मुंबई:
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने आईपीएल फ्रेंचाइजी का मामला अदालत में होने के कारण उस पर बात करने से इन्कार कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में नई टीम जोड़ने के लिए बीसीसीआई विज्ञापन दे सकता है।
श्रीनिवासन ने बोर्ड की 83वीं आम सभा के बाद कहा, ‘मैं इस मसले (डेक्कन चार्जर्स) पर टिप्प्णी नहीं कर सकता क्योंकि अभी यह अदालत के अधीन है। मुझे सूचित किया गया है कि अदालत जल्द ही अपना फैसला दे सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन जहां तक बोर्ड का सवाल है तो वह अन्य फ्रेंचाइजी के लिए विज्ञापन दे सकता है। लेकिन यह फैसला अभी किया जाना है। यदि हम नौ टीमों के साथ चलते हैं तो ऐसा भी हो सकता है।’
मुंबई उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई और डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) के बीच आईपीएल फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स को बर्खास्त करने को लेकर चल विवाद को तीन महीने के अंदर सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज सी के ठक्कर को बुधवार को पंचाट नियुक्त किया था।
न्यायमूर्ति एसजे काठवाला ने न्यायमूर्ति ठक्कर को इस मामले में मध्यस्थता करने की जिम्मेदारी सौंपी क्योंकि दोनों पक्ष किसी एक मध्यस्थ के नाम पर सहमत नहीं थे। अदालत ने हालांकि पिछले सप्ताह चेन्नई में आईपीएल संचालन परिषद की आपात बैठक में डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध खत्म करने के बीसीसीआई के फैसले पर रोक लगाने की डीसीएचएल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने डीसीएचएल को 10 दिन के अंदर बीसीसीआई को 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने का भी आदेश दिया था।
श्रीनिवासन ने बोर्ड की 83वीं आम सभा के बाद कहा, ‘मैं इस मसले (डेक्कन चार्जर्स) पर टिप्प्णी नहीं कर सकता क्योंकि अभी यह अदालत के अधीन है। मुझे सूचित किया गया है कि अदालत जल्द ही अपना फैसला दे सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन जहां तक बोर्ड का सवाल है तो वह अन्य फ्रेंचाइजी के लिए विज्ञापन दे सकता है। लेकिन यह फैसला अभी किया जाना है। यदि हम नौ टीमों के साथ चलते हैं तो ऐसा भी हो सकता है।’
मुंबई उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई और डेक्कन क्रोनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) के बीच आईपीएल फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स को बर्खास्त करने को लेकर चल विवाद को तीन महीने के अंदर सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज सी के ठक्कर को बुधवार को पंचाट नियुक्त किया था।
न्यायमूर्ति एसजे काठवाला ने न्यायमूर्ति ठक्कर को इस मामले में मध्यस्थता करने की जिम्मेदारी सौंपी क्योंकि दोनों पक्ष किसी एक मध्यस्थ के नाम पर सहमत नहीं थे। अदालत ने हालांकि पिछले सप्ताह चेन्नई में आईपीएल संचालन परिषद की आपात बैठक में डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध खत्म करने के बीसीसीआई के फैसले पर रोक लगाने की डीसीएचएल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने डीसीएचएल को 10 दिन के अंदर बीसीसीआई को 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने का भी आदेश दिया था।
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