श्रेयस अय्यर
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई ) द्वारा अगले इस सेशन (2018-19) के लिए बुधवार को टीम इंडिया के खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रदान किए गए सालाना कॉन्ट्रैक्ट की अभी तक चर्चा हो रही है. करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी शीर्ष क्रिकेटरों को मिलने वाली रकम (7 करोड़ सालाना) की चर्चा कर रहे हैं, तो एक ऐसा खिलाड़ी भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिरकार गुजरे साल में भारत के लिए एक भी टेस्ट न खेलने वाले हरियाणा के जयंत यादव को सालाना अनुबंध किस आधार पर दिया गया. चर्चा यह भी हो रही है कि पिछले साल 12 मैच खेलने वाले श्रेयस अय्यर की अनदेखी क्यों हुई? आखिर चयन का आधार क्या है?, आदि
बहरहाल अब यह साफ हो गया है कि जयंत यादव को को अनुबंध क्यों दिया गया, तो पिछले साल ही टी-20 और वनडे सहित कई मैच खेलने वाले श्रेयस अय्यर की अनदेखी क्यों हुई. बता दें कि गुजरे साल में श्रेयस अय्यर भारत के लिए छह टी-20 और इतने ही वनडे मुकाबले खेले. दो राय नहीं कि अय्यर बहुत ही आहत होंगे. ऐसे में क्रिकेटप्रेमी यह चर्चा कर रहे हैं कि आखिर यह चयन का कैसा पैमाना है?
यह भी पढ़ें : BCCI का नया कॉन्ट्रेक्ट सिस्टम : धोनी टॉप ग्रेड में नहीं, A+ खिलाड़ियों को मिलेंगे सात करोड़
सीओए के चेयरमैन विनोद राय ने कहा कि अनुबंध के 26 खिलाड़ियों को चयन सेलेक्टरों ने किया है. हम केवल इन नामों पर मुहर लगाते हैं. हालांकि, इसी बीच बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी जो कि चयन समिति के समन्यवक हैं, ने कहा है कि खिलाड़ियों के अनुबंध पर उन्होंने सेलेक्टरों की कोई मीटिंग नहीं ही बुलाई. ऐसे में सवाल तो उठता ही है. बहरहाल अब अनुबंध में विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका भी सामने आ रही है. सूत्रों की मानें, तो कुछ महीने पहले विनोद राय से मुलाकात के दौरान विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी ने जोर देते हुए यह सुझाव दिया था कि बोर्ड टीम इंडिया के लिए दो-तीन मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को अनुबंध न दे.
VIDEO : विराट कोहली को अब सालाना दो नहीं, बल्कि सात करोड़ रुपये मिलेंगे
इन दिग्गजों ने कहा था इसके लिए न्यूनतम मैचों का पैमाना तय किया जाए. लेकिन अय्यर ने तो गुजरे सेशन में 12 मैच खेले. शायद इसकी वजह यह रही कि सेलेक्टरों ने जयंत यादव के टेस्ट में लगाए गए शतक को ज्यादा वरीयता प्रदान की. अय्यर और ठाकुर को अभी टेस्ट क्रिकेट खेलनी बाकी है. कुल मिलाकर बात यह रही कि अय्यर के साथ सही नहीं ही हुआ.
बहरहाल अब यह साफ हो गया है कि जयंत यादव को को अनुबंध क्यों दिया गया, तो पिछले साल ही टी-20 और वनडे सहित कई मैच खेलने वाले श्रेयस अय्यर की अनदेखी क्यों हुई. बता दें कि गुजरे साल में श्रेयस अय्यर भारत के लिए छह टी-20 और इतने ही वनडे मुकाबले खेले. दो राय नहीं कि अय्यर बहुत ही आहत होंगे. ऐसे में क्रिकेटप्रेमी यह चर्चा कर रहे हैं कि आखिर यह चयन का कैसा पैमाना है?
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सीओए के चेयरमैन विनोद राय ने कहा कि अनुबंध के 26 खिलाड़ियों को चयन सेलेक्टरों ने किया है. हम केवल इन नामों पर मुहर लगाते हैं. हालांकि, इसी बीच बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी जो कि चयन समिति के समन्यवक हैं, ने कहा है कि खिलाड़ियों के अनुबंध पर उन्होंने सेलेक्टरों की कोई मीटिंग नहीं ही बुलाई. ऐसे में सवाल तो उठता ही है. बहरहाल अब अनुबंध में विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका भी सामने आ रही है. सूत्रों की मानें, तो कुछ महीने पहले विनोद राय से मुलाकात के दौरान विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी ने जोर देते हुए यह सुझाव दिया था कि बोर्ड टीम इंडिया के लिए दो-तीन मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को अनुबंध न दे.
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इन दिग्गजों ने कहा था इसके लिए न्यूनतम मैचों का पैमाना तय किया जाए. लेकिन अय्यर ने तो गुजरे सेशन में 12 मैच खेले. शायद इसकी वजह यह रही कि सेलेक्टरों ने जयंत यादव के टेस्ट में लगाए गए शतक को ज्यादा वरीयता प्रदान की. अय्यर और ठाकुर को अभी टेस्ट क्रिकेट खेलनी बाकी है. कुल मिलाकर बात यह रही कि अय्यर के साथ सही नहीं ही हुआ.
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