डरबन:
गुलाम बोदी और नील मैकेंजी की किंग्समीड की उछाल लेती पिच पर रणनीतिक पारियों के बाद क्रिस मौरिस की अगुवाई में गेंदबाजों के जोरदार प्रदर्शन से हाईवेल्ड लायन्स ने गुरुवार को दिल्ली डेयरडेविल्स को 22 रन से हराकर पहली बार चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 के फाइनल में जगह बनाई।
दक्षिण अफ्रीकी टीम हाईवेल्ड लायन्स ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए बोदी के 49 गेंद पर 50 रन और मैकेंजी के 28 गेंद पर नाबाद 46 रन की मदद से पांच विकेट पर 139 रन बनाए। अपना 25वां जन्मदिन मना रहे उमेश यादव ने चार ओवर में 20 रन देकर दो विकेट लिये। दिल्ली के लिए यह स्कोर भी एवरेस्ट जैसा बन गया। उसने बीच में 30 गेंद और 30 रन के अंदर छह विकेट गंवाए। इनमें टीम की तरफ से 44 गेंद पर सर्वाधिक 50 रन बनाने वाले केविन पीटरसन भी शामिल थे।
दिल्ली के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे और आखिर में उसकी टीम नौ विकेट पर 117 रन ही बना पाई। मौरिस ने चार ओवर में केवल सात रन देकर दो विकेट हासिल किए। उनके अलावा एरोन फैंगिसो और डर्क नानेस को भी दो-दो विकेट मिले। इस तरह से चैंपियन्स लीग में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गयी। 2010 के बाद यह पहला अवसर है जबकि आईपीएल की कोई टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई। लायन्स फाइनल में सिडनी सिक्सर्स और नोशुआ टाइटन्स के बीच शुक्रवार को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेगा।
अब पीटरसन पर जिम्मेदारी थी लेकिन उन्हें और उन्मुक्त चंद (20 गेंद पर नौ रन) को सामंजस्य बिठाने में परेशानी हो रही थी। छठे से 14वें ओवर तक केवल एक बार गेंद सीमा रेखा के पार पहुंची थी। पीटरसन ने तब प्रिटोरियस पर छक्का लगाया था लेकिन इस बीच दिल्ली ने वार्नर, उन्मुक्त, इरफान पठान और कप्तान रोस टेलर के विकेट गंवाए। प्रिटोरियस ने उन्मुक्त की संघर्षपूर्ण पारी का अंत किया। नए बल्लेबाज पठान (1) को स्पिनर फैंगिसो ने और टेलर (1) को नानेस ने आते ही पवेलियन की राह पकड़ाई। ये तीनों शॉर्ट पिच गेंदों के शिकार बने।
नए बल्लेबाज नमन ओझा (7) ने छक्का लगाया लेकिन वह भी गेंदबाज जीन साइमस को वापस कैच देकर दिल्ली की परेशानियां बढ़ा गए। स्कोर छह विकेट पर 85 रन था और टीम को 30 गेंद पर 55 रन चाहिए थे। अब पीटरसन पर पूरा दारोमदार था लेकिन 12वें से 17वें ओवर तक लगातार ओवर में विकेट गंवाने से संकट गहरा गया था।
पीटरसन जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाये और 17वें ओवर की पहली गेंद पर मौरिस ने उन्हें आउट करके अपनी गलती में सुधार किया। इसके साथ ही दिल्ली की हार सुनिश्चित हो गई।
नए बल्लेबाज क्विन्टन डि काक (11) ने यादव पर दो चौके लगाने के बाद अगरकर की गेंद पुल की जिसे डीप मिडविकेट पर खड़े उन्मुक्त चंद ने कैच में तब्दील कर दिया। टेलर ने विशेषज्ञ स्पिनर पवन नेगी से पहले केविन पीटरसन के रूप में स्पिन आक्रमण आजमाया लेकिन बोदी ने दो चौकों से उनका स्वागत किया। इसके बाद नेगी को याद किया गया और उन्होंने पहले ओवर में ही ड्वेन प्रिटोरियस (3) को पवेलियन की राह दिखा दी। बोदी ने नेगी पर और मैकेंजी ने मोर्कल पर एक एक छक्का लगाया। बोदी ने इस बीच टूर्नामेंट में 200 रन भी पूरे किए लेकिन अर्द्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद यादव की उठती गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर हवा में तैरकर कैच में तब्दील हो गई। बोदी ने अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया।
दक्षिण अफ्रीकी टीम हाईवेल्ड लायन्स ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए बोदी के 49 गेंद पर 50 रन और मैकेंजी के 28 गेंद पर नाबाद 46 रन की मदद से पांच विकेट पर 139 रन बनाए। अपना 25वां जन्मदिन मना रहे उमेश यादव ने चार ओवर में 20 रन देकर दो विकेट लिये। दिल्ली के लिए यह स्कोर भी एवरेस्ट जैसा बन गया। उसने बीच में 30 गेंद और 30 रन के अंदर छह विकेट गंवाए। इनमें टीम की तरफ से 44 गेंद पर सर्वाधिक 50 रन बनाने वाले केविन पीटरसन भी शामिल थे।
दिल्ली के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे और आखिर में उसकी टीम नौ विकेट पर 117 रन ही बना पाई। मौरिस ने चार ओवर में केवल सात रन देकर दो विकेट हासिल किए। उनके अलावा एरोन फैंगिसो और डर्क नानेस को भी दो-दो विकेट मिले। इस तरह से चैंपियन्स लीग में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गयी। 2010 के बाद यह पहला अवसर है जबकि आईपीएल की कोई टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई। लायन्स फाइनल में सिडनी सिक्सर्स और नोशुआ टाइटन्स के बीच शुक्रवार को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेगा।
अब पीटरसन पर जिम्मेदारी थी लेकिन उन्हें और उन्मुक्त चंद (20 गेंद पर नौ रन) को सामंजस्य बिठाने में परेशानी हो रही थी। छठे से 14वें ओवर तक केवल एक बार गेंद सीमा रेखा के पार पहुंची थी। पीटरसन ने तब प्रिटोरियस पर छक्का लगाया था लेकिन इस बीच दिल्ली ने वार्नर, उन्मुक्त, इरफान पठान और कप्तान रोस टेलर के विकेट गंवाए। प्रिटोरियस ने उन्मुक्त की संघर्षपूर्ण पारी का अंत किया। नए बल्लेबाज पठान (1) को स्पिनर फैंगिसो ने और टेलर (1) को नानेस ने आते ही पवेलियन की राह पकड़ाई। ये तीनों शॉर्ट पिच गेंदों के शिकार बने।
नए बल्लेबाज नमन ओझा (7) ने छक्का लगाया लेकिन वह भी गेंदबाज जीन साइमस को वापस कैच देकर दिल्ली की परेशानियां बढ़ा गए। स्कोर छह विकेट पर 85 रन था और टीम को 30 गेंद पर 55 रन चाहिए थे। अब पीटरसन पर पूरा दारोमदार था लेकिन 12वें से 17वें ओवर तक लगातार ओवर में विकेट गंवाने से संकट गहरा गया था।
पीटरसन जीवनदान का फायदा नहीं उठा पाये और 17वें ओवर की पहली गेंद पर मौरिस ने उन्हें आउट करके अपनी गलती में सुधार किया। इसके साथ ही दिल्ली की हार सुनिश्चित हो गई।
नए बल्लेबाज क्विन्टन डि काक (11) ने यादव पर दो चौके लगाने के बाद अगरकर की गेंद पुल की जिसे डीप मिडविकेट पर खड़े उन्मुक्त चंद ने कैच में तब्दील कर दिया। टेलर ने विशेषज्ञ स्पिनर पवन नेगी से पहले केविन पीटरसन के रूप में स्पिन आक्रमण आजमाया लेकिन बोदी ने दो चौकों से उनका स्वागत किया। इसके बाद नेगी को याद किया गया और उन्होंने पहले ओवर में ही ड्वेन प्रिटोरियस (3) को पवेलियन की राह दिखा दी। बोदी ने नेगी पर और मैकेंजी ने मोर्कल पर एक एक छक्का लगाया। बोदी ने इस बीच टूर्नामेंट में 200 रन भी पूरे किए लेकिन अर्द्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद यादव की उठती गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर हवा में तैरकर कैच में तब्दील हो गई। बोदी ने अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया।
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