
अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम में चयन नहीं हो पाने से आहत ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि बार-बार की उपेक्षा से उनका मनोबल गिरा नहीं है और वह भारतीय टीम में वापसी की कोशिश करते रहेंगे।
हरभजन ने इस साल आईपीएल के 14 मैचों में 6. 47 की इकानामी रेट से 14 विकेट लिए। सुनील नारायण और अक्षर पटेल के अलावा बाकी स्पिनर जहां शीर्षक्रम के बल्लेबाजों को रोक नहीं पा रहे थे, वहीं हरभजन ने ग्लेन मैक्सवेल और क्रिस गेल जैसे बल्लेबाजों को आउट किया।
उन्होंने कहा, मैं कई बार उपेक्षित महसूस करता हूं और यह अच्छा अहसास नहीं है। भारतीय टीम में चयन नहीं होने से दुख होता है। इस साल आईपीएल में मेरा प्रदर्शन सभी ने देखा। मैं वही कर सकता हूं, जो मेरे हाथ में है। भले ही मैं इस उपेक्षा से आहत हूं, लेकिन टीम में वापसी की कोशिश करता रहूंगा। भारतीय स्पिनरों में मैंने सबसे उम्दा गेंदबाजी की थी। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने भविष्य के बारे में चयनकर्ताओं से बात की है, भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज ने कहा, मेरा काम गेंदबाजी करना और टीम के लिए मैच जीतना है, जो मैं कर रहा हूं। इसके अलावा मैं कुछ नहीं सोचता।
अभी मेरे पास उम्र है और मेरा मानना है कि मैं भारत के लिए फिर खेल सकता हूं। अपनी गेंदबाजी के बारे में हरभजन ने कहा कि कुछ बदलावों के साथ उन्हें अच्छे प्रदर्शन में मदद मिली। उन्होंने कहा, मैंने पिछले दो घरेलू सत्रों में अच्छी गेंदबाजी की है। मैंने अपनी गेंदों की गति में बदलाव किया और सफल रहा। मैंने 14 आईपीएल मैचों में से 10 में 24 से भी कम रन दिए। सिर्फ राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ एक मैच में मैंने 35 से अधिक रन दिए थे। हरभजन ने कहा, सबसे संतोषजनक बात यह थी कि अधिकांश मौकों पर मैंने बल्लेबाज को उस दिशा में गेंद खेलने के लिए मजबूर किया जहां मैं चाहता था। इससे मेरा भरोसा फिर कायम हो गया कि मैं अगले पांच साल और इस स्तर पर खेल सकता हूं।
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