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'जैसा करोगे, वैसा भरोगे'..., बेन स्टोक्स के 'हैंडशेक विवाद' पर जमकर बरसे पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट

Geoffrey Boycott Big Statement on Ben Stokes handshake controversy: ज्योफ्री बॉयकॉट ने बेन स्टोक्स की आलोचना की है. बॉयकॉट ने अपने टेलीग्राफ कॉलम में इस मुद्दे पर अपनी राय दी और इसे बिल्कुल गलत बताया.

'जैसा करोगे, वैसा भरोगे'..., बेन स्टोक्स के 'हैंडशेक विवाद' पर जमकर बरसे पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट
Geoffrey Boycott react on Ben Stokes handshake controversy
  • मैच के आखिरी दिन, बेन स्टोक्स ने रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के साथ हैंडशेक करने से इनकार कर दिया
  • बॉयकॉट ने द टेलीग्राफ में लिखा है, "जैसा करोगे, वैसा भरोगे.
  • बॉयकॉट ने यह भी कहा कि अगर इंग्लैंड के खिलाड़ी होते तो वे भी बल्लेबाजी करते.
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Geoffrey Boycott on Ben Stokes handshake controversy: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट ने बेन स्टोक्स के 'हैंडशेक विवाद' (Geoffrey Boycott  on  Ben Stokes Handshake controversy) पर चुप्पी तोड़ी है. ज्योफ्री बॉयकॉट ने बेन स्टोक्स की आलोचना की है. बॉयकॉट ने अपने टेलीग्राफ कॉलम में इस मुद्दे पर अपनी राय दी और लिखा, "जैसा करोगे, वैसा भरोगे". बता दें कि चौथे टेस्ट मैच के आखिरी समय में स्टोक्स ने ड्रा का प्रस्ताव रखा था जिसे जडेजा और सुंदर ने मना कर दिया था. जिसके बाद गुस्से से स्टोक्स ने गेंदबाजी के लिए हैरी ब्रूक को बुला लिया था जिससे कि दोनों बल्लेबाज जल्द से जल्द अपना शतक पूरा कर सके. स्टोक्स के इस फैसले की विश्व क्रिकेट में खूब आलोचना हो रही है. 

ऐसे में अब ज्योफ्री बॉयकॉट ने अपने कॉलम में राय देते हुए लिखा, "इंग्लैंड को जब भी मौका मिला, खूब गप्पें मारी, इसलिए आप भारत को यह दोष नहीं दे सकते कि उसने क्रीज़ पर बने रहने और दो बल्लेबाज़ों को शतक बनाने का मौका देने की कोशिश की, जिन्होंने कड़ी मेहनत की थी," बॉयकॉट ने आगे लिखा, "अगर आप इंग्लैंड की तरह हार मान लेते हैं, तो आपको उसे स्वीकार भी करना होगा. मैं स्टंप माइक के ज़रिए उन्हें भारत पर कटाक्ष करते हुए सुन सकता था, तो फिर वे उनके साथ अच्छा व्यवहार क्यों करें और जब इंग्लैंड पीछे हो जाए तो मैदान छोड़ने को तैयार क्यों हों?"

 ज्योफ्री बॉयकॉट ने आगे कहा, "ये भारतीय खिलाड़ी बेहद मज़बूत हैं.. वे पीछे नहीं हटते. अपनी टीम के लिए मैच बचाने के लिए पूरे दिन कड़ी मेहनत करने के बाद, मैं किसी को भी 89 रन पर आउट होने नहीं देता. रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर अपने शतकों के हक़दार थे. उन्होंने गेंद को अच्छी तरह छोड़ा, बल्ले का पूरा ज़ोर लगाकर खेला और हर कीमत पर अपने विकेट बचाए रखा.. शाबाश."

वहीं, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने ये भी लिखा है कि अगर जडेजा और सुंदर की जगह इंग्लैंड के बल्लेबाज होते तो वो भी वही करते जो भारतीय बल्लेबाजों ने किया है. 
 

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