प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
खुली जगहों को लेकर मुंबई में विवाद गहराता जा रहा है। मुंबई कांग्रेस इस मामले में नया तथ्य लेकर सामने आई है। पार्टी का दावा है कि शिवसेना-बीजेपी के नेताओं ने शहर की 45 एकड़ खुली जगह हड़प ली है।
आरोप के मुताबिक इन जमीनों पर शिवसेना के मंत्री सुभाष देसाई, राज्यमंत्री रवींद्र वायकर और सांसद गजानन कीर्तिकर के अलावा बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी ने क्लब बनवाए हैं। इन नेताओं की सरपरस्ती से मुंबई में 9 आलीशान क्लब चलाए जा रहे हैं। इन क्लबों में आम आदमी के लिए प्रवेश करना आसान नहीं है।
कांग्रेस पार्टी के मुंबई अध्यक्ष संजय निरूपम ने संवाददाता सम्मलेन में यह बातें सामने रखीं। साथ ही दावा किया कि शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बने रवींद्र वायकर के क्लब पर तो BMC का 40 करोड़ रुपए का बकाया है। उनके नियंत्रण में चल रहे मातोश्री क्लब ने नियमों को ताक पर रखकर मैदान की खुली जगह पर अवैध निर्माण भी किया है।
दरअसल शहर के मैदानों को 7 साल के लिए निजी संस्थाओं को सौंपने की पहल BMC ने की है। जिस पर शुरू हुई बहस अब विवाद का रूप लेती दिख रही है। इसी के चलते कांग्रेस ने मांग की है कि BMC की पुरानी पॉलिसी के तहत हथियाए गए मैदान सबसे पहले आम आदमी को मिलें।
जिन नेताओं पर आक्षेप लगाए गए हैं, उनकी ओर से तो इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन BMC की सुधार समिति ने इस मामले में महानगरपालिका के फैसले का बचाव किया है।
सुधार समिति अध्यक्ष प्रकाश गंगाधरे का कहना है, 'जो जमीन दी गई है वो कानूनन है और वहां कुछ भी गैरकानूनी नहीं हो रहा।' वे जाते-जाते यह भी कह गए कि संजय निरूपम गुमराह कर रहे हैं।
वैसे यह मामला पिछले 10 साल से कोर्ट में अंतिम सुनवाई का इंतजार कर रहा है। वहीं इस दौरान शहर के खुले मैदानों पर क्लबों का कब्जा बना हुआ है।
आरोप के मुताबिक इन जमीनों पर शिवसेना के मंत्री सुभाष देसाई, राज्यमंत्री रवींद्र वायकर और सांसद गजानन कीर्तिकर के अलावा बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी ने क्लब बनवाए हैं। इन नेताओं की सरपरस्ती से मुंबई में 9 आलीशान क्लब चलाए जा रहे हैं। इन क्लबों में आम आदमी के लिए प्रवेश करना आसान नहीं है।
कांग्रेस पार्टी के मुंबई अध्यक्ष संजय निरूपम ने संवाददाता सम्मलेन में यह बातें सामने रखीं। साथ ही दावा किया कि शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बने रवींद्र वायकर के क्लब पर तो BMC का 40 करोड़ रुपए का बकाया है। उनके नियंत्रण में चल रहे मातोश्री क्लब ने नियमों को ताक पर रखकर मैदान की खुली जगह पर अवैध निर्माण भी किया है।
दरअसल शहर के मैदानों को 7 साल के लिए निजी संस्थाओं को सौंपने की पहल BMC ने की है। जिस पर शुरू हुई बहस अब विवाद का रूप लेती दिख रही है। इसी के चलते कांग्रेस ने मांग की है कि BMC की पुरानी पॉलिसी के तहत हथियाए गए मैदान सबसे पहले आम आदमी को मिलें।
जिन नेताओं पर आक्षेप लगाए गए हैं, उनकी ओर से तो इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन BMC की सुधार समिति ने इस मामले में महानगरपालिका के फैसले का बचाव किया है।
सुधार समिति अध्यक्ष प्रकाश गंगाधरे का कहना है, 'जो जमीन दी गई है वो कानूनन है और वहां कुछ भी गैरकानूनी नहीं हो रहा।' वे जाते-जाते यह भी कह गए कि संजय निरूपम गुमराह कर रहे हैं।
वैसे यह मामला पिछले 10 साल से कोर्ट में अंतिम सुनवाई का इंतजार कर रहा है। वहीं इस दौरान शहर के खुले मैदानों पर क्लबों का कब्जा बना हुआ है।
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