लॉकडाउन में दिहाड़ी, निर्माण और प्रवासी मज़दूरों के लिए दिल्ली सरकार ने अफसरों की समिति बनाई है. इस समिति का काम प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को मूलभूत ज़रूरत की चीजें जैसे खाना, पानी, रहने का इंतजाम, कपड़ा और दवा, और अन्य जरूरत की चीजें मुहैया कराना सुनिश्चित करना होगा. कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को खाना,दवा और अन्य मूलभूत जरूरत की चीजें कंस्ट्रक्शन साइट पर ही उपलब्ध करानी होगी.
मजदूरों को खाना मुहैया कराने के लिए उन कांट्रेक्टर को इस्तेमाल किया जाएगा जो सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में मिड डे मील सप्लाई करते हैं. मज़दूरों की मदद और उनको मूलभूत जरूरत की चीजें मुहैया कराने के लिए दिल्ली बिल्डिंग एवं अन्य निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड का फंड इस्तेमाल किया जाएगा. सात सदस्य समिति की अध्यक्षता दिल्ली के प्रिंसिपल सेक्रेट्री (होम) करेंगे.
लॉकडाउन की घोषणा के बाद राजधानी दिल्ली से हो रहे मजदूरों के पलायन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्टेट नोडल ऑफिसर और दिल्ली पुलिस के नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की है. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की स्टेट एग्जीक्यूटिव कमेटी की तरफ से गृह विभाग के प्रधान सचिव भूपेंद्र सिंह भल्ला को स्टेट नोडल ऑफिसर बनाया गया है.
प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने, उनकी अन्य जरूरतों और उनके आवागमन से जुड़ी सभी मामलों की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह भल्ला की होगी. वे दिल्ली पुलिस के नोडल ऑफिसर के साथ मिलकर काम करेंगे. भूपेंद्र सिंह भल्ला इससे जुड़े मामले में जिलाधिकारियों और जिले के डीसीपी को जरूरत के अनुसार आदेश जारी कर सकेंगे.
सेंट्रल रेंज के स्पेशल कमिश्नर राजेश खुराना को दिल्ली पुलिस का नोडल ऑफिसर बनाया गया है. राजेश खुराना स्टेट नोडल ऑफिसर, दिल्ली सरकार और भारत सरकार के निर्देश पर दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रवासी मजदूरों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराएंगे, साथ ही प्रवासी मजदूरों के आवागमन पर भी नज़र रखेंगे.
प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने की व्यवस्था, अन्य जरूरतों और उनके आवागमन में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना नियमों के पालन आदि की जिम्मेदारी सभी जिलों के जिलाधिकारी और डीसीपी की होगी. वे इस मामले में स्टेट नोडल ऑफिसर, दिल्ली सरकार और भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार काम करेंगे.
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