दिल्ली में टेस्ट तो होगा पर डीडीसीए का 'टेस्ट' अभी बाक़ी है

दिल्ली में टेस्ट तो होगा पर डीडीसीए का 'टेस्ट' अभी बाक़ी है

नई दिल्ली:

दिल्ली टेस्ट के आयोजन की दलीलों के बीच दिल्ली हाईकोर्ट में दो पक्षों की लड़ाई में तीन-चार या और ज़्यादा पक्ष उलझते दिखाई दिए। अदालत इन मसलों से तंग भी दिखी और कई बार बहस के दौरान चुटकी भी ली, ताकि तनाव ज़्यादा न बढ़ जाए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीसीए को एमसीडी से अनुमति इस बात को ध्यान में रखते हुए दिलवाई कि खिलाड़ी या क्रिकेट से जुड़े फ़ैंस और दूसरे लोगों का बड़ा नुकसान नहीं हो, लेकिन इसके साथ ही डीडीसीए के सामने कई शर्तें भी रखी गई हैं। इसलिए 3 दिसंबर से होने वाला टेस्ट मैच अधिकारियों के लिए अब भी बड़ी चुनौती है।

गांधी-मंडेला सीरीज़ का चौथा टेस्ट दिल्ली में ही होगा, इसे लेकर कुछ शर्तों के साथ मंज़ूरी तो मिली, लेकिन कोर्ट ने ज़ोर देकर ये बात भी साफ़ कर दी कि डीडीसीए इस तरह से अदालत में आकर मैदान पर खेल करवाने की बात आगे और नहीं कर सकेगा। कोर्ट ने कहा कि एमसीडी डीडीसीए को प्रोविज़नल सर्टिफ़िकेट दे दे, लेकिन ये भी कहा कि मैच के आयोजन के लिए उन्हें फ़ायर डिपार्टमेंट, बिजली विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और जल विभाग से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट) लेने की ज़रूरत होगी।

कोर्ट ये भी कहा कि मैच के दौरान किसी भी आकस्मिक दुर्घटना की ज़िम्मेदारी भी डीडीसीए की होगी। डीडीसीए के वकील सुनील मित्तल कोर्ट से गुहार लगाते रहे कि वो ये शर्त न रखे कि डीडीसीए दोबारा मैच के लिए अदालत में गुहार न लगाए। क्योंकि, ऐसे में अगले साल दिल्ली में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान भी ऐसी मुश्किल आ सकती है, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अंदरूनी मसले को सुलझाने की बात कही।

सुनील मित्तल का मानना है कि एमसीडी के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट के बाद इंटरटेनमेंट टैक्स या दूसरी वजहों से मैच करवाने में मुश्किल नहीं होनी चाहिए, लेकिन ये मामला अब भी अदालत में है और इस पर फ़ैसला आना बाक़ी है।

कोर्ट इस बात के लिए भी राज़ी हो गया कि मैच रिटायर्ड जज जस्टिस मुकुल मुद्गल की निगरानी में होगा। इसका मतलब है कि मैच के दौरान डीडीसीए के अधिकारियों पर कड़ी नज़र रहेगी। डीडीसीए से अब तक ख़फ़ा चल रहे पक्ष के लिए ये बड़ी राहत की बात लगी।

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद कोर्ट में भी अपनी बात रखने की कोशिश करते रहे। उन्होंने कहा, 'हमें इस बात की खुशी है कि जस्टिस मुकुल मुद्गल की निगरानी में मैच होगा और वो इस दौरान डीडीसीए के अकाउंट्स पर भी नज़र रखेंगे। हम ऐसा ही चाहते थे। क्योंकि डीडीसीए में करप्शन के कई मसले हैं, जिन पर नज़र रखा जाना ज़रूरी है।'

बेंगलुरु की तरह दिल्ली टेस्ट के बारिश में धुलने की आशंका तो नहीं है, लेकिन दिल्ली क्रिकेट संघ के लिए फ़िरोज़शाह कोटला पर मैच करवाना एक ऐसी बड़ी ज़िम्मेदारी है, जिसके बहुत सारे धागे अब भी उलझे हुए हैं। फ़िलहाल एक कामयाब मैच करवाते हुए दूसरे मसलों को तय वक्त में सुलझा लेना डीडीसीए के लिए एक बड़ी चुनौती नज़र आती है।

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कोर्ट के आदेश से डीडीसी के अधिकारियों को बड़ी राहत तो मिली है, लेकिन कोर्ट ने कड़े आदेश देकर इन अधिकारियों को अपना घर ठीक करने को कहा है। ऐसे में अंदरूनी मसलों को सुलझाकर डीडीसीए को सब कुछ दुरुस्त करने की ज़रूरत होगी, वरना आगे इन्हें बड़ी फज़ीहत का सामना करना पड़ सकता है।