
जामिया विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने फैसला लिया है कि15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में जामिया विश्वविद्यालय कोर्ट जाएगा ताकि कोर्ट के निर्देश पर पुलिस FIR दर्ज करे. पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है. जामिया विश्वविद्यालय अब FIR दर्ज कराने के लिए कोर्ट का सहारा लेगी. NHRC की टीम ने भी घायल छात्रों और सुरक्षा कर्मियों से मिलकर उनका बयान लिया है.
जामिया विश्वविद्यालय के बाहर चल रहे धरना प्रदर्शन को महीना भर हो गया है...लेकिन अब भी सैकड़ों की तादाद में महिलाएं और युवा 15 दिसंबर को हुई हिंसा के खिलाफ विश्वविद्यालय के बाहर जमा हैं. यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं लेकिन उसके बावजूद रोज़ाना सिविल सोसाइटी, JNU और तमाम लोग देश के दूसरे हिस्सों से आकर यहां प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं.
जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों की मांग है कि लाइब्रेरी में लाठी चार्ज करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ FIR हो...हालांकि जामिया विश्वविद्यालय ने कई शिकायतें दिल्ली पुलिस को MHRD को दी हैं लेकिन FIR अब तक दर्ज नहीं हुई है. इसी के मद्देनजर जामिया विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में FIR दर्ज कराने के लिए कोर्ट जाने का फैसला किया है.
जामिया के प्रवक्ता अहमद अजीम ने कहा कि छात्रों का काफी दबाव है इसी के चलते अब EC की बैठक में फैसला लिया गया है कि हम कोर्ट जाएंगे.
उधर NHRC ने बुधवार को भी करीब 40 छात्र और सुरक्षा कर्मियों का बयान भी लिखित रूप में लिया है. अभी 18 तारीख तक NHRC 15 दिसंबर की हिंसा के शिकार और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करेंगे.
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