
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने टेस्ट के 2 टियर सिस्टम का विरोध किया है.
नई दिल्ली:
आईसीसी लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए नए तरीकों की तलाश में रहा है. इसके तहत आईसीसी ने 2 टियर सिस्टम का प्लान प्रस्तावित किया जिसका मुख्य उद्देश्य बराबरी की टीमों के बीच टक्कर करवाना है जिससे दर्शकों को ज्यादा रोचक मैच देखने को मिलेगा. इससे मुकाबले एकतरफा नहीं होंगे और टेस्ट क्रिकेट को बोरियत से दूर रखा जा सकेगा.
लेकिन इस प्लान को लागू करने के लिए सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड की सहमति अनिवार्य है. जो क्रिकेट जगत के उतने मजबूत बोर्ड नहीं हैं वह इस प्लान का समर्थन नहीं करेंगे. आईसीसी की दुबई में होने वाली बैठक से ठीक पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी आईसीसी को बड़ा झटका लगा है. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का कहना हे कि 2 टियर सिस्टम से टेस्ट क्रिकेट दो धड़ों में बंट जाएगा.
उनका मानना है कि एक तरफ़ हम विंडीज़, बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे में क्रिकेट को बढ़ावा देने के बात करते हैं और दूसरी तरफ़ इस तरह के सिस्टम से उन्हें अलग करने की सोच रखते हैं. ये टॉप टीमों के लिए अच्छा हो सकता है पर टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं. बड़ा फ़र्क इन टीमों के टीवी रेवेन्यू पर पड़ेगा जो बड़ी टीमों के साथ खेलने पर इन्हें मिलता है, लेकिन जब ये टीमें दूसरे टियर में जाएंगी तो यहां भी उन्हें नुकसान होगा जिससे इन देशों में क्रिकेट को नुकसान होगा. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड जैसे देश 2 टियर सिस्टम के समर्थन में हैं.
क्या है 2 टियर सिस्टम
- टेस्ट टीमों को 2 हिस्सों में बांटना.
- एक टियर में टॉप 7 टीमें.
- दूसरे टियर में निचली 5 टीमें.
- टीमें अपने-अपने टियर में शामिल टीमों से ही मुकाबला करेंगी.
लेकिन इस प्लान को लागू करने के लिए सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड की सहमति अनिवार्य है. जो क्रिकेट जगत के उतने मजबूत बोर्ड नहीं हैं वह इस प्लान का समर्थन नहीं करेंगे. आईसीसी की दुबई में होने वाली बैठक से ठीक पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी आईसीसी को बड़ा झटका लगा है. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का कहना हे कि 2 टियर सिस्टम से टेस्ट क्रिकेट दो धड़ों में बंट जाएगा.
उनका मानना है कि एक तरफ़ हम विंडीज़, बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे में क्रिकेट को बढ़ावा देने के बात करते हैं और दूसरी तरफ़ इस तरह के सिस्टम से उन्हें अलग करने की सोच रखते हैं. ये टॉप टीमों के लिए अच्छा हो सकता है पर टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं. बड़ा फ़र्क इन टीमों के टीवी रेवेन्यू पर पड़ेगा जो बड़ी टीमों के साथ खेलने पर इन्हें मिलता है, लेकिन जब ये टीमें दूसरे टियर में जाएंगी तो यहां भी उन्हें नुकसान होगा जिससे इन देशों में क्रिकेट को नुकसान होगा. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड जैसे देश 2 टियर सिस्टम के समर्थन में हैं.
क्या है 2 टियर सिस्टम
- टेस्ट टीमों को 2 हिस्सों में बांटना.
- एक टियर में टॉप 7 टीमें.
- दूसरे टियर में निचली 5 टीमें.
- टीमें अपने-अपने टियर में शामिल टीमों से ही मुकाबला करेंगी.
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