- भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को पीओके में मानवाधिकार उल्लंघन बंद करने का सख्त आह्वान किया है
- जम्मू और कश्मीर को भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा बताते हुए उसके लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर दिया गया है
- भारत ने पाकिस्तान से अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में दमन और सैन्य क्रूरता रोकने की मांग की है
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को आईना दिखाया है. भारत ने पाकिस्तान ने कहा कि वह पीओके में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करे. साथ ही कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है, इसीलिए भारत सभी समाज के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है. बता दें कि पीओके में सरकार और सेना की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना द्वारा उठाए जा रहे हिंसक कदमों में काफी लोगों की मौत भी हो चुकी है.
#WATCH | At the UNSC Open Debate on ‘The United Nations Organization: Looking into the Future', refereing to Pakistan's statement, PR of India to the UN, Parvathaneni Harish, says, "... Let me emphasise that the Union Territory of Jammu and Kashmir has been, is, and will always… pic.twitter.com/PNV5Qp9AYA
— ANI (@ANI) October 25, 2025
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरीश पार्वथानेनी ने कहा, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है, है और हमेशा रहेगा. जम्मू और कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं. हम जानते हैं कि ये अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए विदेशी हैं. हम पाकिस्तान से उसके द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों में चल रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने का आह्वान करते हैं, जहां आबादी पाकिस्तान के सैन्य कब्जे, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुले विद्रोह में है.'
हरीश पार्वथानेनी ने कहा, 'भारत, पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है. यह न केवल हमारे विश्वदृष्टिकोण का आधार है, बल्कि यही कारण है कि भारत ने सभी समाजों और लोगों के लिए न्याय, सम्मान, अवसर और समृद्धि की निरंतर वकालत की है. यही कारण है कि भारत बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग में अपना विश्वास रखता है. भारत हमेशा वैश्विक दक्षिण के हमारे भाइयों और बहनों के साथ खड़ा रहा है और सभी क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता और दीर्घकालिक अनुभव के साथ मदद करता रहेगा. मैं सभी सदस्य देशों से आग्रह करता हूं कि वे एकजुट होकर संयुक्त राष्ट्र को नए युग के लिए उपयुक्त बनाने के इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए हाथ मिलाएं.'
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