हरारे:
भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को हरारे स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर हुए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में जिम्बाब्वे को 84 रनों से हरा दिया। इसके साथ ही अजिंक्य रहाणे की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने तीन मैचों की श्रृंखला में जिम्बाब्वे का 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया।
भारत से मिले 277 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की पूरी टीम 42.4 ओवरों में 193 रन बनाकर ढेर हो गई।
जिम्बाब्वे के लिए सिर्फ चामू चिभाभा (82) ही बल्ले से संघर्ष कर सके। चिभाभा ने रेगिस चकाब्वा (27) के साथ दूसरे विकेट के लिए 70 रनों की और रिचमंड मुतुंबमी (22) के साथ चौथे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाले रखा।
37वें ओवर की दूसरी गेंद पर चिभाभा का विकेट गिरते ही जिम्बाब्वे का संघर्ष भी समाप्त हो गया। चिभाभा के जाने के बाद अगले छह ओवरों में जिम्बाब्वे ने 33 रन और बनाने में अपने शेष पांच विकेट भी गंवा दिए।
भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए छह ओवरों में मात्र 12 रन दिए, हालांकि वह कोई विकेट हासिल नहीं कर सके। स्टुअर्ट बिन्नी ने सर्वाधिक तीन विकेट चटकाए, जबकि मोहित शर्मा, हरभजन सिंह और अक्षर पटेल ने दो-दो विकेट हासिल किए।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने लड़खड़ाती शुरुआत से उबरते हुए पदार्पण मैच खेल रहे मनीष पांडेय (71) और केदार जाधव (नाबाद 105) की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट खोकर 276 रन बनाए।
कप्तान अजिंक्य रहाणे (15) और मुरली विजय (13) अभी क्रीज पर जमने की कोशिश कर ही रहे थे कि बदलाव के तौर पर शामिल किए गए नेविले मादविजा ने प्रॉस्पर उत्सेया के हाथों 25 के कुल योग पर रहाणे को कैच आउट करवा दिया।
मादविजा ने अपने अगले ही ओवर में मुरली को भी विकेट के पीछे कैच करवा भारत को दूसरा झटका दे दिया।
इसके बाद बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बुलाए गए रोबिन उथप्पा (35) ने मनोज तिवारी (10) के साथ पारी को संभलकर आगे बढ़ाना शुरू किया, हालांकि तीसरे विकेट के लिए उनके बीच साझेदारी अभी 35 रन तक ही पहुंच पाई थी कि उत्सेया को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा तिवारी चलते बने।
तिवारी के पीछे-पीछे उथप्पा भी 82 के कुल योग पर पवेलियन लौट गए। उथप्पा का कैच हैमिल्टन मसाकाद्जा की गेंद पर कप्तान एल्टन चिगुंबरा ने लपका।
शुरुआती चार अहम विकेट गंवाकर संकट में नजर आने लगी भारतीय टीम को इसके बाद मनीष और केदार ने संभाल लिया। दोनों बल्लेबाजों ने अगले 25.1 ओवरों में 5.72 के औसत से तेजी से 144 रनों की साझेदारी निभाई और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया।
करियर के पहले ही मैच में अर्धशतक लगाने वाले मनीष की पारी 47वें ओवर में चामू चिभाभा ने रोकी। मनीष ने 86 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया।
मनीष के जाने के बाद एक छोर पर जम चुके केदार ने अचानक तेवर बदले और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी। केदार ने अपनी शानदार शतकीय पारी में 87 गेंदों का सामना कर 12 चौके और एक छक्का लगाया तथा स्टुअर्ट बिन्नी (नाबाद 18) के साथ आखिरी के 19 गेंदों पर तूफानी अंदाज में 50 रन जोड़ डाले।
केदार ने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया।
जिम्बाब्वे के लिए मादविजा ने दो और मसाकाद्जा, उत्सेया और चिभाभा ने एक-एक विकेट हासिल किया।
भारत से मिले 277 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की पूरी टीम 42.4 ओवरों में 193 रन बनाकर ढेर हो गई।
जिम्बाब्वे के लिए सिर्फ चामू चिभाभा (82) ही बल्ले से संघर्ष कर सके। चिभाभा ने रेगिस चकाब्वा (27) के साथ दूसरे विकेट के लिए 70 रनों की और रिचमंड मुतुंबमी (22) के साथ चौथे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाले रखा।
37वें ओवर की दूसरी गेंद पर चिभाभा का विकेट गिरते ही जिम्बाब्वे का संघर्ष भी समाप्त हो गया। चिभाभा के जाने के बाद अगले छह ओवरों में जिम्बाब्वे ने 33 रन और बनाने में अपने शेष पांच विकेट भी गंवा दिए।
भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए छह ओवरों में मात्र 12 रन दिए, हालांकि वह कोई विकेट हासिल नहीं कर सके। स्टुअर्ट बिन्नी ने सर्वाधिक तीन विकेट चटकाए, जबकि मोहित शर्मा, हरभजन सिंह और अक्षर पटेल ने दो-दो विकेट हासिल किए।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने लड़खड़ाती शुरुआत से उबरते हुए पदार्पण मैच खेल रहे मनीष पांडेय (71) और केदार जाधव (नाबाद 105) की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट खोकर 276 रन बनाए।
कप्तान अजिंक्य रहाणे (15) और मुरली विजय (13) अभी क्रीज पर जमने की कोशिश कर ही रहे थे कि बदलाव के तौर पर शामिल किए गए नेविले मादविजा ने प्रॉस्पर उत्सेया के हाथों 25 के कुल योग पर रहाणे को कैच आउट करवा दिया।
मादविजा ने अपने अगले ही ओवर में मुरली को भी विकेट के पीछे कैच करवा भारत को दूसरा झटका दे दिया।
इसके बाद बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बुलाए गए रोबिन उथप्पा (35) ने मनोज तिवारी (10) के साथ पारी को संभलकर आगे बढ़ाना शुरू किया, हालांकि तीसरे विकेट के लिए उनके बीच साझेदारी अभी 35 रन तक ही पहुंच पाई थी कि उत्सेया को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा तिवारी चलते बने।
तिवारी के पीछे-पीछे उथप्पा भी 82 के कुल योग पर पवेलियन लौट गए। उथप्पा का कैच हैमिल्टन मसाकाद्जा की गेंद पर कप्तान एल्टन चिगुंबरा ने लपका।
शुरुआती चार अहम विकेट गंवाकर संकट में नजर आने लगी भारतीय टीम को इसके बाद मनीष और केदार ने संभाल लिया। दोनों बल्लेबाजों ने अगले 25.1 ओवरों में 5.72 के औसत से तेजी से 144 रनों की साझेदारी निभाई और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया।
करियर के पहले ही मैच में अर्धशतक लगाने वाले मनीष की पारी 47वें ओवर में चामू चिभाभा ने रोकी। मनीष ने 86 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया।
मनीष के जाने के बाद एक छोर पर जम चुके केदार ने अचानक तेवर बदले और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी। केदार ने अपनी शानदार शतकीय पारी में 87 गेंदों का सामना कर 12 चौके और एक छक्का लगाया तथा स्टुअर्ट बिन्नी (नाबाद 18) के साथ आखिरी के 19 गेंदों पर तूफानी अंदाज में 50 रन जोड़ डाले।
केदार ने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया।
जिम्बाब्वे के लिए मादविजा ने दो और मसाकाद्जा, उत्सेया और चिभाभा ने एक-एक विकेट हासिल किया।
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