शिर्के को गुरुवार की एजीएम में दोबारा बीसीसीआई सचिव चुना गया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली.:
सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा पैनल के करीबी सूत्रों ने कहा है कि बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के को ‘मानहानि’ का दोषी ठहराया जा सकता है क्योंकि उन्होंने एक पत्र जारी किया है जिसमें की गई टिप्पणी कभी की ही नहीं गई थी.
यह भी पता चला है कि बीसीसीआई ने अभी तक गुरुवार की एजीएम की रिपोर्ट नहीं सौंपी है और समिति बैठक में लिए गए सभी आठ फैसलों पर गौर कर रही है. लोढ़ा पैनल के करीबी सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘समिति इस पर विचार कर रही है लेकिन प्रथम दृष्टया लगता है कि सभी आठ फैसले पैनल की सिफारिशों का उल्लंघन लगते हैं.’
सूत्रों ने हालांकि महाराष्ट्र के व्यवसायी शिर्के के खिलाफ अधिक कड़ा रवैया अपनाया जिन्होंने एक पत्र वितरित किया जिसमें लिखा गया था कि पैनल के सचिव गोपाल शंकरनारायण ने कथित तौर पर चयनकर्ताओं के चरित्र को लेकर गलत टिप्पणियां की हैं. पैनल के सूत्रों ने कहा कि शिर्के को इसके लिये आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया जा सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पता चला है कि बीसीसीआई ने अभी तक गुरुवार की एजीएम की रिपोर्ट नहीं सौंपी है और समिति बैठक में लिए गए सभी आठ फैसलों पर गौर कर रही है. लोढ़ा पैनल के करीबी सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘समिति इस पर विचार कर रही है लेकिन प्रथम दृष्टया लगता है कि सभी आठ फैसले पैनल की सिफारिशों का उल्लंघन लगते हैं.’
सूत्रों ने हालांकि महाराष्ट्र के व्यवसायी शिर्के के खिलाफ अधिक कड़ा रवैया अपनाया जिन्होंने एक पत्र वितरित किया जिसमें लिखा गया था कि पैनल के सचिव गोपाल शंकरनारायण ने कथित तौर पर चयनकर्ताओं के चरित्र को लेकर गलत टिप्पणियां की हैं. पैनल के सूत्रों ने कहा कि शिर्के को इसके लिये आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया जा सकता है.
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