साल 2013 में बहुत कम लोग ग्लेन मैक्सवेल का नाम जानते थे। जब मुंबई इंडियंस ने ग्लेन मैक्सेवल नाम के युवा खिलाड़ी को खरीदने के लिए 10 लाख डॉलर यानी करीब 5.5 करोड़ रुपये खर्च किए तो सब चौंक गए।
उस वक्त रिकी पॉन्टिंग मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे और अपने ही देश के इस युवा सितारे के हुनर को अच्छी तरह पहचानते थे। उस साल मैक्सवेल आईपीएल में कुछ खास नहीं कर पाए मगर उसके बाद किंग्स 11 पंजाब के लिए खेलते हुए उन्हें अपनी टीम का चेहरा ही बदल डाला।
ग्लेन मैक्सेवल की कद काठी देखकर कभी लगता ही नहीं कि वो क्रिकेट की गेंद को इतनी ज़ोर से मार सकते हैं। 2011 में 19 गेंदों पर 50 रन बनाकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। एक बार उनहें वनडे और टी20 में खेलना का मौका मिला था फ़िर उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उनकी पारियां मैच का रुख मोड़ने का माद्दा रखतीं और देखते ही देखते क्रिकेट की दुनिया में उनका कद बड़ा होने लगा।
तारीफ करनी होगी ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ताओं की, उन्होंने इस खिलाड़ी के खेल की शैली को बदलने की कोशिश नहीं की ना ही कभी उनके बल्लेबाज़ी क्रम के साथ ज़्यादा छेड़छाड़ की। वो 5 या 6 नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आते हैं और पहली गेंद से उनकी पास लाइसेंस होता है अपने शॉट्स खेलने का। क्रिकेट जानकार कहते हैं कि मैक्सेवल किसी गेंदबाज़ के अनुरूप नहीं खेलते लेकिन उसके द्वारा सजाई हुई फील्डिंग के मुताबिक अपने शॉट्स खेलते हैं।
एबी डिविलियर्स की तरह ही उनके पास एक गेंद के लिए कई शॉट्स होते हैं। ये शॉट्स आपको कोई कोच नहीं सिखा सकता। श्रीलंका के खिलाफ़ ग्लैन मैक्सेवल ने 51 गेंदों पर 100 रन बनाकर वर्ल्ड कप के इतिहास का दूसरा सबसे तेज़ शतक जमाया। और ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे तेज़ शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किया। उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में बिग शो के नाम से जाना जाता है और उनकी बल्लेबाज़ी देखकर इससे अच्छा उप-नाम उनहें नहीं दिया जा सकता है। वाकई, मैक्सवेल जब बल्लेबाज़ी करते हैं तो किसी बड़े और शानदार शो से कम नहीं लगते।
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