
फोटो सौजन्य : AFP
नई दिल्ली:
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 की टीम का चयन हुआ था, तब पहली बार एक नया नाम भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने सुना, वह था श्रीनाथ अरविंद का नाम। तमाम लोगों के लिए यह नाम कुछ नया था। आइए जानें टीम इंडिया के लिए खेलने वाले इस तेज गेंदबाज के बारे में कुछ खास बातें...
1. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का चयन पूरी तरह प्रतिभा का सम्मान है। भारतीय टीम में आजकल सभी आलोचक गेंदबाजी को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं और ऐसे में गेंदबाजी में वेरिएशन लाने के लिए बाएं हाथ के इस गेंदबाज का चयन किया गया है। अमूमन यह माना जाता है कि बाएं हाथ का गेंदबाज दाएं हाथ के बल्लेबाजों को दिक्कत देता है।
2. अभी शनिवार को रणजी मैच में कर्नाटक की ओर से खेलते हुए अरविंद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 40 रन देकर विदर्भ के चार बल्लेबाजों को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। इस खेल के दम पर कर्नाटक ने विदर्भ की हालत ख़राब कर दी है।
3. आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर के लिए खेलने वाले अरविंद ने 2011 में टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। अरविंद ने 13 मैच में 21 विकेट हासिल किए थे। अपने इस धमाकेदार प्रदर्शन के कारण उनका चयन 2011 में ही इंग्लैंड के खिलाफ एक दिवसीय सीरीज के लिए तो हुआ, लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
(फोटो सौजन्य : PTI)
4. एक शानदार शुरुआत के बाद, अरविंद का समय कुछ खराब रहा। घुटने की चोट के कारण एक महीने तक वह खेल से बाहर रहे। उनकी गेंदबाजी में भी कुछ फर्क दिखाई दिया और उनका परफॉर्मेंस भी गिरा।
5. 2012 के आईपीएल में इसी खराब फॉर्म की वजह से अरविंद को सिर्फ एक मैच में मौका मिला। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए इस मैच में भी अजिंक्य रहाणे ने उनके एक ओवर में सभी छह गेंदों पर छह चौके जमाए थे। हाल यह था कि तीन ओवर में 48 रन देकर अरविंद की इकोनोमी 16 रन प्रति ओवर की हो गई।
6. बुरे दिनों के बाद अरविंद के लिए फिर समय बदला और कड़ी मेहनत ने उनका साथ दिया। 2014-15 के रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के गेंदबाजों में उन्हें चयनित किया गया और खेले गए 11 मैचों में अरविंद ने 44 विकेट लिए। अरविंद की गेंदबाजी का असर था कि कर्नाटक ने रणजी का खिताब अपने नाम किया।
7. 2015 के आईपीएल मैच में अरविंद ने आठ विकेट लिये जिसमें किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 4/27 का उन्हें बेस्ट परफॉर्मेंस रहा। लेकिन अपनी लगातार सुधरती गेंदबाजी से उन्होंने चयनकर्ताओं के सामने गेंदबाजी के विकल्पों में अपना नाम शामिल करने को विवश कर दिया था।
8. अरविंद का कहना है कि जहीर खान ने गेंदबाजी में सुधार में काफी मदद की है। साथ ही मिशेल स्टार्क का भी उनकी गेंदबाजी में असर दिखता है।
9. अरविंद भले ही 31 साल के हों, लेकिन वह इस मामले में खास हैं कि इस वक्त घरेलू क्रिकेट में भी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज कम ही हैं। जबकि बाएं हाथ का गेंदबाज किसी भी टीम की गेंदबाजी यूनिट के लिए खास होता है क्योकि वह आक्रमण को विविधता देता है अौर दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करता है। इस समय भारतीय टीम में भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, वरुण एरोन अौर इशांत शर्मा से लेकर मोहित शर्मा तक सभी दाएं हाथ के गेंदबाज हैं।
10. अपने क्रिकेट करियर में फर्स्ट क्लास मैचों में अब तक अरविंद ने 41 मैचों में 130 विकेट लिए हैं। लिस्ट-ए सीरीज में भी 24 मैच खेलने के बाद अरविंद ने 40 विकेट लिए हैं।
नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर पढ़ें टीम इंडिया के सदस्यों के नाम
1. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का चयन पूरी तरह प्रतिभा का सम्मान है। भारतीय टीम में आजकल सभी आलोचक गेंदबाजी को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं और ऐसे में गेंदबाजी में वेरिएशन लाने के लिए बाएं हाथ के इस गेंदबाज का चयन किया गया है। अमूमन यह माना जाता है कि बाएं हाथ का गेंदबाज दाएं हाथ के बल्लेबाजों को दिक्कत देता है।
2. अभी शनिवार को रणजी मैच में कर्नाटक की ओर से खेलते हुए अरविंद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 40 रन देकर विदर्भ के चार बल्लेबाजों को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। इस खेल के दम पर कर्नाटक ने विदर्भ की हालत ख़राब कर दी है।
3. आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर के लिए खेलने वाले अरविंद ने 2011 में टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। अरविंद ने 13 मैच में 21 विकेट हासिल किए थे। अपने इस धमाकेदार प्रदर्शन के कारण उनका चयन 2011 में ही इंग्लैंड के खिलाफ एक दिवसीय सीरीज के लिए तो हुआ, लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

4. एक शानदार शुरुआत के बाद, अरविंद का समय कुछ खराब रहा। घुटने की चोट के कारण एक महीने तक वह खेल से बाहर रहे। उनकी गेंदबाजी में भी कुछ फर्क दिखाई दिया और उनका परफॉर्मेंस भी गिरा।
5. 2012 के आईपीएल में इसी खराब फॉर्म की वजह से अरविंद को सिर्फ एक मैच में मौका मिला। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए इस मैच में भी अजिंक्य रहाणे ने उनके एक ओवर में सभी छह गेंदों पर छह चौके जमाए थे। हाल यह था कि तीन ओवर में 48 रन देकर अरविंद की इकोनोमी 16 रन प्रति ओवर की हो गई।
6. बुरे दिनों के बाद अरविंद के लिए फिर समय बदला और कड़ी मेहनत ने उनका साथ दिया। 2014-15 के रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के गेंदबाजों में उन्हें चयनित किया गया और खेले गए 11 मैचों में अरविंद ने 44 विकेट लिए। अरविंद की गेंदबाजी का असर था कि कर्नाटक ने रणजी का खिताब अपने नाम किया।
7. 2015 के आईपीएल मैच में अरविंद ने आठ विकेट लिये जिसमें किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 4/27 का उन्हें बेस्ट परफॉर्मेंस रहा। लेकिन अपनी लगातार सुधरती गेंदबाजी से उन्होंने चयनकर्ताओं के सामने गेंदबाजी के विकल्पों में अपना नाम शामिल करने को विवश कर दिया था।
8. अरविंद का कहना है कि जहीर खान ने गेंदबाजी में सुधार में काफी मदद की है। साथ ही मिशेल स्टार्क का भी उनकी गेंदबाजी में असर दिखता है।
9. अरविंद भले ही 31 साल के हों, लेकिन वह इस मामले में खास हैं कि इस वक्त घरेलू क्रिकेट में भी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज कम ही हैं। जबकि बाएं हाथ का गेंदबाज किसी भी टीम की गेंदबाजी यूनिट के लिए खास होता है क्योकि वह आक्रमण को विविधता देता है अौर दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा करता है। इस समय भारतीय टीम में भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, वरुण एरोन अौर इशांत शर्मा से लेकर मोहित शर्मा तक सभी दाएं हाथ के गेंदबाज हैं।
10. अपने क्रिकेट करियर में फर्स्ट क्लास मैचों में अब तक अरविंद ने 41 मैचों में 130 विकेट लिए हैं। लिस्ट-ए सीरीज में भी 24 मैच खेलने के बाद अरविंद ने 40 विकेट लिए हैं।
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