
भारतीय तेज गेंदबाज शारदूल ठाकुर (Shardul Thakur) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां चौथे टेस्ट के तीसरे दिन भारत की पहली पारी में अपनी उम्दा बल्लेबाजी के लिए कोच रवि शास्त्री के अलावा कई बातों को श्रेय दिया है. शारदूल (Shardul Thakur) ने रविवार को मैच के तीसरे दिन आठवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 67 रन बनाने के साथ वॉशिंगटन सुंदर (62) के साथ सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी कर भारत को बेहतर स्थिति में पहुंचाया. उन्होंने अपनी पारी में कुछ दर्शनीय शॉट भी लगाये. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 369 रन के जवाब में भारत की पहली पारी 336 रन पर सिमटी. दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिये जिससे उसकी बढ़त 54 रन की हो गयी.
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शारदूल ने मैच के बाद वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जब मैं मैदान में गया, तो स्थिति कठिन थी और मैं इससे इनकार नहीं करूंगा. दर्शक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की हौसला अफजाई कर रहे थे, लेकिन मुझे हमारे कोच रवि शास्त्री की एकदिनी श्रृंखला से पहले की गयी बातें याद थीं. उन्होंने कहा था कि ‘अगर आप इस देश में प्रदर्शन करते हैं, तो आपको (दर्शकों का) सम्मान मिलेगा.' इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘कोच ने कहा था लोग आपके प्रदर्शन के कारण आप से प्यार करेंगे और मेरे दिमाग में सिर्फ एक बात थी मुझे दर्शकों का सम्मान मिले. दिन के खेल के बाद यह मेरी टीम के लिए मददगार होगा, मेरे लिये यही सबसे बड़ी सकारात्मक बात है. मेरे दिमाग में दो ही चीजें थी. दर्शक शोर मचायेंगे, लेकिन अगर मैं अच्छी बल्लेबाजी करूंगा तो वे मेरी तारीफ भी करेंगे.' दर्शकों के साथ भारतीय ड्रेसिंग रूम ने भी आउट होने के बाद खड़े होकर उनका अभिवादन किया.
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शारदूल ने कहा कि उन्हें बल्लेबाजी करना पसंद है और वह मौके का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘मैं बल्लेबाजी करने में सक्षम हूं. टीम में जब भी थ्रो-डाउन विशेषज्ञ के पास समय होता है तब मैं अभ्यास करता हूं. ये ऐसे पल हैं जिसके लिए आप कड़ी मेहनत करते है. इसका इंतजार करते है कि टीम के लिए कुछ कर सके. बल्लेबाजी के समय बस यही विचार था कि क्रीज पर अधिक से अधिक समय बिताऊ ताकि रन बने और पहली पारी में रनों के अंतर को कम किया जा सके.'
उन्होंने कहा कि ‘ए' टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने से उन्हें काफी फायदा हुआ. ए टीम का दौरा दूसरी पंक्ति की टीम के लिए होता है. इससे काफी मदद मिली. हम 2016 में यहां आये थे. जब आप उस टीम में खेलते है तो राष्ट्रीय टीम में आने के बाद परिस्थितियां ज्यादा मुश्किल नहीं होती है.' सुंदर के साथ साझेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमने साथ में ज्यादा बल्लेबाजी नहीं की है. एक बार टी20 मैच में और एक बार अभ्यास मैच में ही साथ खेले हैं. दोनों के पास इस स्तर पर सफल होने की मानसिकता है. ईमानदारी से कहूं तो हम स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देख रहे थे. वहां हमारी कोशिश समय बिताने की थी.'
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