एडम गिलक्रिस्ट (फाइल फोटो)
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट ने बताया कि जब मुथैया मुरलीधरन उनके ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी करते थे तो उन्हें अक्सर लगता था कि जैसे मुरली दस साल के बच्चे के ख़िलाफ़ गेंद डाल रहे हों। गिलक्रिस्ट कहते हैं कि अपने वक्त में वे श्रीलंका के मुरलीधरन और भारत के हरभजन सिंह से सबसे ज़्यादा ख़ौफ़ खाते थे।
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज गिलक्रिस्ट (96 टेस्ट में 5570 रन और 287 वनडे में 9619 रन) कहते हैं, "मुझे मुरली और भज्जी से सबसे ज़्यादा डर लगता था। मुरली की उंगलियों की हरकतों को तो मैं पढ़ ही नहीं पाता था। उनके सामने मेरी हालत 10 साल के स्कूल के बच्चे जैसी होती थी।" बांये हाथ के गिलक्रिस्ट ने कहा कि उन्हें जब कि संदेह होता था कि मुरली या भज्जी कैसी गेंद डालेंगे वे उसे स्वीप कर देते थे। उन्होंने बताया कि मुरलीधरन ने उनकी रणनीति को भांप लिया था इसलिए टेस्ट मैचों में वो कई बार उनका विकेट लेने में कामयाब रहे।" वर्ष 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले चुके गिलक्रिस्ट कहते हैं कि माइकल हसी को भी (79 टेस्ट में 6235 रन) भी मुरलीधरन के ख़िलाफ़ उतनी ही परेशानी होती थी।
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज गिलक्रिस्ट (96 टेस्ट में 5570 रन और 287 वनडे में 9619 रन) कहते हैं, "मुझे मुरली और भज्जी से सबसे ज़्यादा डर लगता था। मुरली की उंगलियों की हरकतों को तो मैं पढ़ ही नहीं पाता था। उनके सामने मेरी हालत 10 साल के स्कूल के बच्चे जैसी होती थी।" बांये हाथ के गिलक्रिस्ट ने कहा कि उन्हें जब कि संदेह होता था कि मुरली या भज्जी कैसी गेंद डालेंगे वे उसे स्वीप कर देते थे। उन्होंने बताया कि मुरलीधरन ने उनकी रणनीति को भांप लिया था इसलिए टेस्ट मैचों में वो कई बार उनका विकेट लेने में कामयाब रहे।" वर्ष 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले चुके गिलक्रिस्ट कहते हैं कि माइकल हसी को भी (79 टेस्ट में 6235 रन) भी मुरलीधरन के ख़िलाफ़ उतनी ही परेशानी होती थी।
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