चोटों के कारण आशीष नेहरा का करियर बुरी तरह से प्रभावित रहा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच बुधवार को दिल्ली के कोटला मैदान पर खेला जाएगा. टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए यह एक तरह से भावुक क्षण होगा क्योंकि टीम के वरिष्ठ तेज गेंदबाज आशीष नेहरा इस मैच के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. हालांकि यह अभी तय नहीं है कि नेहरा अपने होमग्राउंड पर होने वाले इस मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे या नहीं, लेकिन फैंस की इच्छा है कि उन्हें विदाई मैच में खेलने का अवसर मिले.
बाएं हाथ के गेंदबाज नेहरा भारतीय टीम की कई सफलताओं का हिस्सा रहे हैं. हालांकि चोटों के कारण उनका करियर बुरी तरह से प्रभावित रहा लेकिन अपने जीवट की बदौलत उन्होंने हर बार न सिर्फ टीम में वापसी की बल्कि अच्छा प्रदर्शन भी किया. नेहरा अच्छी खासी गति के साथ गेंद को विकेट के दोनों ओर स्विंग कराने में सक्षम हैं और उनका सामना करना विपक्षी बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता. डेथ ओवर्स में गेंदबाजी के मामले में भी वे बेजोड़ हैं. क्रिकेटप्रेमियों के जेहन में अभी भी वर्ल्डकप 2003 के उस मैच की याद ताजा है जब दिल्ली के इस छरहरे गेंदबाज ने इंग्लैंड को अकेले दम पर हार के लिए मजबूर कर दिया था. मैच में आशीष ने 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे जो कि वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण है. इस वर्ल्डकप में सौरव गांगुली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची थी और उपविजेता रही थी.
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बहरहाल, हम इंग्लैंड के खिलाफ जिस मैच की चर्चा कर रहे हैं वह 26 फरवरी 2006 को खेला गया था. टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 250 रन बनाए थे. उस समय की इंग्लैंड टीम में मार्कस ट्रेस्कोथिक, निक नाइट, माइकल वॉन, नासिर हुसैन, एलेक स्टीवर्ट, एंड्रयू फ्लिंटाफ और पॉल कालिंगवुड जैसे बेहतरीन बल्लेबाज थे. ऐसे में विपक्षी टीम पर जीत के लिए दारोमदार गेंदबाजों के प्रदर्शन पर टिका था. नेहरा ने इस मैच में टीम इंडिया की गेंदबाजी की अगुवाई की और इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़कर रख दी. उनकी आउट स्विंग गेंदों के आगे इंग्लिश बल्लेबाज नाचते नजर आए. वे या तो विकेट के पीछे कैच आउट हुए या स्लिप में लपके गए. इस खास दिन आशीष का प्रदर्शन पूरे शबाब पर था और उन्होंने अकेले दम पर इंग्लैंड की मजबूत बैटिंग को तहस-नहस करके रख दिया. मैच में उन्होंने वान, नासिर हुसैन, स्टीवर्ट, कॉलिंगवुड, क्रेग वाइट और आलराउंडर रोनी ईरानी का आउट किया. 10 ओवर के अपने यादगार स्पैल में उन्होंने दो ओवर मेडन रखते हुए 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे. नेहरा के प्रदर्शन के कारण ही भारतीय टीम इस मैच को 82 रन के बड़े अंतर से जीतने में सफल रही थी.
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वर्ष 1999 में इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज करने वाले ''नेहराजी'' करीब 19 साल के करियर में लगातार चोटों के कारण 17 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी20 मैच ही खेल पाए. टेस्ट में 44, वनडे में 157 और टी20 में 34 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं. नेहरा वर्ष 2011 में वर्ल्डकप चैंपियन बनी भारतीय टीम के भी सदस्य थे. यह अलग बात है कि पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में हुए सेमीफाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद वे चोटिल हो गए थे और फाइनल मैच नहीं खेल पाए थे.
बाएं हाथ के गेंदबाज नेहरा भारतीय टीम की कई सफलताओं का हिस्सा रहे हैं. हालांकि चोटों के कारण उनका करियर बुरी तरह से प्रभावित रहा लेकिन अपने जीवट की बदौलत उन्होंने हर बार न सिर्फ टीम में वापसी की बल्कि अच्छा प्रदर्शन भी किया. नेहरा अच्छी खासी गति के साथ गेंद को विकेट के दोनों ओर स्विंग कराने में सक्षम हैं और उनका सामना करना विपक्षी बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता. डेथ ओवर्स में गेंदबाजी के मामले में भी वे बेजोड़ हैं. क्रिकेटप्रेमियों के जेहन में अभी भी वर्ल्डकप 2003 के उस मैच की याद ताजा है जब दिल्ली के इस छरहरे गेंदबाज ने इंग्लैंड को अकेले दम पर हार के लिए मजबूर कर दिया था. मैच में आशीष ने 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे जो कि वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण है. इस वर्ल्डकप में सौरव गांगुली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची थी और उपविजेता रही थी.
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बहरहाल, हम इंग्लैंड के खिलाफ जिस मैच की चर्चा कर रहे हैं वह 26 फरवरी 2006 को खेला गया था. टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 250 रन बनाए थे. उस समय की इंग्लैंड टीम में मार्कस ट्रेस्कोथिक, निक नाइट, माइकल वॉन, नासिर हुसैन, एलेक स्टीवर्ट, एंड्रयू फ्लिंटाफ और पॉल कालिंगवुड जैसे बेहतरीन बल्लेबाज थे. ऐसे में विपक्षी टीम पर जीत के लिए दारोमदार गेंदबाजों के प्रदर्शन पर टिका था. नेहरा ने इस मैच में टीम इंडिया की गेंदबाजी की अगुवाई की और इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़कर रख दी. उनकी आउट स्विंग गेंदों के आगे इंग्लिश बल्लेबाज नाचते नजर आए. वे या तो विकेट के पीछे कैच आउट हुए या स्लिप में लपके गए. इस खास दिन आशीष का प्रदर्शन पूरे शबाब पर था और उन्होंने अकेले दम पर इंग्लैंड की मजबूत बैटिंग को तहस-नहस करके रख दिया. मैच में उन्होंने वान, नासिर हुसैन, स्टीवर्ट, कॉलिंगवुड, क्रेग वाइट और आलराउंडर रोनी ईरानी का आउट किया. 10 ओवर के अपने यादगार स्पैल में उन्होंने दो ओवर मेडन रखते हुए 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे. नेहरा के प्रदर्शन के कारण ही भारतीय टीम इस मैच को 82 रन के बड़े अंतर से जीतने में सफल रही थी.
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वर्ष 1999 में इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज करने वाले ''नेहराजी'' करीब 19 साल के करियर में लगातार चोटों के कारण 17 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी20 मैच ही खेल पाए. टेस्ट में 44, वनडे में 157 और टी20 में 34 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं. नेहरा वर्ष 2011 में वर्ल्डकप चैंपियन बनी भारतीय टीम के भी सदस्य थे. यह अलग बात है कि पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में हुए सेमीफाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद वे चोटिल हो गए थे और फाइनल मैच नहीं खेल पाए थे.
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