- टीम इंडिया के शुरुआती दोनों मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद चयन और रणनीति पर सवाल उठाए गए हैं
- पूर्व क्रिकेटरों और फैंस ने विशेषकर कुलदीप यादव को टीम में न खिलाने की नीति पर आलोचना की है
- नंबर आठ पर बल्लेबाज के होने की आवश्यकता को चोपड़ा ने आधुनिक क्रिकेट की रणनीति का समर्थन किया है
Australia vs India: शुरुआती दोनों ही मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया (Aus vs Indi) के हाथों सीरीज गंवाने के बाद टीम इंडिया हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gamhhir), कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) फैंस ज्यादा, तो पूर्व क्रिकेटरों के कम निशाने पर हैं. टीम चयन (फाइनल XI) की नीति और इसमें भी खासकर कुलदीप यादव (Kuldeey Yadav) को न खिलाने पर तो पूर्व क्रिकेटरों ने भी सबसे ज्यादा सवाल उठाए हैं. नीति की बात करें, तो बड़ा सवाल सवाल नंबर-8 पर ऐसे खिलाड़ी को खिलाने को लेकर है, जो बल्लेबाजी भी कर सके. वर्तमान में यह जिम्मा नितीश रेड्डी (Nitish Reddey) के पास है और वह बल्लेबाजी से तो दिल नहीं ही जीत सके हैं. वैसे यहां पूर्व क्रिकेटरों और फैंस के सवॉलों में एक कॉमन बात जरूर है.
नंबर-8 पर बल्लेबाजी क्यों चाहिए?
इस मामले पर ज्यादातर लोगों का कहना है कि आप इस नंबर पर कुलदीप यादव जैसे विशेषज्ञ बॉलर को टीम में जगह दें. और वह अपनी गेंदों से नितीश रेड्डी के समग्र प्रदर्शन (बल्लेबाजी+गेंदबाजी) से बेहतर साबित होंगे. लेकिन पूर्व ओपनर और दिग्गज समीक्षकों में शुमार हो चुके आकाश चोपड़ा ने वर्मतान रणनीति, यानी नंबर-8 पर बल्लेबाज होने का समर्थन करते हुए अपनी बात को मजबूती प्रदान करने के लिए दो बड़ी प्रतियोगिताओं के स्कोरबोर्ड भी पेश किए हैं.
It's all fine to say if 7 batters aren't enough, 8 won't make a difference too. But let's be honest—modern day white-ball cricket demands some sort of batting ability at 8. It becomes even more difficult to field only 7 batters if the batting form of many is a concern plus if the…
— Aakash Chopra (@cricketaakash) October 24, 2025
आकाश किए गए पहले पोस्ट में कहते हैं, 'यह कहना बढ़िया है कि अगर 7 बल्लेबाज काफी नहीं हैं, तो आठवां भी कोई अंतर पैदा नहीं करेगा, लेकिन ईमानदारी की बात यह है कि मॉडर्न ऐरा में व्हाइट-बॉल फॉर्मेट नंबर-8 पर बल्लेबाजी काबिलियत की भी मांग करता है. अगर बल्लेबाजी फॉर्म चिंता की बात है, तो 7 बल्लेबाजों के साथ खेलना और भी मुश्किल हो जाता है. इसमें भी अगर बॉलरों की मददगार पिच हो, तो फिर नंबर-8 की बैटिंग काबिलियत का महत्व और भी बढ़ जाता है. मैं जानता हूं कि जो मैं कह रहा हूं, वह राय कम प्रचलित है, लेकिन भारत ने हालिया सफलता इसी नीति के तहत हासिल की है.' आकाश यहीं पर नहीं रुके. पूर्व ओपनर ने अपनी बात में वजन पैदा करने के लिए दो बड़ी प्रतियोगिताओं के स्कोरबोर्ड को भी पोस्ट किया है.
Two ICC events finals ka scorecard. Look who's at 8. Ravindra Jadeja.
— Aakash Chopra (@cricketaakash) October 24, 2025
One was in Barbados. The other was Dubai.
Of course, spin-friendly pitches and therefore, loads of spinners. But a very good batter at 8 has been the philosophy of this Indian team under different captains!!! pic.twitter.com/tLWiLlckXL
अपनी दूसरी पोस्ट में आकाश ने दो आईसीसी इवेंट के स्कोरबोर्ड का जिक्र किया है. एक बारबाडोस का और दूसरा दुबई का. एक चैंपियंस ट्रॉफी का, दूसरे टी20 विश्व कप का. चोपड़ा ने तो अपनी बात कह दी है कि नंबर-8 पर बल्लेबाजी करने वाला बॉलर जरूरी है. अब आप तय कीजिए कि चोपड़ा कितने सही हैं?
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