भारतीय क्रिकेट में ‘टर्बनेटर' के तौर पर जाने गए दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने क्रिकेट से रिटायरमेंट का फैसला कर लिया. अपने करियर में भज्जी ने कई ऐसे इतिहास लिखे जिसने भारतीय क्रिकेट का परचम विश्व क्रिकेट में लहराया. हरभजन ने 103 टेस्ट में 417 विकेट लिये है और इस प्रारूप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की वैश्विक सूची में 14वें स्थान पर है. वह भारत के चौथे सफल टेस्ट गेंदबाज है, उनसे ज्यादा विकेट अनिल कुंबले (619), कपिल देव (434) और रविचंद्रन अश्विन (427) के नाम है. हरभजन सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद NDTV से बात की और अपने स्वर्णिम करियर के यादों को साझा किया. भज्जी ने इंटरव्यू में कहा कि, रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने का अभी कोई इरादा नहीं है. इसके बारे में वो बाद में फैसला करेंगे.
राजनीति में जाने को लेकर क्या बोले भज्जी
भज्जी ने इंटरव्यू में कहा कि, रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने का अभी कोई इरादा नहीं है. इसके बारे में वो बाद में फैसला करेंगे. वैसे, भज्जी ने बातचीत के दौरान राजनीति में जाने की संभावनाओं से इंकार भी नहीं किया. भज्जी ने कहा कि राजनीति में जाने का फैसला करना बहुत बड़ा फैसला होगा, इसलिए वो इसके लिए समय लेंगे और सोच-समझ कर ही इसके बारे में फैसला करेंगे. दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा कि एक बार आप राजनीति में गए तो फिर परिवार के लिए समय निकालना काफी मुश्किल होगा. ऐसे में वो इसके बारे में तुरंत फैसलान हीं करने वाले हैं
2011 वर्ल्ड कप जीतना और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक सबसे खास लम्हा
भज्जी ने बताया यि 28 साल के बाद 2011 में मुंबई में विश्व विजेता बनना उनके करियर का सबसे यादगार लम्हा है. भज्जी ने कहा कि वह एक खास मौका रहा. भगवान ने बहुत कुछ दिया, जितना सोचा था उससे ज़्यादा मिला. इसके अलावा भज्जी ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान 32 विकेट हासिल करना उनके करियर का सबसे अहम पड़ाव रहा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उसी सीरीज में कोलकाता टेस्ट के दौरान हैट्रिक विकेट लेना उनके लिए कभी न भूलना वाला लम्हा बन गया है, जिसे वो कभी नहीं भूलेंगे. उन्होंने कहा कि यदि वो उस सीरीज में ऐसा परफॉर्मेंस नहीं करते तो शायद उनका करियर खत्म हो गया होता.
बता दें कि हरभजन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में रिकी पॉन्टिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को आउट करके अपनी हैट्रिक पूरी की थी. हरभजन सिंह ने साल 2007 में साउथ अफ्रीका में जाकर टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतना भी अहम बताया.
आईपीएल में किस आईपीएल टीम से जुड़ेंगे
आईपीएल में अपने भविष्य को लेकर भी भज्जी ने बात की और कहा कि क्रिकेट के कारण ही मैं यहां तक पहुंचा हूं. मैं यकीनन आईपीएल में आगे काम करूंगा. अभी कुछ तय नहीं है कि किस टीम केसाथ मैं जाऊंगा, लेकिन इतना तय है कि जब कभी भी ऐसा होगा तो इसके बारे में सभी को बताऊंगा, भज्जी ने कहा कि अभी दो टीमों से बात चल रही है लेकिन अभी तक कुछ फाइनल नहीं हुआ है.
सचिन तेंदुलकर को बताया खास दोस्त
हरभजन सिंह ने बताया कि करियर के दौरान सचिन से मिलना और उनके साथ समय बिताना काफी अहम रहा. वह मेरे सबसे खास दोस्त हैं. मेरी जिन्दगी में सचिन का रहना काफी अहम रहा. भज्जी ने कहा कि सचिन के साथ क्रिकेट खेलना उनकी ख़ुशक़िस्मती रही. भज्जी ने कहा कि क्रिकेट अलावा भी मुझे किसी सलाह की जरूरत होती है तो मैं उनसे बात करता हूं.
श्रीसंत को थप्पड़ कांड की पछतावा
साल 2008 आईपीएल के दौरान हरभजन सिंह ने श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था. उस समय इस कांड की खूब आलोचना हुई थी. हरभजन सिंह ने कहा कि, श्रीसंत को थप्पड़ मारने का काफी पछतावा है. बता दें कि श्रीसंत को जब भज्जी ने थप्पड़ मारा था तो गेंदबाज फूट-फूट कर रोने लगा था. सोशल मीडिया पर श्रीसंत के रोने का वह वीडियो काफी वायरल हुआ था.
मंकी गेट कांड मैदान पर ही ख़त्म हो जाना चाहिए था
मंकीगेट विवाद को लेकर भज्जी ने बात की और कहा कि यह विवाद यदि मैदान पर ही खत्म किया जाता तो ज्यादा अच्छा रहता. कुछ लोगों को आग में घी डालने का काम पसंद आता है. एंड्र्यू साइमंड्स को लोगों ने काफी भड़काया. लेकिन उस विवाद के बाद हम अच्छे दोस्त बन गए.
सौरव गांगुली ने खूब सपोर्ट किया
भज्जी ने कहा कि मेरे करियर को बड़ा करने में गांगुली का अहम किरदार रहा, उन्होंने मुझपर विश्वास दिखाया और बड़े मैचों में मुझसे गेंदबाजी कर मेरे अंदर आत्मविश्वास बढ़ाया. सौरव गांगुली ने मुझे एक मैच विनर बनाया. भज्जी ने कहा कि गांगुली के विश्वास पर मैं भी खड़ा उतरा और मैंने मैच में विकेट निकाल कर दी, जिससे उनका विश्वास मेरे पर काफी था.
धोनी को शुरूआत में हमने काफी मदद की
हरभजन सिंह ने धोनी को लेकर भी बात की औऱ कहा कि जब धोनी कप्तान बने तो हमने मिलकर उनकी खूब मदद की, जब धोनी कप्तान बने तो मैं 'हरभजन सिंह' बन चुका था. हमने उसकी खूब मदद की, टीम को कैसे आगे ले जाना है, इसको लेकर हमारी ओर से उन्हें सलाह मिलती थी. भज्जी ने कहा कि धोनी की एक बड़ी खासियत थी कि वो दूसरों की बातों को सुनने के लिए हमेशा तैयार रहते थे. धोनी गेंदबाजों का फ्रीडम देते थे. विकेटकीपर होने की वजह से धोनी गेंदबाजों की मदद भी करते थे. धोनी की कप्तानी में भी खेलने में काफी मजा आया. भज्जी ने कुंबले की कप्तानी पर भी बात की और कहा कि उनकी कप्तानी भी कमाल की रही थी. भले ही वो अनिल भाई काफी कम समय के लिए कप्तान रहे लेकिन वो भी समय शानदार रहा था.
एनडीटीवी और प्रणय रॉय का शुक्रिया
हरभजन सिंंह ने अपने इंटरव्यू में एनडीटीवी और प्रणय रॉय को शुक्रिया भी कहा और कहा कि मेरे करियर के दौरान इन सभी का हमेशा साथ रहा. मेरी सफलता में इन लोगों का भी हाथ है.
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