
आईसीसी में ढांचागत बदलावों से लाभान्वित होने जा रहे बीसीसीआई ने गुरुवार को इस योजना का सर्वसम्मति से समर्थन किया जिसके तहत विश्व क्रिकेट में निर्णय लेने का अधिकार भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास होगा।
यहां बुलाई गई आपात बैठक में भारतीय बोर्ड ने आईसीसी वाणिज्यिक अधिकार कार्यसमूह के प्रस्तावों की समीक्षा की।
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने बैठक के बाद बयान में कहा, 'समिति ने आईसीसी कार्यसमूह के प्रस्तावों पर तफ्सील से बात की और पाया कि ये प्रस्ताव दीर्घकाल में क्रिकेट के हित में हैं।'
बैठक की अध्यक्षता बोर्ड उपाध्यक्ष शिवलाल यादव ने की क्योंकि अध्यक्ष एन श्रीनिवासन अपनी मां के निधन के कारण बैठक में आ नहीं सके थे।
बीसीसीआई ने आईसीसी की वित्त और वाणिज्यिक मामलों की समिति के कार्यसमूह के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मंजूरी जताने का फैसला किया जिसके तहत भारतीय बोर्ड, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तथा वेल्स क्रिकेट बोर्ड अहम सदस्य होंगे।
बीसीसीआई सदस्यों ने पदाधिकारियों को आईसीसी टूर्नामेंटों में भागीदारी, आईसीसी टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिये आईसीसी से बातचीत को भी अधिकृत किया बशर्ते आईसीसी बोर्ड प्रस्ताव को मंजूरी दे।
बीसीसीआई ने पाकिस्तान समेत बाकी पूर्णकालिक सदस्यों से द्विपक्षीय मैचों के लिए बातचीत और औपचारिक फ्यूचर टूर कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए भी पदाधिकारियों को अधिकृत किया।
मौजूदा हालात में आईसीसी की कमाई का 75 प्रतिशत दस पूर्णकालिक सदस्यों में बराबर बांटा जाता है और बाकी एसोसिएट सदस्यों को जाता है। भारत यहां होने वाली कमाई के अनुपात को ध्यान में रखकर आईसीसी के राजस्व में बड़ा हिस्सा चाहता है। आईसीसी में प्रस्तावित ढांचागत बदलाव के तहत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाई जाने वाली नई कार्यकारी समिति क्रिकेट में अधिकांश अहम मसलों पर फैसला लेगी।
अन्य बदलावों में टेस्ट क्रिकेट में दो चरण की व्यवस्था का प्रावधान है जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को रिलीगेशन से छूट रहेगी। इसके अलावा शेड्यूल पर आईसीसी से नियंत्रण से भी छूट रहेगी।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने इस योजना के खिलाफ मोर्चा खेलकर इसे मौलिक रूप से गलत बताया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के महासंघ के अध्यक्ष पाल मार्श ने भी इसे असंवैधानिक बताया है।
इस योजना को दुबई में 28 और 29 जनवरी को आईसीसी की बैठक में रखा जाएगा। इसे 10 पूर्णकालिक सदस्यों में से सात का समर्थन मिलना जरूरी है।
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