चेतेश्वर पुजारा ने विशाखापटनम में 119 रन की पारी खेली (फाइल फोटो)
विशाखापटनम:
चेतेश्वर पुजारा अपनी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं और उनका कहना है कि उन्होंने अपनी तकनीक में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन मुख्य कोच अनिल कुंबले की सलाह पर इरादे में निश्चित रूप से बदलाव किया है. भारत के तीसरे नंबर के खिलाड़ी की कैरेबियाई दौरे के दौरान धीमी बल्लेबाजी की काफी आलोचना की गई थी लेकिन उन्होंने लौटने के बाद जोरदार वापसी करते हुए पांच टेस्ट मैचों में लगातार तीन शतक और इतने ही अर्धशतक जड़े.
पुजारा ने कहा, ‘जहां तक तकनीक का संबंध है तो मैंने ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया है. यह सिर्फ इच्छा है. न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह मैंने शुरुआत की, मैं सैकड़े से करीब से चूक गया. मैंने अनिल भाई से बात की और उन्होंने कहा कि मैं जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा हूं, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. मैं शायद एक ही चीज ‘अपने इरादे’ में सुधार कर सकता हूं और मैंने इसी पर काम किया.’पुजारा ने 119 रन की शतकीय पारी खेली और साथ ही कप्तान विराट कोहली (नाबाद 151 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 226 रन की भागीदारी निभाई.
उन्होंने कहा, ‘छक्के के साथ शतक पूरा करना मेरे लिए विशेष था. जैसा कि मैंने पहले टेस्ट में अच्छी शुरुआत की थी और घरेलू मैदान पर एक शतक बनाना मेरे लिये विशेष था. मैं अपने इसी शानदार फॉर्म को जारी रखकर इसका पूरा फायदा उठाना चाहता था. मैं और विराट लंबी साझेदारी बनाना चाहते थे और यह टीम के लिये अहम भी है.’
पुजारा ने अपने स्ट्रोक्स खेले और दो छक्के जमाए जिसमें एक मिडविकेट के ऊपर था. इसकी बदौलत उन्होंने अपना 11वां टेस्ट शतक पूरा किया जबकि कोहली आराम से बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्होंने एक भी छक्का नहीं जड़ा. उन्होंने कप्तान की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह (विराट) अपने शॉट खेलना चाहता है. मैं हमेशा उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाता हूं. वह दबदबा बनाना चाहता है. हम हालात का पूरा फायदा उठाना चाहते थे. मुझे उनके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया.’
पुजारा पहले सत्र में 22 रन के स्कोर पर दो बार रन आउट होने से बचे. लेकिन उन्होंने माना कि संवाद की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘पहले सत्र में हम एक एक रन को अच्छी तरह नहीं समझ सके. हमने लंच ब्रेक में बात की. अगर आप दूसरा सत्र देखोगे तो हमारी रनिंग पहले से कहीं बेहतर हो गई थी. लंच टाइम के बाद चीजें बेहतर हो गईं.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुजारा ने कहा, ‘जहां तक तकनीक का संबंध है तो मैंने ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया है. यह सिर्फ इच्छा है. न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह मैंने शुरुआत की, मैं सैकड़े से करीब से चूक गया. मैंने अनिल भाई से बात की और उन्होंने कहा कि मैं जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा हूं, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. मैं शायद एक ही चीज ‘अपने इरादे’ में सुधार कर सकता हूं और मैंने इसी पर काम किया.’पुजारा ने 119 रन की शतकीय पारी खेली और साथ ही कप्तान विराट कोहली (नाबाद 151 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 226 रन की भागीदारी निभाई.
उन्होंने कहा, ‘छक्के के साथ शतक पूरा करना मेरे लिए विशेष था. जैसा कि मैंने पहले टेस्ट में अच्छी शुरुआत की थी और घरेलू मैदान पर एक शतक बनाना मेरे लिये विशेष था. मैं अपने इसी शानदार फॉर्म को जारी रखकर इसका पूरा फायदा उठाना चाहता था. मैं और विराट लंबी साझेदारी बनाना चाहते थे और यह टीम के लिये अहम भी है.’
पुजारा ने अपने स्ट्रोक्स खेले और दो छक्के जमाए जिसमें एक मिडविकेट के ऊपर था. इसकी बदौलत उन्होंने अपना 11वां टेस्ट शतक पूरा किया जबकि कोहली आराम से बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्होंने एक भी छक्का नहीं जड़ा. उन्होंने कप्तान की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह (विराट) अपने शॉट खेलना चाहता है. मैं हमेशा उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाता हूं. वह दबदबा बनाना चाहता है. हम हालात का पूरा फायदा उठाना चाहते थे. मुझे उनके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया.’
पुजारा पहले सत्र में 22 रन के स्कोर पर दो बार रन आउट होने से बचे. लेकिन उन्होंने माना कि संवाद की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘पहले सत्र में हम एक एक रन को अच्छी तरह नहीं समझ सके. हमने लंच ब्रेक में बात की. अगर आप दूसरा सत्र देखोगे तो हमारी रनिंग पहले से कहीं बेहतर हो गई थी. लंच टाइम के बाद चीजें बेहतर हो गईं.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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