नई दिल्ली:
जस्टिस आरएम लोढा कमेटी ने अपनी ताजातरीन रिपोर्ट में दोहराया है कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए, और सुझाव दिया कि पूर्व गृहसचिव जीके पिल्लई को बोर्ड का प्रशासन संभालने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए.
कमेटी ने कहा कि पर्यवेक्षक के रूप में जीके पिल्लई बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए ऑडिटरों की नियुक्ति का महत्वपूर्ण काम करेंगे, जिनमें भविष्य में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मीडिया अधिकारों के कॉन्ट्रैक्ट भी शामिल हैं.
आईपीएल में सट्टेबाज़ी घोटाले के उजागर होने के बाद बीसीसीआई के संचालन में सुधारों की सिफारिशें करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए आरएम लोढा पैनल के रिश्ते बीसीसीआई से हमेशा 'कड़वे' ही रहे हैं. दुनिया के सबसे रईस क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि पैनल की सभी सिफारिशों को मानना नामुमकिन है, जिनमें 'एक राज्य, एक वोट' का नियम लागू करने के अलावा शीर्ष अधिकारियों के लिए आयु तथा कार्यकाल की अधिकतम सीमा निर्धारित करने की बात कही गई है.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर तथा देश में मौजूद 13 राज्य एसोसिएशनों को लोढा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के लिए 3 दिसंबर तक का समय दिया था, और तब तक के लिए राज्य एसोसिएशनों को किसी भी तरह का भुगतान होल्ड पर रखने का निर्देश दिया था, जब तक वे सिफारिशों को लागू करने का वादा न कर लें.
कमेटी ने कहा कि पर्यवेक्षक के रूप में जीके पिल्लई बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए ऑडिटरों की नियुक्ति का महत्वपूर्ण काम करेंगे, जिनमें भविष्य में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मीडिया अधिकारों के कॉन्ट्रैक्ट भी शामिल हैं.
आईपीएल में सट्टेबाज़ी घोटाले के उजागर होने के बाद बीसीसीआई के संचालन में सुधारों की सिफारिशें करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए आरएम लोढा पैनल के रिश्ते बीसीसीआई से हमेशा 'कड़वे' ही रहे हैं. दुनिया के सबसे रईस क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि पैनल की सभी सिफारिशों को मानना नामुमकिन है, जिनमें 'एक राज्य, एक वोट' का नियम लागू करने के अलावा शीर्ष अधिकारियों के लिए आयु तथा कार्यकाल की अधिकतम सीमा निर्धारित करने की बात कही गई है.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर तथा देश में मौजूद 13 राज्य एसोसिएशनों को लोढा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के लिए 3 दिसंबर तक का समय दिया था, और तब तक के लिए राज्य एसोसिएशनों को किसी भी तरह का भुगतान होल्ड पर रखने का निर्देश दिया था, जब तक वे सिफारिशों को लागू करने का वादा न कर लें.
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