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This Article is From Dec 12, 2017

बर्थडे: 'इसलिए' टेस्ट में पिछड़ गए युवराज सिंह...क्या अब हो पाएगी वनडे में वापसी?

टीम इंडिया से बाहर चल रहे और इस साल रणजी ट्रॉफी सेशन में हिस्सा नहीं लेने वाले आतिशी बल्लेबाज को लेकर अब उनके ही नहीं, करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी भी यह सवाल करने लगे हैं कि क्या युवी भारतीय वनडे या टी-20 में भी अब भविष्य में वापसी कर पाएंगे.

बर्थडे:  'इसलिए' टेस्ट में पिछड़ गए युवराज सिंह...क्या अब हो पाएगी वनडे में वापसी?
युवराज सिंह का फाइल फोटो
नई दिल्ली: टीम इंडिया से बाहर चल रहे और इस साल चल रहे और रणजी ट्रॉफी 2017-18 सेशन में हिस्सा नहीं लेने वाले आतिशी बल्लेबाज युवराज सिंह को लेकर अब उनके प्रशंसक ही नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रशंसक भी यह सवाल करने लगे हैं कि क्या युवी अब कभी भारतीय वनडे या टी-20 में भी भविष्य में वापसी कर पाएंगे? क्या वह बीसीसीआई और कप्तान विराट कोहली की भविष्य की योजनाओं में फिट बैठ पाएंगे? वैसे अगर ये सवाल उठ रहे हैं, तो इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता क्योंकि मंगलवार को युवराज 36 साल के हो गए. मंगलवार को उन्होंने अपने 37वें साल में प्रवेश कर लिया. वैसे उठ रहे सवालों के पीछे सर्फ उम्र ही नहीं और भी कारण हैं. 
साफ है कि युवराज उम्र के ऐसे मुहाने पर आ पहुंचे हैं, जहां से वह सेलेक्टरों की फ्यूचर प्लानिंग में फिट बैठेंगे या नहीं, यह
बड़ा सवाल है. यह सही है कि कप्तान विराट कोहली के जबर्दस्त सपोर्ट के कारण युवी ने पहले एक-दो मौकों पर वनडे, या टी-20 टीम में वापसी की, लेकिन वह इन मौकों को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं ही कर सके. निरंतरता उनके प्रदर्शन से गायब हो गई. वहीं, फिटनेस को लेकर भी उन पर बड़ा सवाल लग गया है. पहले युवराज यो-यो टेस्ट पास करने में नाकाम साबित रहे थे, तो जारी रणजी ट्रॉफी मुकाबलों से भी उन्होंने खुद को अलग कर लिया, जिस पर बोर्ड के एक बड़े अधिकारी ने भी सवाल उठाए थे. 
 
एक समय साल 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के किलाफ खेले गए मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के जड़कर दुनिया भर 'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर रहे युवराज  का टेस्ट करियर भी वनडे की तरह ज्यादा नहीं खिंच सका. क्रिकेटप्रेमी यह आश्चर्य करते हैं कि इतना ज्यादा प्रतिभाशाली होते हुए भी युवराज
ज्यादा टेस्ट क्रिकेट क्यों नहीं खेल सके?
वैसे इसकी एक वजह यह भी रही कि टेस्ट टीम में उनका मुकाबला नंबर छह के लिए सौरव गांगुली जैसे दिग्गज से हो चला था. वहीं शीर्ष क्रम में द्रविड़, लक्ष्मण और  सचिन जैसे दिग्गजों के चलते उनकी जगह नहीं बन सकी. वहीं स्पिन के खिलाफ उनकी संदिग्ध योग्यता और 'फॉल्टी तकनीक' ने इस सवाल में और कोढ़ में खाज का काम किया. अगर युवी टेस्ट में वनडे की तुलना में कामयाब नहीं रहे, उसकी बड़ी वजह स्पिनरों के खिलाफ उनकी संदिग्ध तकनीक रही. टेस्ट में युवी ऑफ और लेग दोनों स्पिनरों के खिलाफ ज्यादातर संघर्षरत दिखाई पड़े.

VIDEO: युवराज के यो-यो टेस्ट में फेल होने पर अजय रात्रा की राय

अब जबकि सेलेक्टरों ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी-20 में उनकी जगह युवाओं को तरजीह दी है, तो यह सवाल
लाजिमी है कि क्या युवी के चाहने वालों को कभी टीम इंडिया की जर्सी में कभी उनके चिर-परिचित अंदाज के दर्शन होंगे. बहरहाल युवराज सिंह को 36वेें जन्मदिन और भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं
 

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