India vs Australia 1st Test: मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज (Aus vs Ind) के पहले दिन (1st Day) शुक्रवार को गेंदबाजों ने बवाल मचा दिया. उछाल भरी पिच पर पहले कंगारू और फिर बाद में बुमराह एंड कंपनी (Jasprit Bumrah) एंड कंपनी ने गेंद से ऐसा कहर ढाया कि आंकड़ेविदों को कुछ पन्न पलटने पड़े. बता दें कि रिकॉर्डों का स्तर भी अब ऊंचा हो चला है. नए-नए पहलुओं की गणना हो रही है. पहले ही दिन पर्थ में कुल मिलाकर 17 विकेट गिरे और ऐसा ऑस्ट्रेलिया जमीं पर 1952 के बाद पहली बार हुआ.यह भी अपने आप में एक संयोग ही है कि सभी 17 विकेट पेसरों ने चटकाए. बहरहाल, मुद्दे पर लौटते हैं. वह खास बात, जिसने इस 17 विकेट की कहानी गढ़ने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई.
यह औसत सबकुछ कहने को काफी है!
पर्थ टेस्ट के पहले दिन गेंद औसतन गेंद 0.793 से ज्यादा डिग्री पर सीम ( गेंद का टप्पा पड़कर गेंद बाहर या अंदर जाना) की. यही वजह रही कि इसके कारण विराट जैसा बल्लेबाज पलक झपकाता रह गया, तो कंगारू बल्लेबाज अपनी ही चिर-परिचित पिच पर पस्त हो गए. नतीजा यह हुआ कि यह क्रिकेट इतिहास में ऐसा खास दिन बन गया, जब ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों का बैटिंग औसत 10.64 (181 रन के लिए 17 विकेट गिरे) रहा , लेकिन इससे भी बुरा हाल साल 2022 में हुआ था.
यह आंकड़ा तो और भी बुरा है!
इससे बुरा आकंड़ा साल 2002 में ब्रिस्बेन में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट के दूसरे दिन हुआ था. तब गेंद औसतन 0.810 डिग्री पर सीम हुई थी, तो इस दिन 165 रन पर गिरए 18 विकेटों का औसत 9.16 का था. मतलब यह तस्वीर भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए हाल से भी खराब है.
अब यही देखना बाकी है कि...
कुल मिलाकर पर्थ टेस्ट के पहले ही दिन ने एक बात साफ कर दी है कि यहां परिणाम निकलेगा ही निकलेगा. बस यही देखना बाकी है कि कौन सी टीम खुद को बचा पाने में सफल रह बाती है? जी हां, भारत के पलटवार के बावजूद यह कहना मुश्किल है कि मेहमान टीम जीतेगी ही जितेगी. लेकिन हो रही सीम ने कसम से आग लगा दी है!
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