अमित मिश्रा ने अपने लेग स्पिन का जादू दिखाते हुए वनडे करियर में दूसरी बार 5 विकेट झटके
नई दिल्ली:
टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज का पांचवां और आख़िरी वनडे 190 रन के बड़े अंतर से जीता. टीम इंडिया की जीत में कई कारण अहम रहे. पूरी सीरीज़ में फ़्लॉप रहे रोहित शर्मा ने अपनी वापसी का भरोसा दिलाया तो सीरीज़ में सफल रहे अमित मिश्रा ने एक बार फिर दमदार प्रदर्शन किया. आइए एक नजर डालते हैं उन कारणों पर जिनके चलते टीम इंडिया रिकॉर्ड जीत दर्ज करने में कामयाब रही.
1. रोहित शर्मा का लय में लौटना
रोहित शर्मा की टैलेंट के मामले में कभी सचिन तेंदुलकर से तुलना होती थी, लेकिन समय के साथ सफ़ेद कपड़ों में वो कुछ ख़ास नहीं कर सके. वनडे में रोहित का जलवा क़रीब-क़रीब हर मैच में देखने को मिलता रहा, लेकिन न्यूज़ीलैंड सीरीज़ में रोहित का टैलेंट और फ़ॉर्म नदारद रहा. पहले ही मैच से वो लय में नहीं दिखे. 14, 15, 13, 11 का स्कोर बनाने के बाद विशाखापत्तनम में रोहित ने 70 रन की पारी में अपनी वापसी का भरोसा दिलाया. रोहित ने 65 गेंदों पर 70 रन की पारी खेली. इस दौरान रोहित के बल्ले से 5 चौके और 3 छक्के निकले. स्लो पिच पर रोहित की पारी में सबसे ख़ास शॉट रहा जेम्स नीशम की गेंद पर 12वें ओवर में एक शानदार छक्का.
2. विराट कोहली की 65 रनों की मजबूत पारी
सचिन की तरह विराट कोहली के बल्ले का चलना टीम इंडिया की जीत तय कर देता है. ये बात एक बार फिर साबित हो गई. विराट ने पहले रोहित के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 79 रन जोड़े फिर तीसरे विकेट के लिए कप्तान एमएस धोनी के साथ मिलकर 71 रन जोड़े. विराट जब तक विकेट पर रहे भारतीय टीम एक बड़ा स्कोर बनाते नज़र आई, लेकिन उनके आउट होने के बाद टीम इंडिया 269 रन से आगे नहीं जा सकी. कोहली ने मैच दर मैच अपनी बल्लेबाज़ी में बदलाव किए हैं और ये विशाखापटनम में भी नज़र आया. पिच के मुताबिक कोहली अपने शॉट सेलेक्शन में बदलाव कर रन बटोरते रहे और 76 गेंद पर 65 रन बनाए. कोहली ने इस दौरान सिर्फ़ 2 चौके और 1 छक्का लगाया. ज़ाहिर है फ़ैन्स को कोहली के संयम का अंदाज़ा इससे हो सकता है.
3. धोनी और केदार जाधव की महत्वपूर्ण पारियां
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर चार नंबर पर बैंटिंग करने आए. 38वें ओवर की तीसरी गेंद पर सैंटनर की गेंद पर आउट होने से पहले महेंद्र सिंह धोनी 59 गेंदों पर चार चौकों और 1 छक्के की मदद से शानदार 41 रन बनाए. वहीं केदार जाधव ने भी 39 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसके चलते भारत 270 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य देने में कामयाब रहा.
4. अमित मिश्रा का शानदार प्रदर्शन
अमित मिश्रा के लिए विशाखापटनम वनडे किसी सपने से कम नहीं रहा. मिश्रा ने अपने लेग स्पिन का जादू दिखाते हुए वनडे करियर में दूसरी बार 5 विकेट झटके. मैच में मिश्रा ने दो कीवी बल्लेबाज़ों की गिल्लियां उड़ाकर अपनी स्पिन का लोहा मनवाया. जीत के बाद मिश्रा ने अपने प्रदर्शन के लिए अपने साथी खिलाड़ियों को मुश्किल समय में सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद कहा. यहां कप्तान एमएस धोनी का ज़िक्र करना ज़रूरी हो जाता है. मिश्रा के मुताबिक वो थोड़ा नर्वस थे, लेकिन धोनी ने संयम रखने की सलाह देते हुए विकेट टू विकेट गेंद करने को कहा जिससे उनका काम आसान हो गया.
5. भारत की शानदार फील्डिंग
भारतीय टीम की फील्डिंग भी शानदार रही. खास करके कोहली ने कई बार डाइव लगाकर कई रन बचाए.
1. रोहित शर्मा का लय में लौटना
रोहित शर्मा की टैलेंट के मामले में कभी सचिन तेंदुलकर से तुलना होती थी, लेकिन समय के साथ सफ़ेद कपड़ों में वो कुछ ख़ास नहीं कर सके. वनडे में रोहित का जलवा क़रीब-क़रीब हर मैच में देखने को मिलता रहा, लेकिन न्यूज़ीलैंड सीरीज़ में रोहित का टैलेंट और फ़ॉर्म नदारद रहा. पहले ही मैच से वो लय में नहीं दिखे. 14, 15, 13, 11 का स्कोर बनाने के बाद विशाखापत्तनम में रोहित ने 70 रन की पारी में अपनी वापसी का भरोसा दिलाया. रोहित ने 65 गेंदों पर 70 रन की पारी खेली. इस दौरान रोहित के बल्ले से 5 चौके और 3 छक्के निकले. स्लो पिच पर रोहित की पारी में सबसे ख़ास शॉट रहा जेम्स नीशम की गेंद पर 12वें ओवर में एक शानदार छक्का.
2. विराट कोहली की 65 रनों की मजबूत पारी
सचिन की तरह विराट कोहली के बल्ले का चलना टीम इंडिया की जीत तय कर देता है. ये बात एक बार फिर साबित हो गई. विराट ने पहले रोहित के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 79 रन जोड़े फिर तीसरे विकेट के लिए कप्तान एमएस धोनी के साथ मिलकर 71 रन जोड़े. विराट जब तक विकेट पर रहे भारतीय टीम एक बड़ा स्कोर बनाते नज़र आई, लेकिन उनके आउट होने के बाद टीम इंडिया 269 रन से आगे नहीं जा सकी. कोहली ने मैच दर मैच अपनी बल्लेबाज़ी में बदलाव किए हैं और ये विशाखापटनम में भी नज़र आया. पिच के मुताबिक कोहली अपने शॉट सेलेक्शन में बदलाव कर रन बटोरते रहे और 76 गेंद पर 65 रन बनाए. कोहली ने इस दौरान सिर्फ़ 2 चौके और 1 छक्का लगाया. ज़ाहिर है फ़ैन्स को कोहली के संयम का अंदाज़ा इससे हो सकता है.
3. धोनी और केदार जाधव की महत्वपूर्ण पारियां
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर चार नंबर पर बैंटिंग करने आए. 38वें ओवर की तीसरी गेंद पर सैंटनर की गेंद पर आउट होने से पहले महेंद्र सिंह धोनी 59 गेंदों पर चार चौकों और 1 छक्के की मदद से शानदार 41 रन बनाए. वहीं केदार जाधव ने भी 39 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसके चलते भारत 270 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य देने में कामयाब रहा.
4. अमित मिश्रा का शानदार प्रदर्शन
अमित मिश्रा के लिए विशाखापटनम वनडे किसी सपने से कम नहीं रहा. मिश्रा ने अपने लेग स्पिन का जादू दिखाते हुए वनडे करियर में दूसरी बार 5 विकेट झटके. मैच में मिश्रा ने दो कीवी बल्लेबाज़ों की गिल्लियां उड़ाकर अपनी स्पिन का लोहा मनवाया. जीत के बाद मिश्रा ने अपने प्रदर्शन के लिए अपने साथी खिलाड़ियों को मुश्किल समय में सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद कहा. यहां कप्तान एमएस धोनी का ज़िक्र करना ज़रूरी हो जाता है. मिश्रा के मुताबिक वो थोड़ा नर्वस थे, लेकिन धोनी ने संयम रखने की सलाह देते हुए विकेट टू विकेट गेंद करने को कहा जिससे उनका काम आसान हो गया.
5. भारत की शानदार फील्डिंग
भारतीय टीम की फील्डिंग भी शानदार रही. खास करके कोहली ने कई बार डाइव लगाकर कई रन बचाए.
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