BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सभी सुधार नहीं लागू नहीं किए जा सकते (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट बोर्ड के सचिव आदित्य वर्मा ने रविवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर सर्वोच्च न्यायालय को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं. आदित्य ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अनुराग यह कहकर सर्वोच्च न्यायालय और खेल प्रशासन में सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति को यह कहकर मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि बोर्ड संबद्ध राज्य खेल संघों को सुधार अपनाने के लिए बाध्य करने में अक्षम हैं.
उल्लेखनीय है कि देश में क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में आदित्य मुख्य याचिकाकर्ता हैं. सर्वोच्च न्यायालय मामले पर फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई और उससे संबद्ध राज्य क्रिकेट संघों को लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने के लिए कह चुका है.
सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को समिति की सिफारिशें लागू करने के संबंध में तीन नवंबर तक शपथ-पत्र देने के लिए कहा था.
वेबसाइट 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' के अनुसार, बीसीसीआई अध्यक्ष ने इसके बाद शनिवार को लोढ़ा समिति के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट पेश की, हालांकि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य क्रिकेट संघों ने समिति द्वारा सुझाई गई सारी सिफारिशें मानने से इनकार कर दिया है.
इस पर आदित्य ने कहा, "बीसीसीआई का यह तर्क पूरी तरह बकवास है. वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई एक निजी लेखा कंपनी डेलोइटे द्वारा राज्य क्रिकेट संघों पर तैयार रिपोर्ट छिपा रही है."
आदित्य ने कहा, "समिति को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई दोहरी बातें कर रहा है. एक तरफ तो वे सुधार की सिफारिशें लागू करने में असमर्थता जाहिर करते हैं और दूसरी ओर डेलोइटे की रिपोर्ट छिपा रहे हैं. यह न्याय व्यवस्था के लिए शर्मनाक है. अगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करवाया जा सका, तो देश में गलत प्रवृत्ति शुरू हो जाएगी."
उन्होंने कहा, "मेरा लोढ़ा समिति से विनम्र निवेदन है कि मामले पर सर्वोच्च अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट पेश करें और बीसीसीआई अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करें."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उल्लेखनीय है कि देश में क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में आदित्य मुख्य याचिकाकर्ता हैं. सर्वोच्च न्यायालय मामले पर फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई और उससे संबद्ध राज्य क्रिकेट संघों को लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने के लिए कह चुका है.
सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को समिति की सिफारिशें लागू करने के संबंध में तीन नवंबर तक शपथ-पत्र देने के लिए कहा था.
वेबसाइट 'ईएसपीएनक्रिकइंफो' के अनुसार, बीसीसीआई अध्यक्ष ने इसके बाद शनिवार को लोढ़ा समिति के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट पेश की, हालांकि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य क्रिकेट संघों ने समिति द्वारा सुझाई गई सारी सिफारिशें मानने से इनकार कर दिया है.
इस पर आदित्य ने कहा, "बीसीसीआई का यह तर्क पूरी तरह बकवास है. वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई एक निजी लेखा कंपनी डेलोइटे द्वारा राज्य क्रिकेट संघों पर तैयार रिपोर्ट छिपा रही है."
आदित्य ने कहा, "समिति को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई दोहरी बातें कर रहा है. एक तरफ तो वे सुधार की सिफारिशें लागू करने में असमर्थता जाहिर करते हैं और दूसरी ओर डेलोइटे की रिपोर्ट छिपा रहे हैं. यह न्याय व्यवस्था के लिए शर्मनाक है. अगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करवाया जा सका, तो देश में गलत प्रवृत्ति शुरू हो जाएगी."
उन्होंने कहा, "मेरा लोढ़ा समिति से विनम्र निवेदन है कि मामले पर सर्वोच्च अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट पेश करें और बीसीसीआई अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करें."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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