वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम ने जब भारत दौरान छोड़ने की घोषणा की थी, तब टीम के खिलाडि़यों को शायद इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा नहीं रहा होगा।
वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड भी यह अंदाजा लगाने में चूक गया, नहीं तो शायद बोर्ड अपने खिलाड़ियों से समझौता कर सीरीज को बचाने की कोशिश करता। लेकिन अब वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड और उनके खिलाडि़यों को भारत दौरा बीच में छोड़ने की कीमत मालूम हो गई है और यह कीमत है 41.97 मिलियन डॉलर यानी यही कोई 259 करोड़ रुपये।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड से 259 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। बीसीसीआई की ओर से वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड को चार पन्नों वाला एक खत भेजा गया है, जिसमें दौरा रद्द होने के चलते बीसीसीआई को हुए नुकसान का ब्योरा दिया गया है। बीसीसीआई की ओर से कहा गया है कि
− मीडिया राइट्स में उसे 216 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है
− टाइटिल स्पांसरशिप में करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ
− टीम स्पांसरशिप से भी करीब 9.5 करोड़ रुपये का नुकसान
− किट स्पांसरशिप से करीब 3 करोड़ रुपये का नुकसान
− टिकट स्पांसरशिप से करीब 12.5 करोड़ रुपये का नुकसान
− स्टेडियम के अंदर स्पांसरशिप से करीब 7.5 करोड़ रुपये का नुकसान
बीसीसीआई के मुताबिक दिवाली सीजन के दौरान सीरीज के रद्द होने से उसके ब्रॉडकास्टर को बड़े पैमाने पर नुकसाना उठाना पड़ा है। बीसीसीआई ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड से 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। अगर बीसीसीआई को 15 दिनों के अंदर जवाब नहीं मिलता है, तो इस मामले को बीसीसाआई कोर्ट में ले जाएगी। बीसीसीआई ने अपने वकीलों को इस दिशा में तैयारी करने के लिए कह दिया है।
ऐसे में अब इंतजार इस बात को लेकर है कि वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को क्या जवाब देता है, क्योंकि पहले से ही आर्थिक तंगहाली झेल रहा विंडीज बोर्ड इतनी भारी रकम की व्यवस्था करने में लाचार दिख रहा है। अब तक वह अपने खिलाडि़यों के साथ चल रहे विवाद को निपटाने में कामयाब नहीं हुआ है।
जाहिर है वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड अपने सबसे खराब दौर का सामना कर रहा है और बीसीसीआई की हर्जाने की मांग उसकी मुश्किलों को कई गुना बढ़ाने वाला है।
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