खास बातें
- पिछले 16 महीनों में रहाणे हमेशा टीम में चुने गए, लेकिन अंतिम एकादश में उन्हें कभी जगह नहीं मिल पाई, और उन्होंने केवल मैदान तक पानी ले जाने की भूमिका ही निभाई।
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ दिल्ली में शुक्रवार को शुरू हुए शृंखला के चौथे और आखिरी मैच से अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले अजिंक्य रहाणे को 16 महीने और 16 टेस्ट मैचों के इंतज़ार के बाद यह मौका मिला है।
दरअसल, अजिंक्य को सबसे पहले नवंबर, 2011 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ घरेलू शृंखला के लिए टेस्ट टीम में चुना गया था, और उन्हें जल्द ही टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण की उम्मीद रही थी, लेकिन मुंबई के इस बल्लेबाज का इंतज़ार 16 टेस्ट मैचों तक खिंचा, और अब फिरोजशाह कोटला मैदान पर समाप्त हुआ है।
पिछले 16 महीनों में रहाणे हमेशा टीम इंडिया में चुने गए, लेकिन अंतिम एकादश में उन्हें कभी जगह नहीं मिल पाई। वह इस दौरान टीम के साथ महज पर्यटक बने रहे और उन्होंने केवल मैदान तक पानी ले जाने की भूमिका ही निभाई। बहरहाल, आज अजिंक्य रहाणे भारत की तरफ से टेस्ट मैच खेलने वाले 278वें खिलाड़ी बन गए हैं।
पिछले छह साल में वह मुंबई के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। इससे पहले टेस्ट टीम में पदार्पण करने वाले मुंबई के आखिरी खिलाड़ी रमेश पोवार थे, जिन्होंने वर्ष 2007 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। यह तथ्य इसलिए महत्वपूर्ण है कि कभी भारतीय क्रिकेट में मुंबई का दबदबा रहता था।
वैसे रहाणे ने गुरुवार को जिस तरह नेट्स पर कड़ा अभ्यास किया था, उससे लग ही रहा था कि टीम प्रबंधन उनका लंबा इंतज़ार यहां खत्म कर देगा। दरअसल, मोहाली में खेले गए शृंखला के तीसरे मैच से टेस्ट पदार्पण करने वाले दिल्ली के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन फील्डिंग के दौरान चोटिल हो गए थे, इसलिए टीम में जगह खाली हो गई। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि मुंबई की ओर से पारी का आगाज़ कर चुके अजिंक्य रहाणे भारतीय टीम में संभवत: मध्यक्रम में बल्लेबाजी करेंगे।
रहाणे ने अपना पिछला मैच ईरानी ट्राफी के दौरान मुंबई की तरफ शेष भारत के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने 83 और 25 रन बनाए थे। उन्होंने अब तक 60 प्रथम श्रेणी मैचों में 62.04 की शानदार औसत से 5,460 रन बनाए हैं, जिनमें 19 शतक और 22 अर्द्धशतक शामिल हैं।