विज्ञापन
This Article is From Dec 30, 2015

अब सैयद किरमानी करेंगे खुलासा, कहा- साथी खिलाड़ियों ने ही किया भेदभाव...

अब सैयद किरमानी करेंगे खुलासा, कहा- साथी खिलाड़ियों ने ही किया भेदभाव...
टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज सैयद किरमानी (फाइल फोटो)
बेंगलुरु: हाल ही में सीके नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए चुने गए टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी भी कुछ खुलासा करने जा रहे हैं। किरमानी के अनुसार उनकी आत्मकथा जल्द ही रिलीज होने वाली है। इसमें वे साथी क्रिकेटरों द्वारा उनके साथ किए गए भेदभाव का खुलासा करेंगे।

किरमानी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘मैं लोगों के अहम से पीड़ित रहा। मेरे साथ ऐसा हुआ है। मेरे साथ खेलने वाले खिलाड़ी चयनकर्ता बन गए। यह घरेलू क्रिकेट में 1986 से 1993 के बीच हुआ। मैंने शानदार प्रदर्शन किया। मेरी फिटनेस में कोई कमी नहीं थी और ना ही मैं किसी विवाद का हिस्सा रहा। इसके बावजूद मुझे नहीं चुना गया। इसके बारे में मेरी किताब में लिखा होगा।’’

किरमानी ने कहा कि वह 2011 विश्व कप के दौरान अपनी किताब रिलीज करना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी गई थी।

विवादास्पद टाइटल होने पर बिकती है किताब
किरमानी ने कहा, ‘‘हर चीज का एक समय होता है और अब वह समय आ गया है। मुझे कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए नामित किया गया है।’’ किरमानी ने कहा कि वह अपनी किताब के नाम का खुलासा नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘किताब का शीषर्क ध्यान खींचने वाला होना चाहिए। अगर कोई विवादास्पद शीषर्क होता है तो यह बहुत बिकती है।’’

केएससीए निदेशक नहीं बनाए जाने को लेकर भी नाराज
किरमानी इससे भी निराश हैं कि उन्हें कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के निदेशक पद पर बने रहने के लिए नहीं कहा गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं केएससीए का छह साल तक निदेशक रहा, लेकिन इसके बाद उन्होंने मुझे मौका नहीं दिया। ऐसा क्यों हुआ। क्या मेरा प्रदर्शन खराब था। किस आधार पर। यह सिर्फ अहम है।’’

यह पूछने पर कि उन्हें किसने निराश किया, किरमानी ने कहा, ‘‘और कौन। उनकी कुर्सी की ताकत बोलती है। उनकी पैसे की ताकत बोलती है।’’

कोच पद का भूखा नहीं, लेकिन सेवा का मौका नहीं मिला
आईपीएल टीमों की अगुआई भारतीयों की जगह विदेशी खिलाड़ियों द्वारा करने के मुद्दे पर किरमानी ने कहा कि सभी देशों को पहले अपने खिलाड़ियों को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि कप्तानी और कोच के दावेदारों की कमी नहीं है। गौरतलब है कि 2015 सत्र में दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रायल्स ने विदेशी खिलाड़ियों को अपना कप्तान बनाया था।

किरमानी ने कहा कि वह कोचिंग पद के भूखे नहीं हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उन्हें खेल की सेवा करने का मौका नहीं मिला।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com