
लीड्स इंग्लैंड के खिलाफ- बैक-टू-बैक शतक ...और स्टैंड्स से इस बार पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उन्हें समरसॉल्ट करने की अपील की. पंत ने इंग्लैंड के अटैकिंग मिडफील्डर फुटबॉलर डेली एली की तरह सेलेब्रेट किया और भरोसा दिलाया कि समरसॉल्ट भी ज़रूर करेंगे. पंत लगातार इतिहास कायम कर रहे हैं. पंत ने अपने 44 टेस्ट में 130 गेंदों पर 13 चौके और 2 छक्के के सहारे 8वां शतक पूरा किया. उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को और बेहतर कर लिया है. इसके साथ ही बैक-टू-बैक पारियों में शतक लगाने वाले पंत भारत के पहले और दुनिया के दूसरे विकेटकीपर बैटर बन गए. ये कारनामा इससे पहले एंडी फ्लॉवर ने साल 2000 में किया था, भारत के ही खिलाफ.

Photo Credit: X@BCCI
ऋषभ पंत ने लीड्स के दोनों पारियों में शतक लगाकर एक बार फिर सबका दिल जीत लिया, रिकॉर्ड बनाया और इतिहास कायम कर दिया. उनके इस शतक पर एक बार फिर उनके बचपन के कोच देवेन्द्र शर्मा की नज़रें बनी रहीं. ऋषभ दोनों परियों में शतक लगाने वाले इकलौते भारतीय विकेटकीपर बैटर हैं जबकि दुनिया में ये कारनामा सिर्फ एंडी फ्लॉवर ने किया है. 27 साल के पंत चुहलबाज़ी करते हैं, विकेट के पीछे माइक पर बराबर बोलकर अपनी टीम का हौसला बढ़ाते हैं तो दूसरी टीम से माइंड गेम खेलते रहते हैं. ऋषभ गुरुकुल वाली परंपरा से आते हैं. आईपीएल में सबसे महंगे 27 करोड़ रुपये में लखनऊ टीम में खरीदे जाने का टैग इस बार उनपर भारी पड़ने लगा था. तब उनके बचपन के कोच देवेन्द्र शर्मा ने उनसे ऊपर जाकर तीसरे नंबर पर खेलने की सलाह दी थी. ऋषभ ने वैसा ही किया, तीसरे नंबर पर आकर 61 गेंदों पर 118 रनों की पारी खेली और उनका कॉन्फिडेंस लौट आया.
इंग्लैंड जाने से पहले भी कोच देवेन्द्र शर्मा ने उन्हें सलाह दी कि पहली पारी को ध्यान से खेलें और रन बनायें. पंत ने यही किया. पहली पारी में फोकस बनाकर रखा. पारी में तीन में से एक शतक (यशस्वी-101, कप्तान गिल- 147 और पंत-134) पंत के नाम रहा. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने पहली पारी में 7वां और दूसरी पारी में 8वां रिकॉर्ड शतक बनाकर इतिहास कायम कर क्रिकेट की दुनिया में छा गए.
कोच देवेन्द्र बताते हैं, “ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से ही उनपर बेहद दबाव था. इसलिए इंग्लैंड में वो अच्छा करने का इरादा लेकर गए हैं. मैं चाहता हूं वो पांच टेस्ट में 600 से ज़्यादा रन बनायें. मुझे लगता है वो ऐसा ज़रूर करेंगे.” कोच देवेन्द्र कहते हैं, “पंत के पास वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह की तरह गेंद खेलने का काफी टाइम होता है. वो बैकफुट के खिलाड़ी हैं. लेकिन टीम इंडिया को हमेशा आगे ले आते हैं.”
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