यह ख़बर 30 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विमल मोहन की कलम से : महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर कर दिया हैरान

महेंद्र सिंह धोनी की फाइल फोटो

कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने पिछले दस साल के अपने करियर में कई बार सबको हैरान किया- आम फ़ैन्स को भी और क्रिकेट के माहिर दिग्गजों को भी। पूर्व वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव हों या इमरान ख़ान हों या फिर भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर- सभी धोनी के हैरान कर देने वाले फ़ैसलों के कायल रहे हैं, लेकिन क्रिकेट में यॉर्कर गेंदों को छक्का लगाकर हेलिकॉप्टर शॉट से सबको खूब हैरान करने वाले धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के फ़ैसले का जो छक्का लगाया वो सबसे बड़ा हैरान करने वाला फ़ैसला साबित हुआ।

मेलबर्न टेस्ट के आख़िरी दिन धोनी 24 रन बनाकर नाबाद रहे। वो अब उन चुनिंदा कप्तानों में शामिल हो गए हैं जिनके नाम दस हज़ार रन हैं। धोनी के अलावा रिकी पॉन्टिंग, ग्रैम स्मिथ, स्टीवन फ़्लेमिंग और ऐलन बॉर्डर ने ये काम किया है।

धोनी ये कारनामा करने वाले इकलौते भारतीय कप्तान हैं। इसी टेस्ट के दौरान धोनी ने विकेटकीपिंग में भारत के लिए रिकॉर्ड बनाया, लेकिन ऐसी कई वजह हैं जिसकी वजह से धोनी के रिटायरमेंट के फ़ैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

टीम इंडिया के सबसे कामयाब कप्तान कप्तान महेन्द्र सिंह अब टेस्ट के सफ़ेद कपड़ों में नज़र नहीं आएंगे। साल 2014 के ख़त्म होने से पहले कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फ़ैसला किया और सबको हैरान कर दिया।

ये फ़ैसला सहज नहीं नज़र आता। फ़ैसले की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

मेलबर्न टेस्ट के ड्रॉ होने के थोड़ी ही देर बाद बीसीसीआई की प्रेस रीलिज़ ने खेल-प्रेमियों और जानकारों को हैरान कर दिया। हैरानी की कई वजह हैं। ये फ़ैसला उस वक्त आया जब सिडनी में चौथा टेस्ट होना बाक़ी है। मिशन को बीच में छोड़ना धोनी की फ़ितरत में नहीं, इसलिए माही का यह फ़ैसला टीम इंडिया को मझधार में छोड़ने जैसा नज़र आता है।

पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अतुल वासन कहते हैं कि जितना वह धोनी को जानते हैं, यह फ़ैसला धोनी के मुताबिक नहीं लगता। वह कहते हैं कि इस वक्त सिडनी टेस्ट से पहले टीम को मझधार में छोड़ना उन्हें ठीक नहीं लगता।

दरअसल विदेशी दौरे के बीचोंबीच लिया गया यह संन्यास इसलिए भी सवाल खड़े कर रहा है कि हाल के दिनों में मैदान के अंदर और बाहर बहुत सारे ऐसे वाक्ये आए हैं जो धोनी के लिए सहज नहीं दिखे। वैसे 2007 वर्ल्ड कप की जीत हो या 2011 वर्ल्ड कप की जीत,
धोनी ने कई बार सबको चौंकाया। कपिलदेव से लेकर इमरान ख़ान जैसे दिग्गज उन्हें गैम्बलर कहकर बुलाते रहे हैं।

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेन्द्र खन्ना कहते हैं कि अगर धोनी भारत में आकर फ़ैसला लेते तो अच्छा होता। टीम इंडिया को जीत के मायने सिखाने वाले इस कप्तान ने मेलबर्न टेस्ट में आठ कैच लिए और एक स्टंपिंग भी की- किसी भी भारतीय विकेटकीपर के लिए ये एक रिकॉर्ड है। लेकिन, धोनी की कहानी किसी भी रिकॉर्ड और आंकड़ों से आगे है। एक बेहद कामयाब कप्तान के बीच सीरीज़ में कप्तानी छोड़ने के पीछे क्या वजहें हैं इसकी परतें खुलनी बाक़ी हैं।