बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर कर जानना चाहा है कि क्या पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन बोर्ड की बैठकों में भाग ले सकते हैं या नहीं। न्यायालय पहले ही श्रीनिवासन को बोर्ड का चुनाव लड़ने से वंचित कर चुका है।
बोर्ड ने शीर्ष अदालत के 22 जनवरी के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस आदेश के तहत ही श्रीनिवासन को कोई भी चुनाव लड़ने से वंचित किया गया है। बीसीसीआई ने 28 अगस्त को कोलकाता में कार्यसमिति की बैठक स्थगित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट से राय लेने का फैसला किया था। श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष होने के नाते बैठक में भाग लेने पहुंचे थे।
श्रीनिवासन की स्थिति साफ नहीं होने के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी थी, क्योंकि कुछ सदस्यों ने श्रीनिवासन की उपस्थिति पर सवाल उठाए थे। आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के मद्देनजर हितों के टकराव के आधार पर शीर्ष अदालत ने बोर्ड के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से श्रीनिवासन को वंचित कर दिया था।
श्रीनिवासन ने बोर्ड के सदस्यों को स्पष्टीकरण देने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा था कि एक प्रशासक और सीएसके की स्वामित्व वाली इंडियन सीमेन्ट्स कंपनी के मालिक के रूप में उनकी स्थिति में कोई हितों का टकराव नहीं है।
उन्होंने दलील दी थी कि वह तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से बैठक में शामिल हो रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने जस्टिस श्रीकृष्ण की राय भी पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि वह बैठक में शामिल होने के हकदार हैं।
बोर्ड ने शीर्ष अदालत के 22 जनवरी के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस आदेश के तहत ही श्रीनिवासन को कोई भी चुनाव लड़ने से वंचित किया गया है। बीसीसीआई ने 28 अगस्त को कोलकाता में कार्यसमिति की बैठक स्थगित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट से राय लेने का फैसला किया था। श्रीनिवासन तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष होने के नाते बैठक में भाग लेने पहुंचे थे।
श्रीनिवासन की स्थिति साफ नहीं होने के कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी थी, क्योंकि कुछ सदस्यों ने श्रीनिवासन की उपस्थिति पर सवाल उठाए थे। आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के मद्देनजर हितों के टकराव के आधार पर शीर्ष अदालत ने बोर्ड के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से श्रीनिवासन को वंचित कर दिया था।
श्रीनिवासन ने बोर्ड के सदस्यों को स्पष्टीकरण देने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा था कि एक प्रशासक और सीएसके की स्वामित्व वाली इंडियन सीमेन्ट्स कंपनी के मालिक के रूप में उनकी स्थिति में कोई हितों का टकराव नहीं है।
उन्होंने दलील दी थी कि वह तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष की हैसियत से बैठक में शामिल हो रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने जस्टिस श्रीकृष्ण की राय भी पेश की थी, जिसमें कहा गया था कि वह बैठक में शामिल होने के हकदार हैं।
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