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. वनडे अलग होते हैं क्योंकि आपके पास सीमित समय होता है." उन्होंने कहा, "मैं रन रोकने की कोशिश नहीं करता, मैं हमेशा विकेट लेने के लिए जाता हूं. इससे टीम को भी मदद मिलती है."
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कुलदीप का मानना है कि गेंदबाजों को विकेट लेने की आदत होनी चाहिए रन रोकने की नहीं. बकौल कुलदीप, "मैं सरल तरीके से सोचता हूं. विकेट लेना गेंदबाज की आदत होनी चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप साधारण गेंदबाज हैं." कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए टेस्ट मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. इसके बाद वह वेस्टइंडीज दौरे पर भी टीम के साथ गए थे. उन्होंने कहा, "श्रीलंकाई विकेटों की अपेक्षा वेस्टइंडीज के विकेट ज्यादा धीमे थे. श्रीलंका में विकेट भारत के विकेटों की तरह हैं, इससे बल्लेबाजी आसान हो जाती है. वेस्टइंडीज में स्पिनरों के लिए टर्न नहीं थी. श्रीलंका के विकेट बल्लेबाजी करने के लिए बेहतर हैं."
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कुलदीप का कहना है कि भारत के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना उनके सपने का सच होना है. उन्होंने कहा कि धौनी विकेट के पीछे से सबसे अच्छे जज हैं. उन्होंने कहा, "धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने को लेकर मेरे पास शब्द नहीं हैं. पिछले छह महीनों से मैं माही भाई (धौनी) के साथ हूं. मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है. वह विकेट के पीछे से आपको सबसे अच्छी तरह समझ सकते हैं. मैं खुश किस्मत हूं कि मैं उनके 300वें वनडे मैच में उनके साथ रहूंगा." (इनपुट: आईएएनएस)
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