शिवनारायण चंद्रपॉल की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 जून से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए शिवनारायण चंद्रपॉल के टीम में नहीं शामिल किए जाने को लेकर पूर्व कप्तान ब्रायन चार्ल्स लारा बेहद ख़फ़ा हैं। उनका कहना है कि चंद्रपॉल को सचिन तेंदुलकर की तरह ही एक विदाई टेस्ट सीरीज़ ज़रूर मिलनी चाहिए।
कमाल की बात ये है कि चंद्रपॉल 87 और रन बनाकर टेस्ट मैचों में वेस्ट इंडीज़ के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन सकते हैं। चंद्रपॉल के नाम टेस्ट में 11867 रन जबकि लारा के 11953 रन। फिर भी लारा चंद्रपॉल के टेस्ट टीम में शामिल किए जाने की तरफ़दारी कर रहे हैं।
उधर चंद्रपॉल पहले ही कह चुके हैं कि वो अभी रिटायर नहीं हो रहे। ऐसे में पूर्व कप्तान ब्रायन लारा के समर्थन से 164 टेस्ट खेल चुके 40 साल के चंद्रपॉल का आत्विश्वास ज़रूर बढ़ा होगा और उनके हौसले बुलंद हुए होंगे। चंद्रपॉल को 3 जून से होनेवाले डोमिनिका टेस्ट और 11 जून से होने वाले जमैका टेस्ट की टीम में शामिल नहीं होने का मलाल है।
164 टेस्ट में 51 से ज़्यादा की औसत रखने वाले चंद्रपॉल के नाम 30 शतकीय पारियां हैं। उन्होंने वनडे मैचों में 11 शतकों (औसत 41.60) के साथ 8778 रन बनाए हैं। इन सबके बावजूद विंडीज़ कोच फ़िल सिमंस और मुख्य चयनकर्ता क्लाइव लॉयड ने चंद्रपॉल को टीम से बाहर रख जाने के फ़ैसले को सही ठहराया है।
ब्रायन लारा ने विंडीज़ क्रिकेट बोर्ड मैनेजमेंट की अलोचना करते हुए कहा है कि चंद्रपॉल ने 1994 से लेकर अबतक वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के लिए बहुत योगदान दिया है। जबकि चयनकर्ता उन्हें बराबर टीम से बाहर ड्रॉप करते रहे हैं। लारा ये भी कहते हैं कि चयनकर्ताओं की ये दलील ग़लत है कि उन्होंने चंद्रपॉल को लारा का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 11 मौक़े दिए गए। पिछली 6 पारियों में चंद्रपॉल का औसत 16 रहा है।
लेकिन लारा कहते हैं कि बात नंबर, रन या औसत की नहीं बल्कि चंद्रपॉल के सम्मान की है जो उन्होंने मेहनत से कमाए हैं। जबकि विंडीज़ टीम के कोच सिमंस कहते हैं कि कैरीबियाई टीम का चुनाव करते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि विंडीज़ टीम ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जीत हासिल कर सके और उस योजना में चंद्रपॉल फ़िट नहीं बैठते।
कमाल की बात ये है कि चंद्रपॉल 87 और रन बनाकर टेस्ट मैचों में वेस्ट इंडीज़ के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बन सकते हैं। चंद्रपॉल के नाम टेस्ट में 11867 रन जबकि लारा के 11953 रन। फिर भी लारा चंद्रपॉल के टेस्ट टीम में शामिल किए जाने की तरफ़दारी कर रहे हैं।
उधर चंद्रपॉल पहले ही कह चुके हैं कि वो अभी रिटायर नहीं हो रहे। ऐसे में पूर्व कप्तान ब्रायन लारा के समर्थन से 164 टेस्ट खेल चुके 40 साल के चंद्रपॉल का आत्विश्वास ज़रूर बढ़ा होगा और उनके हौसले बुलंद हुए होंगे। चंद्रपॉल को 3 जून से होनेवाले डोमिनिका टेस्ट और 11 जून से होने वाले जमैका टेस्ट की टीम में शामिल नहीं होने का मलाल है।
164 टेस्ट में 51 से ज़्यादा की औसत रखने वाले चंद्रपॉल के नाम 30 शतकीय पारियां हैं। उन्होंने वनडे मैचों में 11 शतकों (औसत 41.60) के साथ 8778 रन बनाए हैं। इन सबके बावजूद विंडीज़ कोच फ़िल सिमंस और मुख्य चयनकर्ता क्लाइव लॉयड ने चंद्रपॉल को टीम से बाहर रख जाने के फ़ैसले को सही ठहराया है।
ब्रायन लारा ने विंडीज़ क्रिकेट बोर्ड मैनेजमेंट की अलोचना करते हुए कहा है कि चंद्रपॉल ने 1994 से लेकर अबतक वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के लिए बहुत योगदान दिया है। जबकि चयनकर्ता उन्हें बराबर टीम से बाहर ड्रॉप करते रहे हैं। लारा ये भी कहते हैं कि चयनकर्ताओं की ये दलील ग़लत है कि उन्होंने चंद्रपॉल को लारा का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 11 मौक़े दिए गए। पिछली 6 पारियों में चंद्रपॉल का औसत 16 रहा है।
लेकिन लारा कहते हैं कि बात नंबर, रन या औसत की नहीं बल्कि चंद्रपॉल के सम्मान की है जो उन्होंने मेहनत से कमाए हैं। जबकि विंडीज़ टीम के कोच सिमंस कहते हैं कि कैरीबियाई टीम का चुनाव करते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि विंडीज़ टीम ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जीत हासिल कर सके और उस योजना में चंद्रपॉल फ़िट नहीं बैठते।
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