शशांक मनोहर के आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद से रेवेन्यू मॉडल में कई बदलाव किए गए हैं...
नई दिल्ली:
क्या विश्व क्रिकेट पर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड-बीसीसीआई का दबदबा कम हो रहा है? आईसीसी में बिग-3 रेवेन्यू मॉडल को बरकरार रखने की लड़ाई में बीसीसीआई को कड़ी शिकस्त खानी पड़ी थी. श्रीलंका के अलावा बाकी 8 देशों ने इस मॉडल के खिलाफ वोट डाला. बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने भी उम्मीद के उलट भारत के विरोध में वोट डाला. बिग-3 के खारिज होने से बीसीसीआई को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
क्या है बिग-3
2014 में एन श्रीनिवासन के आईसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल में बिग-3 की शुरुआत हुई थी. बिग-3 में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड शामिल थे. विश्व क्रिकेट की 80 फ़ीसदी आमदनी सिर्फ़ भारत से आती है. बिग-3 में 2015 से 2023 के बीच भारत को 20.3%, इंग्लैंड को 4.4%, और ऑस्ट्रेलिया को 2.7% रकम मिलनी थी. ये फॉर्मूला आय के हिसाब से तय हुआ था
2015 में शशांक मनोहर ने आईसीसी का अध्यक्ष पद संभाला. उनका सबसे बड़ा एजेंडा बिग-3 मॉडल खत्म करने का था. उनकी राय रही है कि हर देश को आईसीसी की कमाई में बराबर हिस्सा मिलना चाहिए.
शशांक मनोहर से ज्यादा बीसीसीआई को अंदरूनी अव्यवस्था का नुकसान उठाना पड़ा. लंबी अदालती लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढा कमेटी ने बीसीसीआई में सुधार के लिए कई सुझाव दिए, लेकिन इसे अब भी पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है. फ़िलहाल बीसीसीआई का कामकाज COA यानी प्रशासकों की समिति देख रही है. इसमें भारत के पूर्व CAG विनोद राय, पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी, क्रिकेट लेखक रामचंद्र गुहा और IDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम लिमये शामिल हैं. समय और अनुभव की कमी के कारण आईसीसी में ये कमेटी बिग-3 रेवेन्यू मॉडल पर सदस्य देशों को अपने पक्ष में नहीं मोड़ पाई. हालांकि इसका सीधे इसमें कोई रोल नहीं था.
बिग-3 रेवेन्यू मॉडल के हटने से भारत की आमदनी 3,660 करोड़ से घटकर करीब 1,860 करोड़ रह गई है. ज़ाहिर है बीसीसीआई को जल्द ही अपना घर दुरुस्त करने की ज़रूरत है. वरना आने वाले समय में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
क्या है बिग-3
2014 में एन श्रीनिवासन के आईसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल में बिग-3 की शुरुआत हुई थी. बिग-3 में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड शामिल थे. विश्व क्रिकेट की 80 फ़ीसदी आमदनी सिर्फ़ भारत से आती है. बिग-3 में 2015 से 2023 के बीच भारत को 20.3%, इंग्लैंड को 4.4%, और ऑस्ट्रेलिया को 2.7% रकम मिलनी थी. ये फॉर्मूला आय के हिसाब से तय हुआ था
2015 में शशांक मनोहर ने आईसीसी का अध्यक्ष पद संभाला. उनका सबसे बड़ा एजेंडा बिग-3 मॉडल खत्म करने का था. उनकी राय रही है कि हर देश को आईसीसी की कमाई में बराबर हिस्सा मिलना चाहिए.
शशांक मनोहर से ज्यादा बीसीसीआई को अंदरूनी अव्यवस्था का नुकसान उठाना पड़ा. लंबी अदालती लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढा कमेटी ने बीसीसीआई में सुधार के लिए कई सुझाव दिए, लेकिन इसे अब भी पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है. फ़िलहाल बीसीसीआई का कामकाज COA यानी प्रशासकों की समिति देख रही है. इसमें भारत के पूर्व CAG विनोद राय, पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी, क्रिकेट लेखक रामचंद्र गुहा और IDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम लिमये शामिल हैं. समय और अनुभव की कमी के कारण आईसीसी में ये कमेटी बिग-3 रेवेन्यू मॉडल पर सदस्य देशों को अपने पक्ष में नहीं मोड़ पाई. हालांकि इसका सीधे इसमें कोई रोल नहीं था.
बिग-3 रेवेन्यू मॉडल के हटने से भारत की आमदनी 3,660 करोड़ से घटकर करीब 1,860 करोड़ रह गई है. ज़ाहिर है बीसीसीआई को जल्द ही अपना घर दुरुस्त करने की ज़रूरत है. वरना आने वाले समय में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
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