सेवानिवृत्त मेजर जयप्रकाश।
बेंगलुरु:
डोगरा रेजिमेंट के पूर्व मेजर एस जयप्रकाश ने शार्ट सर्विस कमीशन के तहत अपने तकरीबन 8 साल के कैरियर में शौर्य के लिए जो 4 मैडल सेना से हासिल किए थे उन्हें वे वापस करने जा रहे हैं और इसकी वजह है भ्रष्टाचार।
कर्नाटक लोक सेवा आयोग का मामला
सन 2008 में रिटायरमेंट लेने के बाद मेजर जयप्रकाश ने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया और फिर कर्नाटक लोक सेवा आयोग की परीक्षा में हिस्सा लिया। दोनों ही बार उन्होंने प्रीलिम्स और रिटन टेस्ट पास किया लेकिन इंटरव्यू में उन्हें छांट दिया गया। जयप्रकाश के मुताबिक पहले इंटरव्यू में उनसे सिर्फ एक सवाल पूछा गया कि सेना में फील्ड मार्शल कितने हैं। जयप्रकाश ने जवाब दिया दो। इस पर उनसे पूछा गया कि तीन क्यों नहीं। इससे पहले कि वे इसका जवाब देते उन्हें जाने के लिए कह दिया गया। जब वे बाहर आए तो कथित रूप से एक अधिकारी ने कहा कि इंटरव्यू की चिंता छोड़ो, असिस्टेंट कलेक्टर का पद चाहिए तो 30 लाख रुपये दो, नियुक्ति हो जाएगी। जयप्रकाश चुपचाप वहां से चले आए। ऐसा उनके साथ फिर एक बार हुआ।
राज्यपाल को लौटाएंगे मेडल
इस बार भी जयप्रकाश ने प्रीलिम्स दिया है, लेकिन अब आगे की परीक्षा वह देना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें एक बार फिर ऐसे ही दौर से गुजरना होगा। यही कारण है कि जयप्रकाश ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से अपॉइंटमेंट मांगा है ताकि वे अपने मेडल्स लौटा सकें।
भ्रष्टाचार के मामले में रुकीं नियुक्तियां
कर्नाटक लोक सेवा आयोग ने 2011 में करीब 350 उम्मीदवारों को डीएसपी और असिस्टेंट कलेक्टर सहित अलग-अलग गज़ेटेड पदों पर नियुक्ति के पत्र दिए थे। लेकिन भ्रष्टाचार का मामला उछला तो कोर्ट ने रोक के आदेश दिए। बाद में सीआईडी जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद सरकार ने इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी। अब भी मामला कोर्ट में चल रहा है।
कर्नाटक लोक सेवा आयोग का मामला
सन 2008 में रिटायरमेंट लेने के बाद मेजर जयप्रकाश ने आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए किया और फिर कर्नाटक लोक सेवा आयोग की परीक्षा में हिस्सा लिया। दोनों ही बार उन्होंने प्रीलिम्स और रिटन टेस्ट पास किया लेकिन इंटरव्यू में उन्हें छांट दिया गया। जयप्रकाश के मुताबिक पहले इंटरव्यू में उनसे सिर्फ एक सवाल पूछा गया कि सेना में फील्ड मार्शल कितने हैं। जयप्रकाश ने जवाब दिया दो। इस पर उनसे पूछा गया कि तीन क्यों नहीं। इससे पहले कि वे इसका जवाब देते उन्हें जाने के लिए कह दिया गया। जब वे बाहर आए तो कथित रूप से एक अधिकारी ने कहा कि इंटरव्यू की चिंता छोड़ो, असिस्टेंट कलेक्टर का पद चाहिए तो 30 लाख रुपये दो, नियुक्ति हो जाएगी। जयप्रकाश चुपचाप वहां से चले आए। ऐसा उनके साथ फिर एक बार हुआ।
राज्यपाल को लौटाएंगे मेडल
इस बार भी जयप्रकाश ने प्रीलिम्स दिया है, लेकिन अब आगे की परीक्षा वह देना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें एक बार फिर ऐसे ही दौर से गुजरना होगा। यही कारण है कि जयप्रकाश ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से अपॉइंटमेंट मांगा है ताकि वे अपने मेडल्स लौटा सकें।
भ्रष्टाचार के मामले में रुकीं नियुक्तियां
कर्नाटक लोक सेवा आयोग ने 2011 में करीब 350 उम्मीदवारों को डीएसपी और असिस्टेंट कलेक्टर सहित अलग-अलग गज़ेटेड पदों पर नियुक्ति के पत्र दिए थे। लेकिन भ्रष्टाचार का मामला उछला तो कोर्ट ने रोक के आदेश दिए। बाद में सीआईडी जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद सरकार ने इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी। अब भी मामला कोर्ट में चल रहा है।
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