टीम इंडिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेट का रोमांच उस समय एक बार फिर चरम पर होगा, जब मंगलवार को दुनिया की दो शीर्ष टीमें भारत और ऑस्ट्रेलिया पांच मैचों की वन-डे सीरीज़ के पहले मुकाबले में आमने-सामने होंगी। पर्थ के वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) मैदान पर होने वाले इस मैच में भारतीय क्रिकेट प्रशंसक अपनी टीम से जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं, और टीम के प्रति उनके इस भरोसे के पीछे कुछ कारण भी हैं।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के तहत अब तक खेले गए दो अभ्यास मैचो में टीम इंडिया की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों रंग में दिखी हैं। जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, मनीष पांडे और अजिंक्य रहाणे ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं युवा बरिंदर सरां, ऋषि धवन, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजी में चमक दिखाई है। एक और सकारात्मक पहलू यह भी है कि पर्थ का विकेट तेज होने के बावजूद यहां पर टीम इंडिया का प्रदर्शन ठीकठाक रहा है।
सो आइए, पढ़ते हैं चार वे कारण, जो टीम इंडिया की जीत की संभावनाओं को मजबूत बना रहे हैं...
पहले की तुलना में कमजोर है स्मिथ की यह टीम
तेजतर्रार मिशेल जॉनसन के संन्यास ले लेने और उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे मिशेल स्टार्क के चोटिल होने के कारण ऑस्ट्रेलिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण कुछ कमजोर दिखाई दे रहा है। इन दोनों खिलाडि़यों की गैरमौजूदगी के बावजूद टीम के पास जोश हेजलवुड और जेम्स फॉकनर जैसे अच्छे गेंदबाज हैं, लेकिन इनकी अपेक्षाकृत कम गति टीम इंडिया के लिए प्लस प्वाइंट हो सकती है। उधर, आक्रामक डेविड वार्नर के सीरीज़ के बड़े हिस्से के लिए उपलब्ध होने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का 'टेस्ट' लेंगे अश्विन-जडेजा
हाल के समय में गेंदबाजी में यह जोड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही है। बेशक वाका का विकेट तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगा, लेकिन अश्विन अपनी विविधता और जडेजा अपने बाउंस से ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की परीक्षा ले सकते हैं।
कोहली, शिखर और रोहित का फॉर्म
टीम इंडिया के प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा ने अभ्यास मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। विराट और रोहित की बात करें तो ये गेंद को 'ऑन द राइज़' खेलना पसंद करते हैं। कट और पुल शॉट भी ये खेल सकते हैं। पर्थ का तेज़ विकेट इनकी बल्लेबाजी के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है।
धोनी जैसा प्रेरणादायी कप्तान
बल्ले से महेंद्र सिंह धोनी के प्रदर्शन में भले ही कुछ उतार आया हो, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता अब भी संदेह से परे है। इस कप्तानी क्षमता के बूते 'तकदीर के बादशाह' माही टीम इंडिया को कई कामयाबियां दिला चुके हैं। दबाव में भी वह खुद को संयत रखते हैं, और मुश्किल क्षणों में बेहतरीन प्रदर्शन करना माही की खासियत है।
...लेकिन भारी भी पड़ सकती हैं ये गलतियां...
'मैक्सी' और फॉकनर का आक्रमण
ग्लेन मैक्सवेल और हरफनमौला फॉकनर अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के बल पर कुछ ही ओवरों में मैच की तस्वीर बदल सकते हैं, सो, टीम इंडिया को इन दोनों से सावधान रहना होगा, और इन्हें आउट करने के लिए अच्छी रणनीति बनानी होगी।
दिशाहीन होकर न रह जाए गेंदबाजी
दौरे के एकदम पहले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के चोट के कारण बाहर होने से टीम इंडिया को करारा झटका लगा है। शमी की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक साबित हो सकती थी। ऐसे में तेज गेंदबाजी का काफी कुछ दारोमदार ईशांत शर्मा, उमेश यादव और युवा बरिंदर सरां पर होगा। इन्हें अच्छी लाइन-लेंथ पर गेंदें फेंककर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा। हालांकि टीम में गुरकीरत मान, ऋषि धवन जैसे आलराउंडर भी हैं, लेकिन कॉम्बिनेशन को देखते हुए शुरुआत के मैचों में इन्हें खेलने का मौका मिलने की संभावना नहीं के बराबर है।
पर्थ में औसत रहा है टीम इंडिया का प्रदर्शन
वन-डे में प्रदर्शन के लिहाज से देखें तो पर्थ में टीम इंडिया का प्रदर्शन ठीकठाक रहा है। भारतीय टीम ने यहां कुल 13 मैच खेले हैं, जिनमें से छह में उसे जीत मिली है और इतने ही मैचों में हार। एक मैच टाई समाप्त हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए तीन मैचों में एक में टीम इंडिया को जीत मिली है, जबकि दो में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के तहत अब तक खेले गए दो अभ्यास मैचो में टीम इंडिया की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों रंग में दिखी हैं। जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, मनीष पांडे और अजिंक्य रहाणे ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं युवा बरिंदर सरां, ऋषि धवन, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजी में चमक दिखाई है। एक और सकारात्मक पहलू यह भी है कि पर्थ का विकेट तेज होने के बावजूद यहां पर टीम इंडिया का प्रदर्शन ठीकठाक रहा है।
सो आइए, पढ़ते हैं चार वे कारण, जो टीम इंडिया की जीत की संभावनाओं को मजबूत बना रहे हैं...
पहले की तुलना में कमजोर है स्मिथ की यह टीम
तेजतर्रार मिशेल जॉनसन के संन्यास ले लेने और उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे मिशेल स्टार्क के चोटिल होने के कारण ऑस्ट्रेलिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण कुछ कमजोर दिखाई दे रहा है। इन दोनों खिलाडि़यों की गैरमौजूदगी के बावजूद टीम के पास जोश हेजलवुड और जेम्स फॉकनर जैसे अच्छे गेंदबाज हैं, लेकिन इनकी अपेक्षाकृत कम गति टीम इंडिया के लिए प्लस प्वाइंट हो सकती है। उधर, आक्रामक डेविड वार्नर के सीरीज़ के बड़े हिस्से के लिए उपलब्ध होने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का 'टेस्ट' लेंगे अश्विन-जडेजा
हाल के समय में गेंदबाजी में यह जोड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही है। बेशक वाका का विकेट तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगा, लेकिन अश्विन अपनी विविधता और जडेजा अपने बाउंस से ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की परीक्षा ले सकते हैं।
कोहली, शिखर और रोहित का फॉर्म
टीम इंडिया के प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा ने अभ्यास मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। विराट और रोहित की बात करें तो ये गेंद को 'ऑन द राइज़' खेलना पसंद करते हैं। कट और पुल शॉट भी ये खेल सकते हैं। पर्थ का तेज़ विकेट इनकी बल्लेबाजी के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है।
धोनी जैसा प्रेरणादायी कप्तान
बल्ले से महेंद्र सिंह धोनी के प्रदर्शन में भले ही कुछ उतार आया हो, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता अब भी संदेह से परे है। इस कप्तानी क्षमता के बूते 'तकदीर के बादशाह' माही टीम इंडिया को कई कामयाबियां दिला चुके हैं। दबाव में भी वह खुद को संयत रखते हैं, और मुश्किल क्षणों में बेहतरीन प्रदर्शन करना माही की खासियत है।
...लेकिन भारी भी पड़ सकती हैं ये गलतियां...
'मैक्सी' और फॉकनर का आक्रमण
ग्लेन मैक्सवेल और हरफनमौला फॉकनर अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के बल पर कुछ ही ओवरों में मैच की तस्वीर बदल सकते हैं, सो, टीम इंडिया को इन दोनों से सावधान रहना होगा, और इन्हें आउट करने के लिए अच्छी रणनीति बनानी होगी।
दिशाहीन होकर न रह जाए गेंदबाजी
दौरे के एकदम पहले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के चोट के कारण बाहर होने से टीम इंडिया को करारा झटका लगा है। शमी की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक साबित हो सकती थी। ऐसे में तेज गेंदबाजी का काफी कुछ दारोमदार ईशांत शर्मा, उमेश यादव और युवा बरिंदर सरां पर होगा। इन्हें अच्छी लाइन-लेंथ पर गेंदें फेंककर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा। हालांकि टीम में गुरकीरत मान, ऋषि धवन जैसे आलराउंडर भी हैं, लेकिन कॉम्बिनेशन को देखते हुए शुरुआत के मैचों में इन्हें खेलने का मौका मिलने की संभावना नहीं के बराबर है।
पर्थ में औसत रहा है टीम इंडिया का प्रदर्शन
वन-डे में प्रदर्शन के लिहाज से देखें तो पर्थ में टीम इंडिया का प्रदर्शन ठीकठाक रहा है। भारतीय टीम ने यहां कुल 13 मैच खेले हैं, जिनमें से छह में उसे जीत मिली है और इतने ही मैचों में हार। एक मैच टाई समाप्त हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए तीन मैचों में एक में टीम इंडिया को जीत मिली है, जबकि दो में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
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