नई दिल्ली:
बीते नवंबर महीने में बल्लेबाजों ने पिच पर त्योहार मनाया और लगा कि टेस्ट क्रिकेट की रौनक लौट आई है। एक महीने में टेस्ट में रोमांच के एक साथ कई लम्हे आए। जरा इन आंकड़ों पर ग़ौर फ़रमाइए− 30 दिन के महीने में बल्लेबाज़ों ने दुनिया भर में 27 शतक लगाए। इस दौरान 5 दोहरे शतक लगे और क़रीब 10 हज़ार (9629) रन बने।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क अपने करियर के बेहतरीन फ़ॉर्म में दिखे। क्लार्क की तुलना सर डॉन ब्रैडमैन से होने लगी, जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए बेहतरीन तोहफ़ा है। न सिर्फ़ स्टीव वॉ और शेन वॉर्न जैसे ऑस्ट्रेलियाई दिगगज क्लार्क की तारीफ़ करते दिखे, बल्कि सर विवियन रिचर्ड्स भी क्लार्क के कायल होते नज़र आए।
एडिलेड टेस्ट में क्लार्क ने 40 चौके और एक छक्का लगाकर 257 गेंदों पर 230 रन बनाए। विव रिचर्ड्स ने कहा, शानदार...बेहद शानदार। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि क्लार्क ने जिस तरह से इस काम को अंजाम तक पहुंचाया, लगा कि बल्ला एक जल्लाद के हाथ में है जो सटीक है और बखूबी अपना काम कर रहा है। कप्तान माइकल क्लार्क ने इसी महीने दुनिया की नंबर वन टीम के ख़िलाफ़ दो दोहरे शतक ठोके। ज़ाहिर है करियर के इस दौर को वह हमेशा अपनी यादों में संजोकर रखेंगे।
अहमदाबाद में चेतेश्वर पुजारा का दोहरा शतक टीम इंडिया के लिए भी राहत की ख़बर लेकर आया। पुजारा इस सवाल का जवाब बनते नज़र आ रहे हैं कि द्रविड़ के बाद भारत की दूसरी दीवार कौन बन पाएगा। पुजारा ने पहले अहमदाबाद और फिर मुंबई की उस मुश्किल पिच पर भी शतक जमाया, जहां दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ फ्लॉप रहे। विदेशी पिचों पर पुजारा खुद को साबित कर दें, तो मिडिल ऑर्डर में खाली हो रहे बड़े जगह की भरपाई हो जाएगी।
अहमदाबाद में वीरेन्द्र सहवाग की शतकीय पारी सहवाग और उनके फ़ैन्स के लिए राहत की बात रही। सहवाग ने दो साल बाद शतकीय पारी खेली। ये शतक उनके आलोचकों के लिए जवाब बन कर आया, क्योंकि सहवाग के फ़ॉर्म को देखकर माना जा रहा था कि सहवाग का क्रिकेटर करियर ख़त्म होने वाला है।
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ ही सही, मार्लन सैमुअल्स ने खुलना में अपने करियर की बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 260 रन बनाए और विंडीज़ को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जीत हासिल करवाने में बड़ा रोल अदा किया।
दरअसल, वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने इस महीने सबसे ज्यादा शतकों में बात की। विंडीज़ के बल्लेबाज़ों ने नवंबर, 2012 में सात शतकीय पारियां खेलीं, तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने छह। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ों ने चार, भारत और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने तीन−तीन और न्यूज़ीलैंड तथा बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों ने दो−दो शतक लगाए।
इसी महीने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ खुलना टेस्ट के दौरान बांग्लादेश के अबुल हसन ने शतकीय पारी खेल कर सबको चौंका दिया। इस शतक में खास बात यह रही कि अपने पहले ही टेस्ट में 20 साल के अबुल हसन ने 10वें नंबर पर आकर शतक जमाया। क्रिकेट इतिहास में 110 साल बाद यह कारनामा सिर्फ़ दूसरी बार हुआ। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के रेगी डफ़ ने 1902 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर यह कारनामा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ किया था।
एडिलेड टेस्ट से पहले दक्षिण अफ्रीका के फ़ैफ़ डु प्लेसिस की छवि सिर्फ ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ की ही थी। इस वक्त तक वन-डे में भी कोई शतक उनके नाम नहीं था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहला टेस्ट खेल रहे डु प्लेसिस पिच पर एकदम से जम गए और ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत हासिल नहीं कर पाई। डु प्लेसिस ने 376 गेंदों पर नाबाद 110 रन बनाए और इस लम्हे को हमेशा के लिए यादगार बना गए।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क अपने करियर के बेहतरीन फ़ॉर्म में दिखे। क्लार्क की तुलना सर डॉन ब्रैडमैन से होने लगी, जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए बेहतरीन तोहफ़ा है। न सिर्फ़ स्टीव वॉ और शेन वॉर्न जैसे ऑस्ट्रेलियाई दिगगज क्लार्क की तारीफ़ करते दिखे, बल्कि सर विवियन रिचर्ड्स भी क्लार्क के कायल होते नज़र आए।
एडिलेड टेस्ट में क्लार्क ने 40 चौके और एक छक्का लगाकर 257 गेंदों पर 230 रन बनाए। विव रिचर्ड्स ने कहा, शानदार...बेहद शानदार। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि क्लार्क ने जिस तरह से इस काम को अंजाम तक पहुंचाया, लगा कि बल्ला एक जल्लाद के हाथ में है जो सटीक है और बखूबी अपना काम कर रहा है। कप्तान माइकल क्लार्क ने इसी महीने दुनिया की नंबर वन टीम के ख़िलाफ़ दो दोहरे शतक ठोके। ज़ाहिर है करियर के इस दौर को वह हमेशा अपनी यादों में संजोकर रखेंगे।
अहमदाबाद में चेतेश्वर पुजारा का दोहरा शतक टीम इंडिया के लिए भी राहत की ख़बर लेकर आया। पुजारा इस सवाल का जवाब बनते नज़र आ रहे हैं कि द्रविड़ के बाद भारत की दूसरी दीवार कौन बन पाएगा। पुजारा ने पहले अहमदाबाद और फिर मुंबई की उस मुश्किल पिच पर भी शतक जमाया, जहां दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ फ्लॉप रहे। विदेशी पिचों पर पुजारा खुद को साबित कर दें, तो मिडिल ऑर्डर में खाली हो रहे बड़े जगह की भरपाई हो जाएगी।
अहमदाबाद में वीरेन्द्र सहवाग की शतकीय पारी सहवाग और उनके फ़ैन्स के लिए राहत की बात रही। सहवाग ने दो साल बाद शतकीय पारी खेली। ये शतक उनके आलोचकों के लिए जवाब बन कर आया, क्योंकि सहवाग के फ़ॉर्म को देखकर माना जा रहा था कि सहवाग का क्रिकेटर करियर ख़त्म होने वाला है।
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ ही सही, मार्लन सैमुअल्स ने खुलना में अपने करियर की बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 260 रन बनाए और विंडीज़ को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जीत हासिल करवाने में बड़ा रोल अदा किया।
दरअसल, वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों ने इस महीने सबसे ज्यादा शतकों में बात की। विंडीज़ के बल्लेबाज़ों ने नवंबर, 2012 में सात शतकीय पारियां खेलीं, तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने छह। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ों ने चार, भारत और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों ने तीन−तीन और न्यूज़ीलैंड तथा बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों ने दो−दो शतक लगाए।
इसी महीने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ खुलना टेस्ट के दौरान बांग्लादेश के अबुल हसन ने शतकीय पारी खेल कर सबको चौंका दिया। इस शतक में खास बात यह रही कि अपने पहले ही टेस्ट में 20 साल के अबुल हसन ने 10वें नंबर पर आकर शतक जमाया। क्रिकेट इतिहास में 110 साल बाद यह कारनामा सिर्फ़ दूसरी बार हुआ। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के रेगी डफ़ ने 1902 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर यह कारनामा इंग्लैंड के ख़िलाफ़ किया था।
एडिलेड टेस्ट से पहले दक्षिण अफ्रीका के फ़ैफ़ डु प्लेसिस की छवि सिर्फ ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ की ही थी। इस वक्त तक वन-डे में भी कोई शतक उनके नाम नहीं था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहला टेस्ट खेल रहे डु प्लेसिस पिच पर एकदम से जम गए और ऑस्ट्रेलियाई टीम जीत हासिल नहीं कर पाई। डु प्लेसिस ने 376 गेंदों पर नाबाद 110 रन बनाए और इस लम्हे को हमेशा के लिए यादगार बना गए।
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