अगर आप दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में रहते हैं तो आप ध्यान रखें कि 30 सितंबर के बाद आप डीजल जनरेटर (diesel generator) सेट का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं कर सकते हैं. दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण (air pollution) की रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है. इससे दिल्ली एनसीआर के लाखों लोगों को दिक्कत होने वाली है. दिल्ली एनसीआर में बिजली के लिए एक अक्टूबर से डीजल जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा. इससे दिल्ली एनसीआर के उन लाखों लोगों को दिक्कत होने वाली है जो किसी ना किसी तरह डीजल जेनरेटर पर निर्भर हैं.
लाइट गुल होने पर सोसाइटी में डीजल जनरेटर चलते हैं. इसके लिए आपने पैसा भी दिया हुआ है. इससे सारी चीजें चल रही हैं लेकिन जब वह बैन हो जाएगा तब आप क्या करेंगे. अब दिक्कत इसलिए भी बढ़ेगी कि इस सिलसिले में सरकार की ओर से दी गई मियाद पर अभी तक अमल नहीं किया गया. आपको बता दें दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदुषण पर निगाह रखने वाले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी सीएक्यूएम ने यह निर्देश दिया. इसके तहत दिल्ली एनसीआर में सभी सेक्टरों में डीजल जेनसेट पर पाबंदी लगी. इनका औद्योगिक, कामर्शियल, रेसीडेंशियल, ऑफिस में इस्तेमाल अब नहीं किया जा सकेगा.
एक अक्टूबर से जनरेटर पर पूरी तरह पाबंदी लागू होगी. एक अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू हो रहा है जिसके तहत जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ेगा, पाबंदियां सख्त होती चली जाएंगी. इस साल जून में में सीएक्यूएम का एक निर्देश आया था जिसमें 30 सितंबर तक वैकल्पिक इंतजाम के लिए कहा गया था. पिछले साल कई सेक्टरों में रियायत दी गई थी. लगातार डुअल मोड फ्यूल यानी कि इस तरीके का जेनसेट लगाने के लिए कहा गया जो कि गैस से भी चलता हो और डीजल से भी. इमिशन कंट्रोल डिवाइस के रेट्रोफिटमेंट के लिए भी कहा गया है, कि आप यह लगाइए जिससे पॉल्यूशन कम हो.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 2022 से 2023 में इस सिलसिले में कई बार निर्देश दिए. लेकिन इन निर्देशों पर अमल करना मुश्किल इसलिए भी रहा है कि अधिकतर लोगों को ये पता ही नहीं है कि डीजल जेनसेट में सीएनजी या पीएनजी के इस्तेमाल के लिए क्या तकनीकी बदलाव किए जाएं. ऐसे में दिल्ली एनसीआर में लोगों का परेशान होना बहुत स्वाभाविक है. लेकिन बड़ी सोसाइटियों में तो ये जानकारी थी कि ऐसा कुछ आ रहा है, तैयारियां की जा सकती थीं, लेकिन अब नहीं हुईं.
अब परेशानी क्यों है? इसके कुछ मुख्य कारण आप जान लें कि कैसे यह आपके और मेरे जीवन में बहुत भारी फर्क लाएगा. नंबर वन अगल लाइट जाएगी तो बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट बंद हो सकती हैं. लाइट जाने पर अधिकतर लिफ्टों में डीजल जेनसेट का बैकअप होता है. यही नहीं अस्पतालों में आपातकालीन सेवा पर भी असर पड़ सकता है. जैसे कि आईसीयू ,आपरेशन थिएटर में दिक्कत आ सकती है. कारखानों, दफ्तरों में काम पर असर पड़ सकता है.
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