
एमएस धोनी कानपुर में हुए मैच में टीम इंडिया को जीत के दरवाजे तक नहीं पहुंचा सके। आखिरी ओवर में धोनी के क्रीज पर रहते 11 रन नहीं बने। कानपुर वनडे में टीम इंडिया की हार की यही बड़ी वजह रही। खिलाड़ी धोनी के खराब फॉर्म का सिलसिला अब लंबा होता जा रहा है।
धोनी नहीं दिखे रंग में
जवनरी 2015 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई ट्राई सीरीज़ में फिनिशर धोनी नहीं चले, जून 2015 बांगालदेश के खिलाफ 3 वनडे मैचों में भी वे जीत नहीं दिला सके। हाल ही में द.अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में भी धोनी का जलवा दिखने को नहीं मिला था। इन तीनों मौकों पर टीम इंडिया को हार मिली।
वर्ल्ड कप के बाद से समस्या
2015 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर टीम इंडिया ने तय किया था, उसकी बड़ी वजह यह थी कि दो मौकों पर धोनी ने फंसा हुआ मैच निकाला, मगर उसके बाद खिलाड़ी धोनी की नाकामी अब जानकारों को भी चुभने लगी है।
संजय मांजरेकर ने ट्वीट किया कि " खिलाड़ी धोनी का नहीं चलना, कप्तान धोनी की हार की वजह है।"
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि "धोनी उस स्तर के खिलाड़ी नहीं रह गए हैं।"
लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि सारा दोष सिर्फ कप्तान पर नहीं मढ़ना चाहिए।
'कप्तान को बलि का बकरा न बनाएं'
सुनील गावस्कर का कहना है कि "कप्तान को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता, मगर हमारे सिस्टम में ऐसा ही होता है। हार की सबसे बड़ी वजह गेंदबाज हैं, जो 15 ओवर में करीब 150 रन लुटा बैठे।"
गावस्कर साहब की नजर में उम्र का असर सब पर पड़ता है, मगर इसके बावजूद धोनी टीम इंडिया के पास सबसे बढ़िया फिनिशर हैं। सुनील गावस्कर के मुताबिक "उम्र का असर हर फील्ड में पड़ता है और क्रिकेट में भी ऐसा ही होता है, मगर फिर भी धोनी मौजूदा वक्त में भारत के सबसे बढ़िया मैच फिनिशर हैं।"
हालांकि कप्तान धोनी खुद कह चुके है कि वो अब फिनिशर की जिम्मेदारी किसी और को सौंपकर बैटिंग ऑर्डर में थोड़ा ऊपर बल्लेबाजी करना चाहते हैं। धोनी मौजूद टीम में ऐसा कैसे कर पाएंगे यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर है कि टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान पर अब उंगलियां उठने लगी हैं।
धोनी नहीं दिखे रंग में
जवनरी 2015 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई ट्राई सीरीज़ में फिनिशर धोनी नहीं चले, जून 2015 बांगालदेश के खिलाफ 3 वनडे मैचों में भी वे जीत नहीं दिला सके। हाल ही में द.अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज में भी धोनी का जलवा दिखने को नहीं मिला था। इन तीनों मौकों पर टीम इंडिया को हार मिली।
वर्ल्ड कप के बाद से समस्या
2015 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर टीम इंडिया ने तय किया था, उसकी बड़ी वजह यह थी कि दो मौकों पर धोनी ने फंसा हुआ मैच निकाला, मगर उसके बाद खिलाड़ी धोनी की नाकामी अब जानकारों को भी चुभने लगी है।
संजय मांजरेकर ने ट्वीट किया कि " खिलाड़ी धोनी का नहीं चलना, कप्तान धोनी की हार की वजह है।"
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि "धोनी उस स्तर के खिलाड़ी नहीं रह गए हैं।"
लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि सारा दोष सिर्फ कप्तान पर नहीं मढ़ना चाहिए।
'कप्तान को बलि का बकरा न बनाएं'
सुनील गावस्कर का कहना है कि "कप्तान को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता, मगर हमारे सिस्टम में ऐसा ही होता है। हार की सबसे बड़ी वजह गेंदबाज हैं, जो 15 ओवर में करीब 150 रन लुटा बैठे।"
गावस्कर साहब की नजर में उम्र का असर सब पर पड़ता है, मगर इसके बावजूद धोनी टीम इंडिया के पास सबसे बढ़िया फिनिशर हैं। सुनील गावस्कर के मुताबिक "उम्र का असर हर फील्ड में पड़ता है और क्रिकेट में भी ऐसा ही होता है, मगर फिर भी धोनी मौजूदा वक्त में भारत के सबसे बढ़िया मैच फिनिशर हैं।"
हालांकि कप्तान धोनी खुद कह चुके है कि वो अब फिनिशर की जिम्मेदारी किसी और को सौंपकर बैटिंग ऑर्डर में थोड़ा ऊपर बल्लेबाजी करना चाहते हैं। धोनी मौजूद टीम में ऐसा कैसे कर पाएंगे यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर है कि टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान पर अब उंगलियां उठने लगी हैं।
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